G News 24 : फुर्सत में हैं आंदोलनकारी ! तभी तो हाइवे की सड़क पर बना रहे स्थायी सेल्टर !

 शंभू और खनौरी बॉर्डर से ग्राउंड रिपोर्ट ...

फुर्सत में हैं आंदोलनकारी ! तभी तो हाइवे की सड़क पर बना रहे स्थायी सेल्टर !

शंभू और खनौरी बॉर्डर किसान लगातार डटे हुए हैं। पीछे हटने के बजाय अब उन्होंने यहां सिंघु बॉर्डर की तर्ज पर पक्का मोर्चा लगाना शुरू कर दिया है। किसान लोहे के एंगल से स्थायी हट बना रहे हैं। शुक्रवार शाम लोहे के पिलर लगाकर बड़े-बड़े हट तैयार कर उनमें बेड लगाए गए। शंभू बॉर्डर से करीब 25 प्रतिशत लोग और ट्रैक्टर-ट्रॉलियां वापस चली गई हैं। हालांकि, किसानों का कहना है कि इन्हें खनौरी शिफ्ट किया गया है। किसान-मजदूर यूनियन के राष्ट्रीय प्रधान मनजीत सिंह घुमाणा ने बताया कि ट्रैक्टर ट्रॉलियों में कमी नहीं है। कुछ किसान खनौरी बॉर्डर पर नौजवान की मौत होने पर वहां गए हैं, जो शनिवार को आ जाएंगे। 

किसानों का कहना है कि इस बार सिंघु या टीकरी नहीं तो शंभू ही सही, अब यहीं डटे रहेंगे। वह अपने नेताओं के अगले एक्शन के इंतजार में हैं। भारतीय किसान यूनियन क्रांतिकारी के प्रधान रणजीत सिंह सवाजपुर का कहना है कि किसानों का पीछे हटने का कोई इरादा नहीं है। किसान-मजदूर यूनियन के राष्ट्रीय प्रधान मनजीत सिंह घुमाणा ने कहा कि केंद्र सरकार की ओर से दोबारा बात करने के लिए बुलाने व किसान नेताओं की ओर से कोई स्पष्ट जवाब न देने के सवाल पर उन्होंने कहा कि हम बात करने के लिए तैयार हैं, जब तक मोदी सरकार किसानों की मांगों को पूरा नहीं करती, किसान वापस जाने वाले नहीं। किसान नेता जसवीर सिंह जस्सी ने भी बताया कि सभी किसान अपनी मांगों को लेकर दिल्ली कूच करने के लिए पूरे जोश के साथ शंभू बॉर्डर पर डटे हैं। शुक्रवार को दिनभर माहौल शांतिपूर्ण रहा। न तो किसान आगे बढ़े और न ही हरियाणा पुलिस की तरफ से कोई हरकत हुई। 

सुबह-शाम मंच से गुरबाणी कीर्तन

लंगर और मरीजों की देखभाल के लिए बनाए गए अस्थायी क्लीनिक विधिवत तरीके से चल रहे हैं। मंच से सुबह शाम गुरबाणाी का कीर्तन करवाया जा रहा है और किसानों में जोश भरा जा रहा है। मंच के नजदीक ही पीएम नरेंद्र मोदी की फोटो लगाकर 'जै जवान तूं मारे किसान' का पोस्टर लगाकर जनता को संदेश दिया जा रहा है। 

मनमाफिक रिपोर्टिंग न करने पर महिला पत्रकार और उसके साथी को एक घंटे तक बनाया बंधक 

शुक्रवार शाम दिल्ली के राष्ट्रीय चैनल की पत्रकार व उसके साथी के साथ किसानों की कहा-सुनी हो गई।मनमाफिक रिपोर्टिंग न करने पर महिला पत्रकार और उसके साथी को एक घंटे तक बंधक बनाये रखने के बाद एक ट्राली में  रखा. इसी बीच कुछ किसानों के आग्रह पर उन्हें राजपुरा के गगन चौक पर छोड़कर वापस जाने को कहा।

                                                            साथी किसान को श्रदांजली देते किसान 

पगड़ियों पर काली पट्टियां बांधीं

शुक्रवार को शंभू बॉर्डर पर किसानों ने पगड़ियों पर काली पट्टियां बांध कर रोष प्रदर्शन किया। किसानों ने शुभकर्ण की मौत पर शोक जताते पंजाब सरकार से आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की। इनमें महिलाएं भी शामिल रहीं। किसानों में अपने एक नौजवान की मौत से निराशा का माहौल जरूर है, लेकिन हौसले पहले की तरह बुलंद हैं। किसानों का कहना है कि जब तक एमएसपी की कानूनी गारंटी समेत बाकी मांगें पूरी नहीं होंगी, बॉर्डर से हटेंगे। इस बार सिंघु या टिकरी बॉर्डर नहीं, तो शंभू बॉर्डर ही सही। अब यहीं ठिकाना बनाकर डटे रहेंगे। 

पहले एफआईआर दर्ज करे सरकार: पंधेर

शुभकरण की मौत पर संयुक्त किसान मोर्चा के नेता सरवन सिंह पंधेर ने पटियाला में मीडिया से बातचीत में कहा कि पंजाब सरकार पहले इस मामले में हत्या यानी आईपीसी की धारा-302 के तहत केस दर्ज करे। पंजाब सरकार ने हरियाणा पुलिस की इस कार्रवाई को लेकर अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया है। पंधेर ने कहा कि पंजाब की सरहद में घुसकर ड्रोन से शांतिपूर्ण तरीके से आंदोलन कर रहे किसानों पर हमला किया जा रहा है। बॉर्डर पर आंसू गैस के गोले और रबड़ की गोलियाें से अब तक 170 से अधिक किसान घायल हो चुके हैं, इस पर पंजाब सरकार को सख्त रवैया अपनाने को कहा है।

चढूनी गुट का सभी संगठनों को एकमंच पर लाने का प्रयास 

किसान आंदोलन को मजबूत करने के लिए भारतीय किसान यूनियन (चढूनी गुट) अब किसान संगठनों को एकमंच पर लाने का प्रयास करेगा। इसके लिए संयुक्त किसान मोर्चा और संयुक्त किसान मोर्चा (गैर राजनीतिक) के अलावा अन्य किसान संगठनों से भी वार्ता की जाएगी। चढूनी गुट की कोर कमेटी की शुक्रवार को हुई बैठक में यह फैसला लिया गया। इसके अलावा चढूनी ने वीडियो संदेश भी जारी किया है, जिसमें सरकार से जुल्म बंद कर किसानों की मांगें मानने की मांग की गई है।

आज बैठक में होगा अगली रणनीति पर फैसला

किसान-मजदूर यूनियन के राष्ट्रीय प्रधान मनजीत सिंह घुमाणा ने कहा कि केंद्र सरकार की ओर से दोबारा बात करने के लिए बुलाने व किसान नेताओं की ओर से कोई स्पष्ट जवाब न देने के सवाल पर उन्होंने कहा कि हम बात करने के लिए तैयार हैं, जब तक मोदी सरकार किसानों की मांगों को पूरा नहीं करती, किसान वापस जाने वाले नहीं। किसान नेता जसबीर सिंह जस्सी ने भी बताया कि सभी किसान अपनी मांगों को लेकर दिल्ली कूच करने के लिए पूरे जोश के साथ शंभू बाॅर्डर पर डटे हैं। शनिवार को बैठक के बाद जो भी हमारे किसान नेता फैसला लेंगे हम वैसा ही करेंगे।

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