रिजल्ट के आधार पर नियुक्ति के आदेश...
MP पटवारी परीक्षा को मिली क्लीन चिट, कांग्रेस ने की CBI जांच की मांग
मध्य प्रदेश में कर्मचारी चयन मंडल द्वारा आयोजित ग्रुप-2, सबग्रुप-4 और पटवारी परीक्षा के रिजल्ट में गड़बड़ी को क्लीन चिट दे दी है। गुरुवार को सामान्य प्रशासन विभाग की तरफ से रिजल्ट के अनुसार भर्ती करने के आदेश जारी किए है। दरअसल पटवारी परीक्षा के रिजल्ट आने के बाद गड़बड़ी के आरोप लगे थे। इन आरोपों के बाद परीक्षा परिणाम को होल्ड कर दिया गया था। शिवराज सरकार ने जांच के आदेश दिए थे और एक जांच कमेटी गठित की थी। 19 जुलाई 2023 को जस्टिस राजेंद्र वर्मा की अध्यक्षता में एक सदस्यीय जांच आयोग का गठन किया गया। आयोग को जांच के लिए 31 अगस्त तक का समय दिया गया, लेकिन इसके बाद जांच आयोग का कार्यकाल पहले 31 अक्टूबर और फिर 15 दिसंबर तक बढ़ गया।
इसके बाद नई सरकार में कार्यकाल 31 जनवरी तक बढ़ा दिया गया।जांच के बाद कमेटी ने पटवारी परीक्षा में गड़बड़ी को क्लीन चिट दे दी थी। इसके बाद सरकार को रिपोर्ट के आधार पर निर्णय लेना था। अब सामान्य प्रशासन विभाग ने पटवारी भर्ती परीक्षा के घोषित परिणाम के आधार पर नियुक्ति के निर्देश दिए है। ग्रुप-2, सब ग्रुप-4 और पटवारी भर्ती परीक्षा का रिजल्ट जारी होने के बाद सवालों के घेरे में आ गई थी। इसमें सवाल उठे कि टॉप 10 में से 7 उम्मीदवार ग्वालियर के एक ही सेंटर एनआरआई कॉलेज से थे। यहां पर 114 अभ्यार्थी चयनित हुए। टॉपर में कई छात्रों ने हिंदी में साइन किए और उनके इंग्लिश में 25 में से 25 नंबर आए।
नार्मल अभ्यर्थी का दिव्यांगता श्रेणी में चयन हुआ। इस पर जांच में रिपोर्ट में बताया गया कि एक ही सेंटर नहीं दूसरे सेंटर में भी बड़ी संख्या में अभ्यार्थी मेरिट में आए। हिंदी में हस्ताक्षर करने वाले सभी उम्मीदवारों को 25 में से 25 नंबर मिलने का आरोप सही नहीं है। टॉपर ने अलग-अलग शिफ्ट में परीक्षा दी। इसके अलावा आवेदन के समय दिव्यांगता का कोई सर्टिफिकेट नहीं मांगता। नियुक्ति से पहले दिव्यांगता सर्टिफिकेट की जांच होती है। कर्मचारी चयन मंडल ने ग्रुप-2, सबग्रुप-3 और पटवारी परीक्षा के लिए नवंबर-2022 में 9200 पद के लिए नोटिफिकेशन जारी किया था। 15 मार्च से 26 अप्रैल तक 78 सेंटर पर परीक्षाएं आयोजित हुई। इस परीक्षा में 12 लाख 7663 अभ्यार्थियों ने आवेदन किया।
जिसमें से 9 लाख 78 हजार 270 अभ्यार्थी परीक्षा में शामिल हुए। परीक्षा का 30 जून 2023 को परिणाम आया। इसमें 8617 चयनित अभ्यार्थियों की मेरिट सूची जारी हुई। बाकी पद के लिए रिजल्ट रोक दिए गए। इसके बाद ग्वालियर के एक ही सेंटर से 7 टॉपर के नाम सामने आने के बाद परीक्षा पर सवाल खड़े हुए। इसके बाद रिजल्ट रोक दिया गया। पटवारी भर्ती घोटाले के मामले में क्लीन चिट देने पर सियासत भी शुरू हो गई है। कांग्रेस ने इसे लाखों छात्रों के साथ अन्याय बताते हुए सवाल उठाए है। पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण यादव ने कहा कि व्यापम 1 और व्यापम 2 की तरह ही पटवारी भर्ती घोटाला हुआ है। सरकार ने जांच के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति करने का काम किया है। यादव ने कहा कि पटवारी भर्ती घोटाले की सीबीआई जांच होना चाहिए।
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