अबु धाबी में पहले हिंदू मंदिर का उद्घाटन...
बुर्ज खलीफा ही नहीं बल्कि मंदिर के लिए भी जाना जाएगा UAE : PM मोदी
संयुक्त अरब अमीरात यानी यूएई के अबु धाबी में पीएम मोदी ने बुधवार को पहले हिंदू मंदिर का उद्घाटन कर दिया है। BAPS स्वामी नारायण मंदिर काफी भव्य बनकर तैयार हुआ है। इस मौके पर यूएई के शीर्ष नेताओं समेत अभिनेता अक्षय कुमार, गायक शंकर महादेवन आदि भी अबु धाबी पहुंचे थे। पीएम मोदी ने बुधवार की शाम मंदिर का उद्घाटन किया और सभी जरूरी अनुष्ठानों के साथ मंदिर में पूजा अर्चना भी की। इसके बाद पीएम मोदी ने उद्घाटन समारोह में आए लोगों को संबोधित किया और कई बड़ी बातें कही हैं। आइए जानते हैं पीएम मोदी के संबोधन की प्रमुख बातों को। अबु धाबी में दिए अपने संबोधन में पीएम मोदी ने कहा कि आज बसंत पंचमी है। ये मां सरस्वती का पर्व है। यह चेतना की देवी हैं। जिन्होंने हमें सहयोग, समन्यव और सौहार्द्र जैसे मूल्यों को जीवन में उतारने की समझ दी है। मुझे आशा है कि मंदिर भी मानवता के लिए और बेहतर भविष्य के लिए बसंत का स्वागत करेगा। पूरी दुनिया के लिए सांप्रदायिक सौहार्द्र और वैश्विक एकता का प्रतीक बनेगा।
पीएम मोदी ने आगे कहा कि इस मंदिर को बनाने में सबसे बड़ा सहयोग मेरे ब्रदर शेख मोहम्मद बिन जायद का है। यूएई ने इतने बड़े बजट से करोड़ों भारतीयों की इच्छा को पूरा किया है। इन्होंने 140 करोड़ हिंदुस्तानियों की दिल को जीत लिया है। पीएम मोदी ने अपने संबोधन में बताया कि जब मैंने भारत के लोगों की इच्छा शेख जायद के सामने रखी तो उन्होंने तुरंत मेरे प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया। उसके लिए जमीन उपलब्ध कराई और इसके आड़ में आने वाली हर समस्या का समाधान किया। उन्होंने मंदिर का हमें दो मॉडल दिखाया। संतों ने कहा कि यूएई की सरकार जिस मॉडल को स्वीकार करेगा, वही ठीक रहेगा। मगर यूएई सरकार ने कहा कि मंदिर सिर्फ बने नहीं, बल्कि वैसा दिखे भी। यह मंदिर पूरे गौरव के साथ बने। भारत से बंधुत्व की ये भावना वाकई हमारी बहुत बड़ी पूंजी है। मंदिर की भव्यता में शेख मोहम्मद की विशाल सोच की झलक है। अब तक जो यूएई, बुर्ज खलीफा के लिए ही जाना जाता था, अब उसकी विरासत में एक और नया सांस्कृतिक अध्याय जुड़ गया है।
पीएम मोदी ने कहा कि मैं यूएई के प्रेसिडेंट को आप सबके साथ स्टैंडिंग ओवेशन देता हूं। मैं यूएई के लोगों का भी उनके सहयोग के लिए हृदय से आभार व्यक्त करता हूं। भारत और यूएई की दोस्ती को आज पूरी दुनिया में आपसी सहयोग और विश्वास के उदाहरण के तौर पर देखा जाता है। भारत इन रिश्तों को वर्तमान संबंध में केवल नहीं देखता, हमारे लिए रिश्तों की ये जड़ हजारों वर्ष पुरानी है। इस मंदिर ने हमारे अंदर नई सांस्कृतिक ऊर्जा भर दी है। यह केवल एक उपासना स्थल नहीं है। यह मानवता की साझी विरासत के हेरिटेज का प्रतीक है। यह भारत और यूएई के रिश्तों का भी प्रतीक है। पीएम मोदी ने कहा कि यह मंदिर भगवान स्वामी नरायण की कृपा का प्रतीक है। मैं देश विदेश के सभी श्रद्धालुओं को बधाई देता हूं। साथियों ये समय भारत के अमृतकाल का समय है। यह हमारी सभ्यता और संस्कृति के लिए भी अमृतकाल का समय है। अभी पिछले महीने ही अयोध्या में भव्य राम मंदिर का सदियों पुराना सपना पूरा हुआ है। रामलला अपने भवन में विराजमान हुए हैं।
पूरा भारत और हर भारतीय उस प्रेम में , उस भाव में अभी तक डूबा हुआ है। पीएम मोदी ने कहा कि अभी मेरे मित्र स्वामी जी कह रहे थे कि मोदी जी तो सबसे बड़े पुजारी हैं। मैं जानता नहीं हूं कि मैं मंदिरों की पुजारी की योग्यता रखता हूं या नहीं, लेकिन मैं इस बात का गर्व रखता हूं कि मैं मां भारती का पुजारी हूं। परमात्मा ने मुझे जो समय दिया है उसका हर पल और जो शरीर दिया है, उसका कण-कण सिर्फ और सिर्फ मां भारती के लिए है। 140 करोड़ देशवासी मेरे आराध्य देव हैं। अबु धाबी में पीएम मोदी ने अयोध्या के राम मंदिर का भी जिक्र किया। पीएम मोदी ने कहा कि अयोध्या के मेरे उस परम आनंद को आबू धाबी में मिली खुशी की लहर ने और बढ़ा दिया। ये मेरा सौभाग्य है कि पहले अयोध्या में भव्य राम मंदिर और अब आबूधाबी में इस मंदिर का साक्षी बना हूं। एक ही ईश्वर को, एक ही सत्य को विद्वान लोग अलग-अलग तरह से बताते हैं। यह दर्शन भारत की मूल चेतना का हिस्सा है।
इसलिए हम स्वभाव से ही न केवल सबको स्वीकार करते हैं, बल्कि सबका स्वागत भी करते हैं। पीएम मोदी ने बताया कि यूएई के इस मंदिर की दीवारों पर हिंदू धर्म के साथ साथ इजिप्ट और बाइबल की कहानियां भी उकेरी गई हैं। इसमें प्रवेश करते ही एकता का दर्शन होता है। पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि इस भव्य और पवित्र जगह से मैं एक और खुशखबरी देना चाहता हूं। आज यूएई के उपराष्ट्रपति और राष्ट्रपति ने भारतीयों के लिए एक अस्पताल बनाने के लिए जमीन देने की घोषणा की है। इसके लिए मैं उनका और शेख जायद का हृदय से स्वागत करता हूं। हमारे मंदिर शिक्षा और संकल्पों के केंद्र रहे हैं। हम मंदिरों से ये उद्घोष करते हैं कि प्राणियो में सद्भावना हो, विश्व का कल्याण हो। वहां हम समस्त तु वसुधैव कुटुंबकम भी सीखते हैं। यानि समस्त धरती हमारा परिवार है। जी-20 में हमने इसे साकार कर दिखाया है। सर्वे भवन्तु सुखिनः, सर्वे संतु निरामयः के विजन के साथ भारत काम कर रहा है।
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