G.NEWS 24 : बीते 9 दिनों से स्टेशन के बाहर पंडाल लगाकर आमरण अनशन पर बैठे सैकड़ों किसान

धारा 144 लागू कर रेलवे स्टेशन के पूरे इलाके को पुलिस छावनी के तब्दील...

बीते 9 दिनों से स्टेशन के बाहर पंडाल लगाकर आमरण अनशन पर  बैठे सैकड़ों किसान

रीवा। ललितपुर सिंगरौली रेल लाइन परियोजना आंदोल की भेंट चढ़ चुकी है. रीवा में सैकड़ों किसान पिछले एक वर्ष से लागातार आंदोलनरत हैं. मांगे पूरी न होने के चलते सैकड़ों किसान बीते 9 दिनों से गोविंदगढ़ रेलवे स्टेशन के बाहर पंडाल लगाकर आमरण अनशन पर डटे हुए हैं. शुक्रवार को रीवा रेलवे स्टेशन से गोविंदगढ़ के बीच रेल का ट्रायल होना है. इसके लिऐ रेलवे लाइन का निरीक्षण करने मुम्बई रेलवे सर्किल के सीआरएस ( रेलवे सुरक्षा आयुक्त ) मनोज अरोरा रीवा के रेलवे स्टेशन से गोविंदगढ़ पहुंचने वाले हैं. तनाव पूर्ण स्थिति होने के चलते जिला कलेक्टर ने धारा 144 लागू कर रेलवे स्टेशन के पूरे इलाके को पुलिस छावनी के तब्दील कर दिया.

धारा 144 लागू रेल लाइन का निरीक्षण करेंगे सरक्षा आयुक्त: दरअसल, आज शुक्रवार को ललितपुर सिंगरौली रेल परियोजना के अन्तर्गत नव निर्मित गोविंदगढ़ रेलवे स्टेशन के अलावा रीवा रेलवे स्टेशन से लेकर गोविन्दगढ़ के बीच रेल लाईन का निरीक्षण करने करने मुम्बई रेलवे सर्किल के सीआरएस (रेलवे सुरक्षा आयुक्त) मनोज अरोरा आने वाले हैं, लेकिन आंदोलनरत किसान अपनी मांगों को लेकर पिछले 9 दिनों से गोविंदगढ़ रेलवे स्टेशन के बाहर पंडाल लगाकर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. किसानों के भारी विरोध और आंदोलन के चलते जिला प्रशासन ने कड़े इंतेजाम किए हैं. जिला कलेक्टर ने गोविन्दगढ़ रेलवे स्टेशन समेत अन्य स्थानों पर धारा 144 लगा दी है. इसके अलावा स्टेशन परिसर में भारी पुलिस बल तैनात किया गया गया. अन्य सैकड़ों किसान आंदोलन स्थल पर प्रवेश कर रहे उन्हे पुलिस कर्मियो के द्वारा रोक लिया गया है.

गोविंदगढ़ रेलवे स्टेशन पर अंदोलन कर रहे किसान: पिछले एक वर्ष से अपनी मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे पीड़ित किसानों ने एक बार फिर अपने आंदोलन को तेज करते हुए गोविंदगढ़ रेलवे स्टेशन के बाहर अपना डेरा डाला हुआ है. आंदोलन कर रहे किसानों का कहना है की रेलवे के द्वारा कई किसानों के साथ वादा खिलाफी की गई है. ललितपुर सिंगरौली रेल परियोजना में गोविंदगढ़ के किसानों की जमीनें अधिग्रहण की गई. इसके बदले रेलवे ने मुआवजे के साथ ही परिवार के एक सदस्य को नौकरी देने का भी वादा किया था. शुरुआती दौर पर रेलवे ने कई लोगों को नौकरी दी, लेकिन बाद में नियमों में बदलाव करते हुए रेलवे ने नौकरी देना बंद कर दिया. ऐसे में में कई किसान बेरोजगारी के कगार आ गए.

रेलवे ने जमीन के बदले नौकरी देने का किया था वादा: किसानों का कहना है की ललितपुर सिंगरौली रेल परियोजना के तहत किसानों की जमीन अधिग्रहण की गई. रेलवे ने जमीन के बदले नौकरी देने का आश्वासन दिया था, लेकिन 2019 में रेलवे के द्वारा तुगलकी फरमान जारी किया गया और नौकरी देने के लिए पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया. तकरीबन एक साल से लगातार हम अपनी मांगों को लेकर गोविंदगढ़ के रेलवे स्टेशन में आंदोलन कर रहे थे. मामले पर रेलवे के द्वारा किसी भी तरह का संज्ञान नहीं लिया.

किसान बोले नही मानी गई मांगे तो नही चलने देंगे ट्रेन: धरना स्थल पर बैठे अंदोलनकारी एक बुजुर्ग किसान ने बताया की जिस स्थान पर आज नवनिर्मित गोविन्दगढ रेलवे स्टेशन का निमार्ण हुआ है. वह उनकी ही जमीन थी रेलवे के अधिकारियों भू अधिग्रण के दौरान उन्हें मुआवजा और परिवार के एक सदस्य को नौकरी देने का वादा किया था. जिसके बाद मुआवजा तो मिला पर परिवार के एक सदस्य को नौकरी देने के वादे से वह मुकर गए. किसान ने बताया की जिले भर में ऐसे कई किसान है जिनके साथ रेलवे ने धोखा किया है.

नहीं चलने देंगे ट्रेन अगर चली तो छाती से होकर गुजरेगी ट्रेन: किसानों ने कहा की अपनी मांगो को लेकर देश के प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी, रेल मंत्री, को फैक्स के माध्यम से पत्र भेजा गया प्रदेश के उपमुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ला, सासंद जनार्दन मिश्रा से अपनी पीड़ा व्यक्त की लेकिन आज तक उनकी कोई सुनवाई नहीं हुई. आंदोलन स्थल पर जो किसान आ रहे हैं. उन्हें बीच रास्ते पर ही रोका जा रहा है. यहां पर धारा 144 लगाई गई है. पुलिस बल द्वारा हमारी अवाज को दबाने का पप्रयास किया जा रहा है. जब तक हमारी मांगे पूरी नहीं होंगी, हम इसी तरह से आंदोलन करेंगे और गोविंदगढ़ रेलवे स्टेशन पर ट्रेन नहीं चलने देंगे. अगर ट्रेन चली तो वह हमारी छाती से होकर गुजरेगी.

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