हनुमान चालीसा के लिए कही ऐसी बात; बजरंग दल ने किया प्रदर्शन...
उज्जैन के एक स्कूल में राम बोलने, तिलक-कलावा लगाने पर BAN !
उज्जैन शहर के थाना नागझिरी क्षेत्र अंतर्गत गांव लालपुर में स्तिथ शासकीय ज्ञानोदय विद्यालय में दोपहर के वक़्त हंगामा खड़ा हो गया जब पुलिस की मौजूदगी में विद्यालय परिसर के अंदर बजरंग दल के कार्यकर्ता और पदाधिकारी पहुंचे और जय श्री राम के जयकारे लगाने लगे. उसी दौरान हिंदूवादी संगठनों न बड़ी संख्या में मौजूद बच्चो के साथ जमीन पर बैठ बजरंग दल ने हनुमान चालीसा का पाठ किया. बजरंग दल के जिला संयोजक ने बताया कि हमें नाम न लेने की शर्त पर स्कूल शिक्षकों से पता लगा था कि यहां पढ़ने वाले छात्र जो शासकीय बॉयज होस्टल में रहते हैं. वो सभी होस्टल वार्डन प्रभारी अधीक्षक गिरधारी मालवीय की प्रताड़ना से परेशान है.
हॉस्टल वार्डन पर गंभीर आरोप !
वार्डन पर आरोप है कि प्रताड़ना में भगवान राम का नाम न लेने देना. हनुमान चालीसा की पुस्तक को दबाना. बौद्ध धर्म अपनाने के लिए दबाव डालना भी शामिल है. बच्चों ने बताया कि प्रभारी वार्डन अधीक्षक गिरधारी मकवाना जो 3 महीने पहले ही आए है. वो राम का नाम नहीं लेने देते. बौद्ध धर्म अपनाने की बात करते हैं. हाथ में कलावा नहीं पहनने देते ना ही तिलक लगाने देते हैं. बच्चों का यह भी कहना है कि 22 जनवरी प्रभु श्री राम की प्राण प्रतिष्ठा के दिन शोभायात्रा भी हमें नहीं निकालने दी गई. सर परफ्यूम लगाने की बात कहते हैं. वो कहते हैं सनातन धर्म कुछ नहीं है. वो कहते हैं कि बौद्ध धर्म अपनाओ हम भगवा ध्वज लेकर निकलते हैं तो हमे मारते हैं. वो भीमराव अंबेडकर का नारा लगाने की बात करते हैं. यहां कुछ ऐसे छात्र हैं जो बहकावे में आ ही गए और भगवान को गालियां देते हैं.
स्कूल प्रवंधन के कारण तनाव का वातावरण !
हम उन्हें रोकते हैं तो फिर विवाद की स्थिति होती है. नागझिरि थाना पुलिस ने संभाली स्थिति. हालांकि मौके पर मौजूद नागझरी थाना पुलिस ने स्थिति को सामान्य किया जिसके बाद कलेक्टर के निर्देश पर प्रशासनिक टीम भी पहुंची. प्रशासनिक व पुलिस की दोनों ही टीमों ने कुछ भी कहने से साफ इनकार कर दिया. एसपी गुरु प्रसाद पाराशर ने कहा, 'मुझे इसकी जानकारी नहीं है. मैं पता करता हूं'. वहीं एसडीएम अर्थ जैन, तहसीलदार शेफाली जैन व अन्य अधिकारियों ने मौके पर पहुंचने के बावजूद कार्य व अधिकार क्षेत्र में न होने का हवाला देते हुए चुप्पी साध ली.
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