सदा सुख दुःख में भागीदार बने रहने वाले ...
5 G और A I के दौर में जिम्मेदार बनें रिश्तों को सभालें
[1] :- मां बाप को सिर ऊंचा करके जीने दें,
उसे " संतान " कहते हैं।
[2] :- संकट में कंधे से कंधा मिलाकर चले,
उनका नाम " भाई " है।
[3] :- सदा सुख दुःख में भागीदार और निर्धनता, तंगी में भी साथ निभाएं ,
उसका नाम " धर्म पत्नी "
[4] :- कम या ज्यादा देने पर भी जो संतोषी बन कर ख़ुश हो जाएं,
उसका नाम " बहन , बेटी "
[5] :- चाहे जितने मतभेद हो जाए फिर भी साथ बैठकर जो विवाद को समाप्त कर दे, सुधार दे,
उसका नाम " कुटुम्ब "
[6] :- किसी भी तरह के संकट या दुःख में साथ निभाएं ,
उसका नाम " सम्बन्धी और दोस्त "
[7] :- अंदर ही अंदर पांव न खींचकर बाहर के संकट में एक होकर साथ निभाएं ,
उसका नाम ही " समाज " है।
[8] :- जो मेसेज को पढ़ कर जगत कल्याण के लिए आगे भेजे, वह व्यक्ति को,
संसार में " कल्याण कारक " के नाम से जाना जाता हैं।
भारत में इंटरनेट का इस्तेमाल 71% बढ़ा
◆ 84% लोग तो सुबह उठते ही 15 मिनट के अंदर फोन चलाने लगते हैं.
◆ BCG की रिपोर्ट में हुआ खुलासा
◆ भारत में 50% लोग स्ट्रीमिंग कंटेंट देखने के लिए फोन चलाते हैं, इसमें 18-24 साल के लोग Insta Reels, You Tube Shorts देखते हैं.
◆ फोन चलाने के दौरान 55% मामलो में लोगों को पता नहीं होता कि वे किस इरादे से फोन चला रहे हैं.
◆ 50% समय लोग किसी ना किसा काम के लिए फोन चलाते हैं.
0 Comments