सरकार ने जांच के लिए चेक रिपब्लिक से मंगाई गई किट...
कोरोना संकट के बीच फैली रही है ये दुर्लभ बीमारी
नए साल की छुट्टियों पर बहुत से लोग घूमने के लिए हिमाचल प्रदेश पहुंचे हैं. जहां लाइम नामक बीमारी के मरीज मिले हैं. ऐसे में अगर आप घुमक्कड़ी के शौकीन होने के साथ प्रकृति प्रेमी भी हैं यानी पेड़-पौधों के बीच घूमने का शौक रखते हैं, तो आपको टिक्स से सावधान रहना चाहिए. लाइम नामक ये बीमारी बैक्टीरिया टिक्स के काटने से फैलती है. इसके लक्षण तो बेहद आम होते हैं लेकिन कभी-कभी यह गंभीर साबित होते हैं. क्योंकि इस जीव का काटना आपको लाइम डिजीज से ग्रसित कर सकता है. अमेरिकी सेंटर फॉर डिसीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन की एक रिपोर्ट के मुताबिक लाइम नामक ये बीमारी बैक्टीरिया टिक्स के काटने से फैलती है. लाइम रोग एक संक्रमण है जो बैक्टीरिया बोरेलिया बर्गडोरफेरी के काटने से होता है. इस बीमारी की सतत निगरानी के लिए विदेश से खास जांच किट मंगाई गई है.
ऐसे फैलता है संक्रमण
टिक के काटने की जगह (आपके हाथ या पैर या शरीर के किसी भी हिस्से में) सबसे पहले कुछ छोटे छोटे दाने उभर आते हैं. इनकी उपेक्षा करने पर दिक्कत बढ़ सकती है. टिक के काटने के साल भर बाद तक इसका असर दिख सकता है. जिसके कारण संक्रमित व्यक्ति के हाथ और पैर पर सूजन और त्वचा पर लाल दाग दिखाई देते हैं. इस बैक्टीरिया के काटने के करीब 3 से 30 दिनों लक्षण दिखाई दे सकते हैं. वहीं, कुछ मामलों में इसके लक्षण कुछ महीनों बाद भी दिखाई दे सकते हैं.
शुरुआती लक्षण
लाइम के संक्रमण की चपेट में आने वाले मरीज को बुखार, सिरदर्द, अथिक थकान और मांसपेशियों में दर्द महसूस होता है. डॉक्टर को न दिखाने या संक्रमण के बढ़ने पर शरीर में लाल लाल बड़े बड़े चकत्ते पड़ सकते हैं. आगे आराम न मिलने पर गर्दन में दर्द और अकड़न हो सकती है. चेहरे की मांसपेशियों में कमजोरी, हार्ट बीट का अनियमित तरीके से बढ़ना, हांथ पैर का सुन्न होना या आंखों में दर्द और मरीज को अंधेपन तक की समस्या का सामना करना पड़ सकता है.
क्या है टिक्स ?
ये एक बैक्टीरिया है. लाइम की बीमारी के शुरुआती लक्षण महसूस होने पर फौरन ब्लड टेस्ट समेत जांच करानी चाहिए. खासकर पहाड़ों और घासफूस वाले जंगली एरिया में विशेष ध्यान रखने की जरूरत है. क्योंकि इस एरिया में टिक्स मौजूद होते हैं. क्योंकि ये टिक्स लकड़ी में ही अपना ठिकाना बनाते हैं. जंगल या घास वाले इलाकों में अधिक देर तक रहना या बैठना आपको लाइम रोग की ओर धकेल सकता है. बच्चों को इसका ज्यादा खतरा हो सकता है.
कैसे करें बचाव ?
पहाड़ी इलाकों में भी लाइम रोग वाले बैक्टीरिया ज्यादा पाए जाते हैं. ऐसे में पहाड़ों में ज्यादा संभलकर रहने की जरूरत है. लाइम रोग गठिया या हार्ट की बीमारी की वजह भी बन सकता है. इसका बैक्टीरिया सबसे पहले आपकी स्किन पर हमला करता है, ऐसे में बच्चे हों या बड़े सभी को फुल आस्तीन वाले कपड़े पहनकर ही जंगल या पहाड़ी इलाकों में जाना चाहिए. अगर आपको उपर बताए लक्षणों में से कोई भी महसूस होता है तो बिना देर लगाए किसी अच्छे डॉक्टर को दिखाएं और उनकी सलाह से ही एंटीबॉयटिक या अन्य दवाओं का सेवन करें. यानी किसी एक्सपर्ट की देखरेख में अपना इलाज कराएं खुद से दवा-इलाज न करें.
अमेरिकी एक्ट्रेस को हो चुकी है ये बीमारी
ये बीमारी पूरी दुनिया तक फैल चुकी है. इसी साल अगस्त में अमेरिकी एक्ट्रेस और मॉडल बेला हदीद ने खुद को लाइम रोग होने की खबर फैंस से शेयर की थी. उन्होंने इंस्टाग्राम पर अपनी बीमारी की जानकारी देते हुए हेल्थ अपडेट शेयर किया था कि यह रोग बैक्टीरिया के काटने से होता है. ये वो कीड़ा है, जो जानवरों के शरीर पर होता है. उन्होंने बताया था कि करीब तीन महीने से वो परेशान थीं. इस कारण उनके शरीर और जॉइंट्स में बहुत दर्द होता था. बेला ने अपनी लंबे-चौड़े पोस्ट में लिखा था कि उन्हें खुद पर गर्व है कि उन्होंने हार नहीं मानी और लंबी लड़ाई लड़ी.
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