G News 24 : पीएम गतिशक्ति के अंतर्गत अब जिला स्तर पर भी होगा विकास !

 मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में...

पीएम गतिशक्ति के अंतर्गत अब जिला स्तर पर भी होगा विकास !

भोपाल। मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में जिला स्तर पर भी पीएम गतिशक्ति  के अंतर्गत क्षेत्रीय विकास किया जा सकेगा। जिला स्तर पर कलेक्टर से लेकर अन्य विभागों के जिला अधिकारी क्षेत्र की आधारभूत संरचना के विकास के लिए पीएम गतिशक्ति में उपलब्ध डाटा का उपयोग कर सकेंगे।जियो मैपिंग और सेटेलाइट डाटा के आधार पर गतिशक्ति पोर्टल पर सभी विभागों का डाटा उपलब्ध कराया गया है। इसमें रेल लाइन, सड़क, स्कूल और आंगनबाड़ी निर्माण के लिए भी गतिशक्ति पर उपलब्ध डाटा की मदद से स्थान चिह्नित कर अधोसंरचना विकास किए जा सकेंगे। जिले में विकास कार्य का डिजिटल डाटा पीएम गतिशक्ति पर अपलोड करने के लिए जिला स्तर पर भी लाग इन दी जाएगी। मध्य प्रदेश में इंडस्ट्री डेवलपमेंट कार्पोरेशन (एमपीआइडीसी) को नोडल विभाग बनाया गया है।

दरअसल, पीएम गति-शक्ति नेशनल मास्टर प्लान के अंतर्गत एरिया डेवलपमेंट अप्रोच पर मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के अधिकारियों के लिए गुरुवार को एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन भोपाल में किया गया। उद्घाटन भारत सरकार डीपीआइआइटी (औद्योगिक नीति एवं संवर्धन विभाग) की विशेष सचिव (लाजिस्टिक्स) सुमिता डावरा ने किया।डावरा ने कहा कि पीएम गतिशक्ति पर जिलों को शामिल करने से सभी स्टेक होल्डर एक साथ आएंगे। इससे ईज आफ डूइंग बिजनेस, ईज़ आफ लिविंग एवं ग्रीन लाजिस्टिक को बढ़ावा मिलेगा। डावरा ने बताया कि फरवरी और मार्च 2024 के बीच छह और कार्यशालाओं के साथ पीएमजीएस अन्य जिलों तक अपनी पहुंच का विस्तार करेगा।

बता दें कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अक्टूबर 2021 में पीएम गतिशक्ति (पीएमजीएस) के तहत राष्ट्रीय मास्टर प्लान (एनएमपी) लांच किया था, जिसका राज्य स्तर के बाद अब जिला स्तर पर विस्तार किया ज रहा है। इसी पहल के तहत इस प्रथम कार्यशाला में एमपीआइडीसी के एमडी नवनीत मोहन कोठारी, डीपीआइआइटी (लाजिस्टिक्स) के संयुक्त सचिव ई. श्रीनिवास, 18 आकांक्षी जिलों में छत्तीसगढ़ के बीजापुर, दंतेवाड़ा, कांकेर, कोंडागांव, कोरबा, महासमंद, नारायणपुर, सुकमा और राजनंदगांव समेत 10 जिलों और मध्य प्रदेश के आठ जिलों बड़वानी, छतरपुर, दमोह, गुना, खंडवा, राजगढ़, सिंगरौली, विदिशा के सीईओ जिला परिषद व एनआइसी के तकनीकी अधिकारियों ने भाग लिया।

जिला कलेक्टरों के पास अपने संबंधित जिलों, विशिष्ट चुनौतियों, प्राथमिकताओं और बुनियादी ढांचे की आवश्यकताओं की अद्वितीय और व्यापक समझ होती है। वे अपने स्तर पर डाटा को सत्यापित भी कर सकते हैं। इसलिए, एक तार्किक अगले कदम के रूप में पीएमजीएस की पहुंच को जिला स्तर तक ले जाया जा रहा है।

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