महाकाल हैं मेरे पिता...
सीएम ने रात उज्जैन में रुक कर बर्षों से चले आ रहे मिथक को तोड़ा !
उज्जैन। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने उज्जैन में रात गुजार कर बर्षों से चले आ रहे सभी मिथक को तोड़ दिया। उन्होंने यह भी बताया कि इस मिथक की शुरुआत कहां से हुई थी। सीएम ने कहा कि सिंधिया परिवार के द्वारा राजनीतिक रणनीति का हिस्सा बनाया गया था। उज्जैन से ग्वालियर राजधानी ले जाने के लिए सिंधिया परिवार ने राजनीति की थी।
उज्जैन में सीएम मोहन ने कहा कि महाराज सिंधिया ने पॉलिटिकल घटना की थी, यहां से राजधानी ग्वालियर ले जाना था इसलिए एक मंत्र फूंक गए तब से यह मिथक चला आ रहा है कि कोई भी राजा उज्जैन में नहीं रुकेगा। जाने अनजाने में उज्जैन में कोई घटना हुई थी। जिसे राजनीतिक घटना महाराज सिंधिया ने बना दिया था। राजधानी को यहां से ग्वालियर ले गए और धीरे से यहां एक मंत्र फूंक गए। ये उनकी राजनीतिक रणनीति का हिस्सा था। सीएम मोहन ने खुलकर बताया कि राजा तो सिर्फ महाकाल है। हम सब उनके बेटे हैं और इस बार इस मिथक को तोड़ने के लिए बाबा महाकाल ने उज्जैन से सीएम दे दिया और अब मेरे मुख्यमंत्री बनते ही ये मिथक भी आज टूट जाएगा।
बाबा पिता और मैं सेवक हूं- CM मोहन
मुख्यमंत्री ने कहा कि बाबा तो जन्म देने वाले हैं, भगवान महाकाल की कोई सीमा उज्जैन नगर निगम तक नहीं है, बल्कि पूरे ब्रह्मांड में है। अगर उन्होंने एक बार आंखें टेढ़ी कर ली तो उनसे कौन बच सकता है। डॉ यादव ने कहा कि बाबा पिता है और मैं सेवक हूं। आपको बता दें कि भगवान महाकालेश्वर यानी बाबा महाकाल उज्जैन के राजा हैं। महाकाल से बड़ा शासक कोई नहीं है। पौराणिक कथाओं के अनुसार कोई भी राजा उज्जैन में रात्रि निवास नहीं करता है, क्योंकि एक शहर में दो राजा नहीं ठहर सकते हैं। अगर कोई भी राजा या मंत्री यहां रात में ठहरता है, तो उसे इसकी सजा भुगतनी पड़ती है।
हालांकि लल्लूराम डॉट कॉम ने जब महाकाल मंदिर के पुजारी से चर्चा की तो उनका कहना है बाबा महाकाल की नगरी में ऐसी परंपरा है, लेकिन मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव भगवान महाकाल की नगरी में जन्मे और बाबा महाकाल के सेवक हैं। तो वह उज्जैन में जब भी रात्रि विश्राम करेंगे तो सीएम के पद को अलग रखते हुए बाबा महाकाल के प्रतिनिधि बनकर उज्जैन अवंतिका नगरी में विश्राम कर सकते हैं।
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