गडकरी के वकील का दावा है कि कांग्रेस ने जानबूझकर एक वीडियो का एडिटेड पार्ट शेयर किया ...
नितिन गडकरी ने बोले '3 दिन में माफी मांगे खरगे-जयराम'
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और महासचिव जयराम रमेश को कानूनी नोटिस भेजा है. गडकरी की तरफ से ये नोटिस इसलिए भेजा गया है, क्योंकि केंद्रीय मंत्री का कहना है कि कांग्रेस के ऑफिशियल एक्स अकाउंट से उन्हें लेकर आपत्तिजनक कंटेट शेयर किया गया. सिर्फ इतना ही नहीं, बल्कि कांग्रेस के दोनों दिग्गज नेताओं को भेजे गए नोटिस में उनसे लिखित तौर पर माफी मांगने को भी कहा गया है.
नितिन गडकरी के वकील बालेंदु शेखर ने कहा कि बीजेपी नेता ये देखकर हैरान थे कि एक समाचार पोर्टल को दिए इंटरव्यू से 19 सेकंड की क्लिप उठाई गई. इस क्लिप में जो बातें कहीं गईं, उसका संदर्भ और अर्थ छिपा हुआ ही रह गया. नोटिस में कहा गया, 'नितिन गडकरी का इंटरव्यू तोड़-मरोड़कर पेश किया गया और फिर उसे पोस्ट किया गया. इस वीडियो का अर्थ ही छिपा दिया गया है. ऐसा ही हिंदी कैप्शन के एक हिस्से के साथ भी जानबूझकर किया गया.'
केंद्रीय मंत्री ने मांग की है कि सबसे पहले तो वीडियो को एक्स से हटाया जाए और फिर तीन दिनों के भीतर उनसे लिखित तौर पर माफी मांगी जाए. कानूनी नोटिस में कहा गया, 'ये कानूनी नोटिस आपको एक्स से पोस्ट को तुरंत हटाने के लिए कहता है. कानूनी नोटिस मिलने के बाद किसी भी हालत में पोस्ट को अगले 24 घंटे में हटाया जाए. साथ ही तीन दिनों के भीतर मेरे मुवक्किल से लिखित माफी मांगी जाए.'
नोटिस में आगे कहा गया, 'अगर ऐसा नहीं किया जाता है, तो मेरे मुवक्किल के पास आपके जोखिम और खर्च पर नागरिक एवं आपराधिक सभी कार्रवाइयों का सहारा लेने के अलावा कोई और विकल्प नहीं बचेगा.' गडकरी के वकील ने यहां तक दावा किया कि वीडियो को इसलिए शेयर किया गया, ताकि बीजेपी के भीतर अंतर्कलह फैलाई जा सके.
कांग्रेस ने जिस वीडियो को शेयर किया है, वह नितिन गडकरी के लल्लनटॉप को दिए इंटरव्यू का है. दरअसल, गडकरी देश के हालात को लेकर बात कर रहे थे. उनके इस इंटरव्यू के एक छोटे हिस्से को पार्टी ने एक्स पर शेयर किया और हिंदी में कैप्शन दिया. कांग्रेस ने वीडियो शेयर करते हुए कैप्शन में लिखा, 'आज गांव, मजदूर और किसान दुखी हैं. गांव में अच्छी सड़कें नहीं हैं, पीने के लिए पानी नहीं है, अच्छे अस्पताल नहीं हैं, अच्छे स्कूल नहीं हैं- मोदी सरकार के मंत्री नितिन गडकरी.
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