घायल किसानों के इलाज का खर्च उठाएगी पंजाब सरकार !.
आंसू गैस से निपटने के लिए गीली बोरी-स्प्रे पंप और PPE किट का सहारा
शंभू बॉर्डर पर किसानों और हरियाणा पुलिस के बीच बुधवार को भी कई बार टकराव हुआ। किसान बॉर्डर पार तो नहीं कर पाए, लेकिन उन्होंने हरियाणा पुलिस व अर्धसैनिक बलों की कार्रवाई करने के लिए कई तरीके निकाल लिए हैं। पतंगें उड़ाकर सुरक्षाबलों के ड्रोन गिराए जा रहे हैं।
आंसू गैस के गोलों पर पानी में भीगी बोरियां डाल उन्हें बेअसर किया जा रहा है। किसान गैस का असर कम करने के लिए स्प्रे पंप का भी इस्तेमाल कर रहे हैं। रबड़ की गोलियों से बचने के लिए किसानों ने फुल बॉडी प्रोटेक्टर पहने हैं। केमिकल मिले हुए पानी की बौछारों से बचने के लिए पीपीई किट पहन कर बचाव किया जा रहा है। इसके अलावा चेहरे पर मुल्तानी मिट्टी लगाकर भी आंसू गैस के गोलों का असर कम किया जा रहा है।पानी की बौछारों से बचने के लिए ट्रैक्टरों को माॅडीफाई किया गया है। उनके बाहर विशेष प्रकार की शील्ड लगाई गई है। आंसू गैस से निपटने के लिए बाॅर्डर पर बड़े पंखे भी लगाए हैं, जिससे धुएं से बचा जा सके। स्प्रे पंप से पानी की बौछारों के लिए टैंकरों का भी प्रबंध किया गया है। भारतीय किसान यूनियन क्रांतिकारी के प्रधान रणजीत सिंह सवाजपुर ने कहा कि मंगलवार को किसानों के पास 50 के करीब पानी के टैंकर थे। अब 30 टैंकरों का और प्रबंध किया जा रहा है।
ड्रोन से आंसू गैस के गोले छोड़े गए
आंसू गैस के गोले गिराने के लिए ड्रोन का पहली बार इस्तेमाल किया गया है। हरियाणा पुलिस ने मंगलवार को पंजाब-हरियाणा सीमा पर शंभू बैरियर पर प्रदर्शनकारी किसानों पर ड्रोन से आंसू गैस के गोले गिराए। एक पुलिस अधिकारी के मुताबिक, प्रदर्शनकारी किसानों को तितर-बितर करने और उन्हें बैरिकेडिंग तक पहुंचने से रोकने के लिए मंगलवार को 4,500 आंसू गैस के गोले दागे गए। हरियाणा सरकार ने करनाल स्थित ड्रोन इमेजिंग एंड इंफॉर्मेशन सर्विस ऑफ हरियाणा लिमिटेड (दृश्य) द्वारा बनाए गए ड्रोन का इस्तेमाल किया। हरियाणा पुलिस की ओर से इस्तेमाल किया गया ड्रोन पंप गन के मुकाबले एक बार में कई आंसू गैस के गोले गिरा सकता है। अधिकारी ने कहा कि इस्तेमाल हथगोले से चोट लगने की संभावना भी न्यूनतम है। एक अधिकारी के मुताबिक कई बार देखा गया है कि जब पंप गन से आंसू गैस के गोले छोड़े जाते हैं तो वापस सुरक्षाबलों पर फेंक दिया जाता है।
घायल किसानों के इलाज का खर्च उठाएगी पंजाब सरकार !
पंजाब के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. बलबीर सिंह ने घोषणा की कि पुलिस कार्रवाई में घायल हुए किसानों के इलाज का पूरा खर्च पंजाब सरकार उठाएगी। उन्होंने कहा कि सरकार अपने हक की मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे किसानों के साथ डटकर खड़ी है। स्वास्थ्य मंत्री बुधवार को हरियाणा पुलिस की कार्रवाई में घायल हुए किसानों से मिलने के लिए बॉर्डर के साथ लगते अलग-अलग अस्पतालों में पहुंचे। इस दौरान उन्होंने अस्पतालों में सुविधाओं का जायजा लिया और किसानों से बात भी की। जिन अस्पतालों का स्वास्थ्य मंत्री ने दौरा किया है, उनमें मोहाली के डॉ. बीआर आंबेडकर स्टेट इंस्टीट्यूट फॉर मेडिकल साइंस (एआईएमएस), सीएचसी बनूड़, सिविल अस्पताल राजपुरा और राजिंद्रा अस्पताल पटियाला शामिल है।
शतासिंह बाला व शंभू बॉर्डर पर रुक-रुककर होता रहा टकराव
जींद के दातासिंह वाला बॉर्डर और अंबाला के शंभू बॉर्डर पर बुधवार को दूसरे दिन भी किसान और पुलिस आमने-सामने रहे। दातासिंह वाला बॉर्डर पर किसानों ने सुबह ही सड़क पर पुलिस द्वारा लगाई गई कील उखाड़ दी थी। दोपहर 1 बजे तक माहौल काफी कुछ शांत था। इसके बाद किसानों ने पंजाब की तरफ से बॉर्डर तक पहुंचने का प्रयास किया। पुलिस ने किसानों पर आंसू गैस के गोले दाग दिए और प्लास्टिक की गोलियां चला दीं। इससे पांच किसानों को गोलियां लगीं। किसानों ने छह बार इसी प्रकार बॉर्डर तक पहुंचने का प्रयास किया और नाकाम रहे। उधर, अंबाला के शंभू बॉर्डर पर सुबह 10 बजे से आंदोलनकारी किसान बार-बार सीमा पर उग्र हो रहे थे। वहां हरियाणा पुलिस की तरफ से एक-दो बार आंसू गैस के गोले दागे गए।
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