निगम परिषद की बजट संशोधन बैठक में लिया गया निर्णय...
वित्तीय स्थिति ठीक नहीं है इसलिए डीजल-पेट्रोल की सीमा निर्धारित व्यय सीमा में कमी जा सकती है !
ग्वालियर। नगर निगम परिषद में बजट संशोधन पर चर्चा बैठक का आयोजन सभापति मनोज सिंह तोमर की अध्यक्षता में निगम परिषद कार्यालय में किया गया। बैठक में बजट संशोधन प्रस्तावों पर चर्चा कर बजट 2024-25 स्वीकार्य किया गया तथा निगमायुक्त को नियमानुसार कार्यवाही करने के लिए निर्देशित किया गया। बैठक के अंत में पार्षद बृजेश श्रीवास की दादी का आकस्मिक निधन होने पर दो मिनट का मोन धारण कर श्रद्धांजलि अर्पित कर बैठक समाप्ति की घोषणा की गई।
निगम परिषद में आयोजित बजट संशोधन बैठक में बिंदु क्रमांक 16 वित्तीय वर्ष 2024-25 जीएल कोड क्रमांक 2205005000 एवं एमपीएमएएम कोड 2205005 पृष्ठ क्रमांक 40 में ऑडिट व्यय सीए सर्टिफिकेशन एवं कंसल्टेंसी में व्यय वित्तीय वर्ष 2024-25 में 5,00,000 रूपये संशोधन किए जाने के संबंध में चर्चा उपरांत उक्त प्रस्ताव निरस्त किया गया। बिंदु क्रमांक 17 नगर निगम के बजट 2024-25 की बजट पुस्तिका में कार्यशाला विभाग में ईंधन एवं पेट्रोल-डीजल क्रय के एम.पी.कोड-2203011 में उक्त शीर्ष में पेट्रोल-डीजल व्यय हेतु वर्ष 2023-24 में रूपये 28 करोड़ का प्रावधान के विरुद्ध 6 माह में रूपये 13.75 करोड़ का व्यय हुआ है, निगम की वित्तीय स्थिति ठीक न होने के कारण म.प्र.शासन के आदेशानुसार पात्र अधिकारियों को गाड़ी आबंटन कर शासन के आदेश पालन अनुसार पात्र डीजल-पेट्रोल की सीमा निर्धारित की जाकर व्यय में कमी की जा सकती है। पर चर्चा उपरांत स्वीकृत किया गया तथा 28 करोड रूपये की राशि रखने का प्रावधान रखने के निर्देश दिए।
बिंदु क्रमांक 18 नगर निगम के बजट 2024-25 की बजट पुस्तिका में कार्यशाला विभाग में वाहन किराया व्यय एमपी कोड 2304003 में वित्तीय वर्ष 2023-24 में इस मद में 8 करोड रूपये का प्रावधान था जिसके विरूद्ध 2.96 करोड रूपये का वास्तविक व्यय हुआ है। निगम की वित्तीय स्थिति ठीक न होने के कारण अपात्र अधिकारी, कर्मचारी को किराये के वाहन लगाना प्रतिबंधित कर व्यय में की लाई जा सकती है पर चर्चा उपरांत प्रस्ताव को निरस्त कर दिया गया। बिंदु क्रमांक 19 नगर निगम के बजट 2024-25 की बजट पुस्तिका में स्वच्छता एवं ठोस अपशिष्ट प्रबंधन में ई-नगर पालिका का कोड-2308004 में वित्तीय वर्ष 2023-24 में निजी एजेंसियों से सफाई बाह्य साधन (सॉलिड बेस्ट मैनेजमेंट) प्लांट संधारण हेतु रू. 30 करोड़ का प्रावधान रखा गया था जिसके विरूद्ध 6 माह में रू. 2.55 करोड़ का व्यय किया गया है पर चर्चा उपरांत उक्त प्रस्ताव स्वीकृत किया गया।
बिंदु क्रमांक 20 नगर निगम के बजट 2024-25 की बजट पुस्तिका सफाई व्यवस्था में स्वच्छता एवं ठोस अपशिष्ट प्रबंधन में पुनः निजी एजेंसियों द्वारा सफाई (बाह्य साधन) कोड-2308004 में ठेके पर सफाई व्यवस्था ठेके या संविदा पर कराने अथवा कलेक्टर रेट पर श्रमिक हेतु वित्तीय वर्ष 2023-24 में रू. 23 करोड़ का प्रावधान के विरूद्ध 6 माह में रू. 6.66 करोड़ का व्यय किया गया है पर चर्चा उपरांत उक्त मद में 10 करोड करने के प्रावधान के साथ ही प्रस्ताव स्वीकृत किया गया।
बिंदु क्रमांक 21 नगर निगम के बजट 2024-25 की बजट पुस्तिका में योजना और सूचना प्रौद्योगिकी मद क्रमांक - 2305511 सूचना संचार आदि हेतु वित्तीय वर्ष 2023-24 में रू. 6 करोड़ के प्रावधान के विरूद्ध 6 माह में रू. 1.43 करोड़ का व्यय किया गया है, इसी अनुपात को मितव्ययता की दृष्टि से वर्ष 2024-25 में रू. 6 करोड़ के स्थान पर रू. 2 करोड़ का प्रावधान प्रस्तावित जिससे निगम की राजस्व व्यय कम हो सके पर चर्चा उपरांत उक्त प्रस्ताप को निरस्त कर दिया गया।
बिंदु क्रमांक 22 नगर निगम के बजट 2024-25 की बजट पुस्तिका में मरम्मत अनुरक्षण- सर्वेक्षण एवं ड्राईंग उपकरण हेतु वित्तीय वर्ष 2023-24 में रू. 3 करोड़ के प्रावधान के विरूद्ध 6 माह में रू. 8 लाख का व्यय किया गया है। विगत वर्षों के व्यय के आधार पर वर्ष 2024-25 में रू. 3 करोड़ का प्रावधान के विरूद्ध रू. 1 करोड़ का व्यय का प्रावधान किया जाना प्रस्तावित है पर चर्चा उपरांत उक्त प्रस्ताप निरस्त कर दिया गया। बिंदु क्रमांक 23 बजट पुस्तिका 2024-25 के पृष्ठ क्रमांक 63 के सरल क्रमांक 1 पर चर्चा कर संशोधन पर चर्चा उपरांत सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि लेपटोप के साथ स्मार्ट मोबाइल फोन के लिए राशि 3 करोड रूपये की जगह पर 3.5 करोड रूपये की राशि रखने की स्वीकृति प्रदान की।
बिंदु क्रमांक 24 15वें वित्त आयोग के वित्तीय वर्ष 2022-23 में रूपये 276.50 करोड तथा वर्ष 2024-25 में 60.54 करोड की राशि निगम प्राप्त होना लेखा शीर्ष 320105 में कुल 349.04 प्राप्त होने का लेख है। कुल व्यय रूपये के कार्य कहा कहां किस किस वार्ड में कराये गए हैं तथा आगामी वर्ष में भी सीवर लाईन हेतु 48 करोड तथा पाईप लाईन हेतु 130 का कुल 178 करोड का प्रावधान रखा है इस कारण उक्त संबंधित योजना निगम हित मे आवश्यक नहीं है पर चर्चा उपरांत उक्त प्रस्ताव निरस्त करते हुए निगमायुक्त को निर्देशित किया कि 15वें वित्त आयोग की जानकारी मंे छूटे हुए कार्य 15 दिवस में बतायें।
बिंदु क्रमांक 25 वित्तीय वर्ष 2023-24 में नलकूप खनन हेडपम्प स्थापना सम्पबेल निर्माण हेतु रू. 02 करोड़ की प्रावधान के विपरित 6 माह में 1.09 करोड़ का व्यय किया गया है। जबकि वर्ष 2022-23 में 1.72 लाख के निर्माण नवीन कराये गये इस प्रकार नलकूप हेडपम्प स्थापना सम्पबेल की संख्या में वृद्धि हुई है। इस कारण वित्तीय वर्ष 2024-25 रू. 2.00 करोड़ की राशि अपर्याप्त है इस कारण उक्त मद में 2.50 करोड़ का व्यय प्रावधान प्रस्तावित है पर र्चा उपरांत उक्त प्रस्ताव स्वीकृत किया गया। बिंदु क्रमांक 26 में प्रस्तुत बजट के संक्षिप्त बजट प्रथम-1 में पूंजीगत एवं राजस्व की सकल आय 3.60 करोड दशार्यी है जबकि पंजीगत एवं राजस्व् का सकल व्यय 3.82 करोड बाताया है। इस प्रकार 22 लाख से अधिक राशि कहां से व्यय की गई पर चर्चा उपरांत उक्त प्रस्ताव को निरस्त करते हुए निगमायुक्त के कथन अनुसार सुधार करने के निर्देश दिए।
बिंदु क्रमांक 27 प्रस्तुत बजट के राजस्व आय पृष्ठ 9 पर बिन्दु 4.8 में विज्ञापन शुल्क, सम्पत्ति अंतरण एवं स्वच्छता मिशन के तहत चालान बिन्दु 4.9 में अवैध कॉलोनी नियमितीकरण, टैंकरों से जलापूर्ति, सेवा प्रभार, पार्किंग, नल विच्छेदन आदि में वास्तविक वसूली शून्य दर्शायी गई है। जबकि उक्त मदों में वसूली की गई है। वास्तविक आकडे बजट में दर्शाते हुये तदनुसार आय प्रस्तावित की जावे उक्त संशोधन कराया जाये और वर्तमान इन मदों पर कितना-कितना प्रावधान किया गया है पर चर्चा उपरांत उक्त प्रस्ताव निरस्त किया गया तथा निगमायुक्त को निर्देशित किया आय को उसी हेड में अंकित किया जाए जिसमें वो आता है। सुधार किया जाए तािा 10 दिन में सदन को अवगत करायें। बिंदु क्रमांक 28 वर्ष 2024-25 के प्रस्तुत बजट के अवलोकन से यह तथ्य सामने आया है कि नगरीय निकाय की सीमावृद्धि की जाकर 60 से 66 वार्ड कायम किये गये हैं।
फलतः वृद्धि की गई सीमा में अधिवासित नागरिकों से सम्पत्तिकर आदि की वसूली प्रारम्भ की जा चुकी है किन्तु उक्त ग्रामीण सीमा में वर्तमान की स्थिति में मौलिक सुविधायें (सड़क, सफाई, नाली, प्रकाश आदि) कतई मुहैया नहीं कराई गई है। बजट में प्रावधान शहरी क्षेत्र के अनुसार किये गये है। अतएव ग्रामीण क्षेत्र के विकास तथा मूलभूत सुविधाओं के लिये राशि आवंटित, आरक्षित की जाकर प्रावधान 40 राशि किया जाना प्रस्तावित है पर चर्चा उपरांत निगमायुक्त को निर्देशित किया कि वार्ड 61 से 66 में मूलभूत सुविधायें देने के लिए तत्काल आवश्यक कदम उठायें एवं अमृत से छूटा हुआ क्षेत्र 15वें वित्त में शामिल करें तथा जानकारी सदन को 15 दिवस में उपलब्ध करायें।
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