अव्यवस्थाओं और अन्य समस्याओं को लेकर...
ग्वालियर मेला व्यापारियों ने समस्याओं को लेकर दिया धरना
ग्वालियर। शुक्रवार को व्यापार मेले में अव्यवस्थाओं और अन्य समस्याओं को लेकर व्यापारियों ने सुबह से दोपहर 3 बजे तक धरना दिया। व्यापारियों की मांग है कि मेले को तत्काल ठेले वालों के अतिक्रमण से मुक्त कराया जाये। इसी प्रकार मेले में सीवर की समस्या भी विकराल है।मेला व्यापारी संघ के महेश मुदगल ने बताया कि मेले में हर सेक्टरों में ठेले वालों के द्वारा अतिक्रमण किया हुआ है। जिसके कारण लोगों का निकलना तक दूभर हो गया है।
जगह जगह सीवर चौक होने के कारण गंदा पानी और बदवू फैली रहती है। इस समस्या से तत्काल निजात दिलाई जाये। उन्होंने कहा कि मेले में व्यापारियों के द्वारा लगाई गयी दुकानों में लकडी और कपडों का इस्तेमाल किया गया है। यहां पर किसी प्रकार की चिंगारी भडकने पर आग गंभीर और विकराल रुप धारण कर सकती है ऐसे में एबूलेंस और फायर ब्रिगेड की गाडिय़ां कैसे घटना स्थल पर पहुंच सकेंगी जबकि मेला पुरी तरह से अतिक्रमण की चपेट में है। इस समस्या का भी जल्द ही निराकरण किया जाना आवश्यक है।
खोते जा रहे मेला के असल स्वरूप को लेकर व्यापारियों की संस्था चेंबर ऑफ कॉमर्स ने भी अपना रोष जाहिर किया था। इसके साथ ही मेला व्यवस्थाओं की बेहतरी के लिए हुई चेंबर की इस बैठक में उन आयोजनों को शुरू करने की बात कही गई थी जिससे मेला की पहचान स्थापित थी। दिलचस्प बात ये है कि इस बैठक में मेला सचिव ने बोर्ड गठित न होने की पीड़ा जताते हुए निर्णय लेने में परेशानी होना बताई थी।
मेला व्यापारी खासतौर पर हर दिन होने वाली अवैध वसूली से परेशान है। अपनी इसी परेशानी को व्यापारियों ने दो दिन पहले संभागायुक्त के सामने रखा था। इसके साथ-साथ मेला में जगह जगह गंदगी फैली हुई है। इससे व्यापारी और मेला घूमने आने वाले सैलानियों को काफी परेशानी उठानी पड़ती है। देश भर में विख्यात ग्वालियर व्यापार मेला का मूल स्वरूप अब ओझल होता जा रहा है। पशु मेला, दंगल, कबड्डी और स्थानिय खेल के साथ संस्कृतिक कार्यक्रम मेला की पहचान थी। इन आयोजन से मेले की रौनक बढ जाती थी, लेकिन यह आयोजन अब मेला में बंद हो गए है।
मेला व्यापारी भदकारिया का कहना है कि हमने कई बार मेला के अंदर विभिन्न अव्यवस्था और मेला के असल स्वरूप को लेकर अपनी बात रखी, लेकिन उसका कोई समाधान नहीं निकला। इसलिए शुक्रवार को हम व्यापारियों ने दोपहर तीन बजे तक धरना दिया गया है।
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