तेलंगाना के विधायकों को सबसे ज्यादा और त्रिपुरा के विधायकों को सैलरी मिलती है...
राज्य वार विधायकों को मिलने वाली सैलरी और भत्ते में काफी अंतर है !
पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद अब कई लोगों के मन में यह सवाल उठने लगे है कि आखिर एक मुख्यमंत्री और एक विधायक को कितनी सैलरी मिलती है। सैलरी के अलावा उन्हें किन किन सुविधाओं और भत्तों का लाभ दिया जाता है। और अगर कोई सांसद विधायक का चुनाव लड़े तो उसे कितनी सैलरी मिलेगी ? तो आईए जानते है कि एक विधायक को कितनी सैलरी मिलती है…
प्राप्त जानकारी के अनुसार के वर्तमान में देश में एक विधायक को भत्तों समेत 1.50 लाख से 2 लाख के आसपास सैलरी मिलती है। इसमें अलग अलग राज्यों के हिसाब से विधायकों को सैलरी मिलती है।वेतन के अलावा विधायकों को कई तरह के भत्ते और सुविधाएं भी मिलती है जैसे आवास, दैनिक भत्ता, यात्रा भत्ता, रेल और राज्य सरकारी बस की यात्रा में विशेष सुविधा और प्राथमिकता, वाहन भत्ता, निजी सचिव का प्रावधान, चिकित्सकीय सुविधाएं आदि।
राज्य वार किस विधायक को कितनी सैलरी !
अगर विधायकों की सैलरी के बारें में चर्चा की जाए तो सबसे ज्यादा सैलरी तेलंगाना के विधायकों को मिलती है।यहां एक एमएलए की सैलरी वैसे तो महज 20 हजार रुपये ही है, लेकिन निर्वाचन भत्ते के तौर पर यहां के एक विधायक को करीब महीने में 2,30,000 रुपये मिलते हैं। इसके बाद नंबर मध्य प्रदेश के विधायकों का आता है, जिनका मासिक वेतन करीब 2.10 लाख है। जिसमें बेसिक सैलरी 30 हजार, निर्वाचन क्षेत्र भत्ता 35 हजार रुपये और अन्य भत्तों में चिकित्सा, कंप्यूटर ऑपरेटर, यात्रा भत्ता मिलते हैं। जिससे एमएलए का मासिक वेतन कुल मिलाकर 2.10 लाख तक हो जाता है।
राज्य के मुख्यमंत्री को सभी भत्ते मिलाकर लगभग दो लाख रुपए सैलरी के रुप में दिए जाते हैं। छत्तीसगढ़ में विधायक की बेसिक सैलरी 20 हजार रुपये महीने है,इसके साथ ही निर्वाचन क्षेत्र भत्ता, टेलीफोन भत्ता, अर्दली भत्ता, दैनिक भत्ता और चिकित्सकीय भत्ते मिलाकर उसे महीने के कुल 1.10 लाख रुपये तक मिलते हैं। राजस्थान में विधायक की सैलरी हर महीने करीब 1.25 लाख रुपये है, इसमें उसे 40 हजार रुपये बेसिक सैलरी मिलती है। इसके अलावा अन्य भत्तों में निर्वाचन क्षेत्रभत्ता ,दैनिक भत्ता, टेलिफोन भत्ता, रेल और सड़क यातायात में सुविधाएं, चिकित्सा सुविधाएं भी शामिल हैं। मिजोरम में विधायकों की सैलरी कुल 47 हजार रुपये महीना है तो त्रिपुरा में विधायकों को मासिक वेतन 34 हजार रुपये प्रति माह मिलता है।
सांसद से विधायक बने नेताओं की सैलरी पर असर !
सभी सांसदों को भत्ते और पेंशन (संशोधन) अधिनियम, 2010 के अनुसार हर महीने 1 लाख रुपए सैलरी दी जाती है। इसके अलावा संसद के सदस्य को कई तरह के भत्ते और लाभ भी मिलते हैं। इन सांसदों को हर महीने 70 हजार रुपए निर्वाचन क्षेत्र भत्ता के तौर पर और 60 हजार ऑफिस के खर्चे के लिए सांसदों दिए जाते हैं। संसद सत्र के समय हर दिन दो हजार रुपये का भत्ता अलग मिलता है। अगर कोई सांसद , विधायक बनता है तो उसे संसद सदस्य वेतन, भत्ता और पेंशन अधिनियम की धारा 8क के हिसाब से रेल यात्रा फ्री रहती है, वही केंद्र सरकार की स्वास्थ्य योजना के तहत पूर्व सांसदों को भी वर्तमान संसद की तरह सुविधाएं मिलती रहती है। ये सुविधाएं अलग-अलग राज्यों में अलग अलग होती है। वही सासंद के विधायक बनने पर सैलरी में भी अंतर आ जाता है।
नोट : ये जानकारी विभिन्न माध्यमों से जुटाई गई है, इसमें फेरबदल भी हो सकता है। यह आंकड़े अनुमान के तौर पर दर्शाए गए है।
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