किसान नेताओं की कानून-व्यवस्था बिगाड़ने और हिंसा भड़काने में अहम भूमिका हैं...
उपद्रवी किसान आंदोलनकारियों पर अब NSA के तहत होगी कार्रवाही !
शुक्रवार को प्रदर्शनकारियों ने केंद्र और हरियाणा सरकार के खिलाफ ब्लैक डे मनाने का ऐलान किया है. एमएसपी को कानून के दायरे में लाने समेत कई मांगों के साथ प्रदर्शनकारी 13 फरवरी को ही दिल्ली कूच के लिए निकले थे लेकिन फिलहाल पंजाब-हरियाणा बॉर्डर पर सुरक्षाबलों का कड़ा पहरा लगा हुआ है. इस बीच, हरियाणा पुलिस कड़े एक्शन की तैयारी है. शंभू बॉर्डर पर प्रदर्शनकारियों के उपद्रव के खिलाफ हरियाणा पुलिस सख्त कार्रवाई करेगी. पुलिस ने NSA के तहत केस दर्ज करने का फैसला किया. उपद्रवियों पर कानून व्यवस्था बिगाड़ने, भड़काऊ बयान देने और हिंसा भड़काने की कोशिश जैसे आरोप हैं.
सरकारी या प्राइवेट प्रॉपर्टी को नुकसान पहुंचाने व कानून से खिलवाड़ करने वालों की खैर नहीं
बता दें कि हरियाणा पुलिस ने बीकेयू (शहीद भगत सिंह) के नेता अमरजीत मोहदी के घर के बाहर नोटिस चिपकाया है और कहा है कि अगर उन्हें किसी आंदोलन में हिस्सा लेना है तो इसके लिए पुलिस की परमिशन लेनी होगी. अगर ऐसा नहीं किया तो उनकी प्रॉपर्टी और बैंक अकाउंट सीज कर दिए जाएंगे. कई अन्य किसान नेताओं को भी ऐसी चेतावनी दी गई है.
हरियाणा पुलिस का कहना है कि 13 फरवरी से किसान प्रदर्शनकारी शंभू बॉर्डर के बैरिकेड को तोड़ने की कोशिश कर रहे हैं. पुलिस आकलन कर रही है कि कहीं सरकारी या प्राइवेट प्रॉपर्टी को नुकसान तो नहीं पहुंचाया गया है. अगर ऐसा हुआ है तो एक्शन लिया जाएगा. जानकारी के मुताबिक, कई किसान नेता कानून-व्यवस्था बिगाड़ने और हिंसा भड़काने में अहम रोल अदा कर रहे हैं. वो अपने भड़काऊ बयान के जरिए प्रोपेगेंडा चला रहे हैं. उनके भड़काऊ बयान सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहे हैं. अपने बयानों में कई किसान नेता अधिकारियों और सरकार के खिलाफ उकसाने वाले शब्दों का इस्तेमाल कर रहे हैं. क्रिमिनल एक्टिविटीज को रोकने और कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस प्रशासन ने आरोपियों के खिलाफ नेशनल सिक्योरिटी एक्ट 1980 (NSA) के सेक्शन 2 (3) के तहत कार्रवाई करने का फैसला किया है.
नई रणनीति के तहत 26 फरवरी को किसान ट्रैक्टर मार्च निकालेंगे
गौरतलब है कि 10 दिनों से प्रदर्शनकारियों और सुरक्षाबलों के बीच चल रहे संघर्ष के बाद अब किसान नई रणनीति के साथ प्रदर्शन को धार दे रहे हैं. गुरुवार को चंडीगढ़ में किसान संयुक्त मोर्चा की बैठक बुलाई गई जिसमें कई बड़े फैसले लिए गए. आज किसान देशभर में ब्लैक डे मनाएंगे. 26 फरवरी को किसान ट्रैक्टर मार्च निकालेंगे. और 14 मार्च को किसानों ने दिल्ली के रामलीला मैदान में महापंचायत करने का फैसला किया है.
पिछले आंदोलन से जुड़े संगठनों को नए आंदोलन में साथ जोड़ने की कोशिश
इसके अलावा किसान संयुक्त मोर्चा ने एक कमेटी का गठन भी किया है. ये 6 सदस्यों की कमेटी पिछले आंदोलन से जुड़े संगठनों को नए आंदोलन में साथ जोड़ने की कोशिश करेगी ताकि सरकार के सामने किसानों की एकजुटता का शक्ति प्रदर्शन किया जा सके. इस ऐलान को सरकार के दो दिन पुराने फैसले से जोड़कर भी देखा जा रहा है. जिसमें केंद्र सरकार ने गन्ना खरीद में 8 फीसदी की बढ़ोतरी की थी. माना जा रहा है कि सरकार के इस फैसले से पश्चिमी यूपी के किसान आंदोलन से पीछे हट सकते हैं.
किसान 23 फसलों पर MSP कानून की मांग रहे हैं जो कि संभव ही नहीं है
जान लें कि सरकार किसानों के साथ 4 दौर की बैठक कर चुकी है. चौथी बैठक में सरकार ने सशर्त एमएसपी का प्रस्ताव भी दिया था जिसे किसानों ने खारिज कर दिया. सरकार ने किसानों को 5 साल के 5 फसलों पर MSP की गारंटी का प्रस्ताव दिया. किसान 23 फसलों पर MSP कानून की मांग पर अड़े हैं. सरकार की तरफ से किसानों को पांचवें दौर की बैठक का न्योता दिया गया है लेकिन किसानों की तरफ से कोई जवाब नहीं आया है जबकि रणनीति 14 मार्च तक की तैयार हो चुकी है. किसान और सरकार के बीच टकराव की स्थिति ऐसे वक्त खड़ी हुई है जब गेहूं की फसल तैयार होने वाली है और आशंका जताई जा रही है कि आंदोलन से गेंहू की फसल प्रभावित हो सकती है. किसानों के प्रदर्शन से भले ही खाद्य पर कोई संकट ना गहरा रहा हो लेकिन दिल्ली, पंजाब और हरियाणा में लोगों को भारी जाम से दो चार होना पड़ रहा है और जिस तरह से किसानों ने हल्ला बोला है उससे लग रहा है कि लोगों को इस तरह की समस्याओं से लंबा जूझना पड़ेगा.
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