G News 24 : किसानों का दिल्ली कूच तो बहाना है,टारगेट पर मोदी-शाह को सत्ता से हटाना है !

 खुफिया सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक ...

किसानों का दिल्ली कूच तो बहाना है,टारगेट पर  मोदी-शाह को सत्ता से हटाना है !


नई दिल्ली। किसान एक लंबी तैयारी के साथ दिल्ली की ओर कूच कर रहे हैं। खुफिया विभाग की मानें तो इस बार किसानों के टारगेट पर प्रधानमंत्री और गृह का आवास है। किसान इन दोनों शीर्ष राजनीतिक हस्तियों के आवास का घेराव करना चाहते हैं। इसमें खुफिया विभाग को मिली जानकारी के मुताबिक विपक्ष और विदेशी तकतों से इंकार नहीं किया जा  सकता है.जो महज मोदी की सरकार को हटाने के लिए किसानो को भड़काकर अपना एजेंडा सेट  कर कर रहे रहे हैं। पिछली बार की तरह इसके लिए फंडिग विदेशों से  जाने की पूरी संभावना है जैसा कि पेहले भी खुलासा हुआ था। क्योंकि यदि ऐसा नहीं है तो केवल हरियाणा और पंजाब के किसान ही इस आंदोलन में शीर्ष भूमिका में क्यों रहते है। किसान तो पूरे देश के अन्नदाता है। आखिर उन्हें सरकार क्या कोई परेशानी नहीं है या ये विपक्ष और विदेशी ताकतों के बहकावे में नहीं फंसते  है ! 

'अन्नदाता' को जेल में डालना गलत : अरविंद केजरीवाल

ये बात जब और कंफर्म हो जाती तब केजरीवाल  कहते हैं कि  अन्नदाता' को जेल में डालना गलत तो फिर क्या दिल्ली को इसी प्रकार जंग का मैदान बने रहना उचित है। लोगों को यूं  जाम रखना कहां तक उचित है। लाखों की भीड़ जुटने देना कहां तक उचित है.भीड़ अगर बे काबू हुई तो फिर क्या होगा। इसे भी ध्यान में रखना जरूरी है।  जानकारी के मुताबिक बॉर्डर के आसपास के रिमोट एरिया और जिन रास्तों से वाहन नहीं जा सकते, वहां से पैदल ही किसानों का जत्था दिल्ली में घुसने का प्रयास करेगा। ऐसी जानकारी मिली है कि 1500 ट्रैक्टर और 500 से ज्यादा वाहनों के साथ पंजाब से किसानों ने दिल्ली कूच किया है। किसान दिल्ली में शम्भू बॉर्डर (अंबाला), खनोरी (जींद) और डबवाली (सिरसा) की तरफ से दिल्ली तक पहुंचने की कोशिश करेंगे। इस बीच शंभू बॉर्डर से दिल्ली में दाखिल होने की कोशिश कर रहे किसानों का पुलिस से सामना भी हो रहा है। यहां किसानों को तितर बितर करने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले भी दागे। 

किसान अपने साथ ट्रैक्टरों में ला रहे 6 महीने का राशन

वहीं खुफिया विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक किसान अपने साथ ट्रैक्टरों में करीब 6 महीने का राशन भी भरकर ला रहे हैं। इससे पहले केएमएससी की कोर कमेटी और बड़े किसान नेताओं ने हाल में इस मार्च में हिस्सा के लिए केरला, यूपी, बिहार, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, उत्तराखंड और तमिलनाडु के दौरा भी किया था। किसानों ने ट्रैक्टर और ट्रॉली को होम स्टे या फिर कहे तो शेल्टर होम की तर्ज पर तैयार किया है ताकि अगर टकराव के हालात बनें तो लंबे समय तक किसान डट सकें। वहीं किसानों की रणनीति है कि वे छोटे-छोटे ग्रुप में दिल्ली में दाखिल होने की कोशिश करेंगे। वे  धर्मशाला, गेस्ट हाउस, धार्मिक स्थलों की सराय में रुकने का इंतजाम करेंगे।

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