चम्बल क्षेत्र में पर्यटन, कृषि, उद्योगों के माध्यम से ...
रोजगार देना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता : मुख्यमंत्री
भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि जरूरतमंदों को रोजगार देना प्रदेश सरकार की प्राथमिकता है। उन्होंने पर्यटन, वन, खनिज, उद्योग व सेवा क्षेत्र सहित सभी सेक्टर में रोजगार देने की कार्ययोजना बनाने के निर्देश दिए। चम्बल संभाग असीम संभावनाओं का क्षेत्र है। यहां रोजगार और विकास के लिये कार्ययोजना बनाकर कार्य किया जायेगा। कृषि, उद्यानिकी, सहकारिता और सूक्ष्म, लघु उद्योग विभाग कार्ययोजना प्रस्तुत करें। कार्ययोजना में हर सेक्टर से जरूरतमंदों को रोजगार मिले, इसकी जिलेवार तैयारी करें।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव मुरैना कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में आयोजित हुई संभागीय समीक्षा बैठक में विकास कार्यों की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने संभाग की कानून व्यवस्था की समीक्षा बैठक भी ली। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि चम्बल-मुरैना क्षेत्र में पर्यटन की अपार संभावनाएँ हैं। यहाँ ऐतिहासिक इमारतें, जलाशय व अकूत वन संपदा उपलब्ध है। इसलिए पर्यटन को बढ़ावा देने के लिये रोजगारपरक योजना तैयार करें। जिले से लेकर संभाग तक ऐसी बैठकें निरंतर की जायेगी। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि हर जिले में ऐसे सक्षम लोग मौजूद हैं, जो थोड़े से प्रोत्साहन और सरकारी मदद से उद्यम स्थापित कर सकते हैं। उन्होंने निर्देश दिए कि सक्षम लोगों से संवाद कर उन्हें रोजगार के अवसर पैदा करने व उद्यम खड़ा करने के लिये प्रेरित करें।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने बैठक में निर्देश दिए कि राष्ट्रीय राजमार्गों के नजदीक बसे गाँवों को नेशनल हाईवे से कनेक्टिविटी अनिवार्यतः मिले। साथ ही जो राष्ट्रीय राजमार्ग निर्माणाधीन हैं, वहाँ विशेष ध्यान देकर संबंधित ग्रामों को मुख्य सड़कमार्ग से जुड़वाएँ। राजधानी दिल्ली, आगरा, कानपुर, लखनऊ जैसे बड़े शहरों से निकट होने के कारण क्षेत्र में उद्योगों की असीम संभावना है, इसके लिये बड़े उद्योग, कपड़ा क्लस्टर, फर्नीचर, ग्रामोद्योग और खाद्य प्रंसस्करण उद्योगों को बढ़ावा देंगे। बड़े उद्योग समूह को बुलाकर औद्यौगिकीकरण के लिये काम हों। मुरैना चंबल संभाग में पर्यटन की असीम संभावना है। यहां पर चंबल में डॉल्फिन, घड़ियाल, पढावली, मितावली, बटेश्वर, शनिमंदिर और ऐसे ही अनेक पर्यटन स्थल हैं, इनको अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर उभरने के लिए विशेष कार्य योजना बनाकर कार्य किया जाएगा।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि कैलारस शक्कर करखाने पर किसानों की बकाया राशि का भुगतान कराया जाएगा। लगभग 54 करोड़ की शेष राशि का भुगतान कार्ययोजना बनाकर किया जायेगा। इसके साथ ही लघु और सूक्ष्म उद्योग विभाग, सहकारिता विभाग के साथ रोजगारोन्मुख उद्योग लगाने के लिए कार्य योजना बनाई जायेगी। चंबल नदी के इको सिस्टम के अनुसार क्षेत्र का विकास किया जाएगा। चंबल असीम संभावनाओं का क्षेत्र है, यहाँ का युवा मेहनत कश है। यहां से हजारों युवा हर साल सेना की भर्ती में जाते है। वीरों की भूमि पर रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने के लिए क्षेत्र का सर्वांगीण विकास कराया जायेगा।
मुख्यमंत्री ने आयुक्त ग्वालियर-चंबल संभाग श्री दीपक सिंह को निर्देश दिए कि श्योपुर जिले में सहरिया जनजाति के लोगों के जाति प्रमाण-पत्र बनाकर उनके घर पहुँचाने की व्यवस्था की जाये। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि जल जीवन मिशन से संबद्ध विभाग समन्वयपूर्वक बैठक आयोजित करें और जल स्रोतों के अनुरूप पेयजल समस्याओं को दूर करें।मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने बैठक में मौजूद जनप्रतिनिधियों से कहा कि हम सभी को मिलजुलकर प्रदेश को ऊँचाईयों पर ले जाने के लिये कार्य करना है। इसमें किसी भी प्रकार की मत भिन्नता आड़े नहीं आयेगी। सरकार दलगत भावना से ऊपर उठकर सभी के सुझावों को सम्मान देगी और अच्छे सुझावों पर अमल करेगी।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रदेश को प्रगति पथ पर तेजी से आगे ले जाने के उद्देश्य के साथ वे स्वयं सभी संभागों में बैठकें कर क्षेत्रीय कठिनाईयों व समस्याओं को जानने का प्रयास कर रहे हैं। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने समीक्षा बैठक में सभी संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए कि सरकार द्वारा स्वीकृत अधूरे कार्यों को अभियान चलाकर पूर्ण करायें। साथ ही जो कार्य प्रारंभ नहीं हुए हैं, उन्हें तत्काल प्रारंभ करायें। इसमें किसी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जायेगी।
विधानसभा अध्यक्ष श्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने बैठक में पार्वती-कालीसिंध लिंक परियोजना के लिये चम्बल संभाग की ओर से मुख्यमंत्री डॉ. यादव का अभिनंदन किया। उन्होंने कहा कि निर्माणाधीन सोलर परियोजना के निर्माण की गति बढ़ाई जाये। भू-तल परिवहन मंत्री के साथ चर्चा हुई। नैनागढ़ से अम्बाह तक एलिवेटेड रोड़ की घोषणा अनुरूप प्रस्ताव मंजूरी के लिये केन्द्र सरकार को बनाकर भेजना है। श्योपुर में लिफ्ट सूक्ष्म सिंचाई परियोजना पूर्ण हो चुकी है। इसको अन्य विभागों के साथ मिलकर शुरू करना है। आलू रिसर्च केन्द्र के लिये पेरू के साथ मिलकर कार्य योजना बनाई है। मुरैना जिले को इसमें जोड़ा गया है। श्योपुर में गिर गाय के संवर्धन अनुसंधान केन्द्र और परियोजना पर कार्य किया जाना है।
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