आपको क्या लगता है यह जो...
संसद में विपक्ष की ड्रामेबाजी एक सुनियोजित स्क्रिप्टेड ड्रामा है !
इस शीतकालीन सत्र में संसद के अंदर भारतीय जनता पार्टी देश हित में बहुत ही जरूरी कॉमन सिविल कोड बिल लाने वाली थी और वफ्फबोर्ड को भंग करने वाली थी। इन बिलों से देश के करोड़ों हिन्दुओं को मजबूती मिलने के साथ साथ देश की सुरक्षा को भी मजबूत बनाने की अहम थे। लेकिन विपक्ष की विपक्ष की एक सुनियोजित स्क्रिप्टेड ड्रामेबाजी के कारण ये बिल पटल पर नहीं आ सके। सूत्रों की माने तो ये एक सुनियोजित षडयंत्र किया गया जिससे इस पूरे सत्र में केवल हंगामा में जाए और कोई भी बिल पास ना हो पाए।
ऐसा लगता है कि विपक्ष संसद में उपद्रव करने वाले लड़कों के साथ खड़ा है। तभी तो उनके पक्ष खड़ा नजर आ रहा है उन्हें बेरोजगार बताकर जस्टिफाई करने की कोशिश कर रहा है। विपक्ष का कहना है कि लड़के बेरोजगार थे और बेरोजगारी की वजह से यह सब करने की कोशिश कर रहे थे . लेकिन मेरा मानना है कि यह केवल जांच को दिशाहीन करने का एकमात्र प्रयास है ऐसा लगता है कि ये सभी किसी न किसी पार्टी के एजेंट हैं और कहीं ना कहीं से इनको भारी मात्रा में पैसा उपलब्ध कराया गया है और इन लोगों को संसद के अंदर वह गैस किट पहुंचाने में जरूर किसी न किसी सांसद की मुख्य भूमिका है इसकी भी जांच होनी चाहिए।
मैं तो यही कहूंगा कि यह पूरे का पूरा षड्यंत्र है सरकार के खिलाफ की सरकार की सुरक्षा व्यवस्था ठीक नहीं है ऐसा मैसेज जाए जनता में विदेश में इसीलिए जानबूझकर के संसद के हमले की वार्षिक दिवस पर इस घटना को अंजाम दिया गया। इस घटना की जांच हर एंगल से की जाने की जरूरत है।
जरा इन बातों पर भी गौर करें-
- एक षड्यंत्र के तहत ही सारे के सारे किरदार हिंदू चुने गए जिससे कि हिंदुओं के ऊपर भी इल्जाम लगाया जा सके।
- यह लोग भाजपा की भारी विजय को भी उसकी खबर मीडिया में ना चले और वह डाइवर्ट हो जाए।
- केजरीवाल के पार्टी वालों का घोटाला घोटाले की बात ना हो लोग उल जलूल बातों में उलझे रहे।
- धारा 370 पर भारी विजय की चर्चा ना हो आज याद बहुत सारे अच्छे विषयों पर बात ना हो सके।
- हिन्दू हितैषी और हिंदुत्ववादी सरकार को बदनाम करने का पूरा-पूरा प्रयास किया गया है।
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