सीएम दफ्तर से विदाई के समय रोने लगीं कुछ लाड़ली बहनें तो शिवराज भी हुए भावुक
अपने लिए मांगने से बेहतर मैं मरना पसंद करूंगा : शिवराज
एमपी में शिवराज सिंह चौहान का सीएम दफ्तर में आज आखिरी दिन है. उनकी विदाई के समय कुछ महिलाएं रोने लगीं. शिवराज भी भावुक हो गए. प्रेस कॉन्फ्रेंस के समय उनके चेहरे पर भाव पढ़े जा सकते थे. आज उन्होंने पुराने बयान का जिक्र करते हुए कहा कि अपने लिए कुछ मांगने से बेहतर मरना पसंद होगा. आगे बोले कि आगे पार्टी जो काम देगी करूंगा. मध्य प्रदेश में भाजपा के नेता उत्साहित हैं. कल से 'मोहन राज' शुरू होने वाला है, इसके साथ ही करीब दो दशक बाद 'मामा' शिवराज सिंह चौहान का दौर भी समाप्त हो रहा है. वह खुद भले ही न कहें पर बतौर सीएम आखिरी प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान उनका चेहरा और आंखें सब कुछ बयां कर रही थीं. वह बार-बार भावुक होते दिखे. गला भरा हुआ था लेकिन बोलते हुए उन्होंने अपने इस भाव को छिपाए रखा. सधे हुए अंदाज में अपने कार्यकाल की उपलब्धियों का जिक्र करते गए.
पत्रकारों ने जब सवाल करना शुरू किया तो एक तीखा सवाल हुआ. शिवराज ने कहा, 'एक बात मैं विनम्रता के साथ कहता हूं कि अपने लिए कुछ मांगने जाने से पहले मैं मरना बेहतर समझूंगा। इसलिए मैंने कहा था कि मैं दिल्ली नहीं जाऊंगा.' दरअसल, एक पत्रकार ने कुछ दिन पहले के बयान का जिक्र किया था जिसमें शिवराज ने कहा था कि मामा दिल्ली नहीं जाएंगे. शिवराज ने संदर्भ भी बताया कि उस समय पूछा गया था कि बाकी दिल्ली में हैं, आप दिल्ली जाएंगे क्या? इस पर आज शिवराज का दर्द छलक पड़ा. बोले कि यह मेरा काम नहीं है. एक बात मैं विनम्रता के साथ कहता हूं कि अपने लिए कुछ मांगने जाने से पहले मैं मरना बेहतर समझूंगा। इसलिए मैंने कहा था कि मैं दिल्ली नहीं जाऊंगा...: मध्य प्रदेश के निवर्तमान मुख्यमंत्री और भाजपा नेता शिवराज सिंह चौहान
मेरे बारे में कोई भी फैसला मैं नहीं करता ना कभी किया है
एक सवाल के जवाब में शिवराज ने कहा कि मेरे बारे में कोई भी फैसला मैं नहीं करता ना कभी किया है... पहले भी कभी नहीं किया, आज भी नहीं किया और कल भी नहीं करूंगा. मेरी पार्टी करेगी. एक सवाल यह भी पूछा गया कि क्या 2024 का लोकसभा चुनाव लड़ेंगे शिवराज सिंह चौहान? वह इस सवाल को इग्नोर कर गए. शिवराज ने आगे बताया कि उन्होंने मुख्यमंत्री जी (मोहन यादव) से आग्रह किया है कि वह जगह उपलब्ध कराते रहें जिससे वह रोज पेड़ लगाने के अपने काम को आगे भी जारी रख सकें. उन्होंने कहा कि इतनी जमीन तो ऐसे मिलेगी नहीं, पेड़ को सरकारी जमीन पर ही लगाना होगा. एक सवाल यह भी आया कि कुछ समय पहले आपने सबको राम-राम वाला ट्वीट किया था क्या पहले ही आपको संकेत मिल गया था? शिवराज मुस्कुराकर बोले कि उन्होंने जब से होश संभाला है राम-राम कहते आ रहे हैं.
मैं क्षमाप्रार्थी हूं... शिवराज ने जोड़े हाथ
आखिर में शिवराज ने कहा कि मैं जनता और अपने सहयोगियों से निवेदन कर रहा हूं कि अगर कोई चीज ऐसी हो गई हो... मन में मेरे कभी दुर्भावना नहीं रही, जो फैसले किए कर्तव्य के भाव से... अगर वो फैसला लेने से कहीं किसी को तकलीफ पहुंची हो तो मैं उसके लिए भी क्षमाप्रार्थी हूं. यह कहते हुए शिवराज ने हाथ जोड़ लिए. आज शिवराज से मिलने के लिए कई महिलाएं सीएम दफ्तर पहुंची थीं, वे रो रही थीं. जब प्रेस कॉन्फ्रेंस में इसी बात को दोहराया गया तो शिवराज फिर से भावुक हो गए. उन्होंने कहा कि मामा और भाई का रिश्ता बना रहेगा. भाई और बहन का रिश्ता बना रहेगा. सरकार उनके कल्याण के काम करती रहेगी.
चुनाव के समय दो घंटे ही सोया
शिवराज ने बताया कि इस बार चुनाव में 2018 की कसक मन में थी इसलिए चुनाव के दौरान वह 2 घंटे ही सोए. उन्होंने कहा कि एमपी में पार्टी को जिताने की ड्यूटी सबकी थी लेकिन मुख्यमंत्री होने के नाते मेरी थोड़ी ज्यादा थी.
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