इंदौर की हुकुमचंद मिल मजदूरों का संघर्ष अंजाम तक पहुंचा...
सीएम ने 464 करोड़ की बकाया राशि मजदूरों को देने के लिए दी स्वीकृति
इन्दौर। इंदौर की हुकुमचंद मिल के मजदूरों के लिए मंगलवार का दिन खुशियों की सौगात लेकर आया है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने इंदौर की हुकुमचंद मिल के मजदूरों को मिलने वाली 464 करोड़ की बकाया राशि से संबंधित फाइल पर हस्ताक्षर कर अपनी स्वीकृति प्रदान कर दी है इसी के साथ अब मिल मजदूरों की बकाया राशि के भुगतान का रास्ता साफ हो गया है।
मिल मजदूरों को मिला इंसाफ
विधानसभा परिसर के मुख्यमंत्री के चैंबर में आज नगरीय प्रशासन विभाग की बैठक में ये फैसला लिया गया। इसी के साथ हुकमचंद मिल के साढ़े 5 हजार से अधिक मजदूर जो सालों से अपने हक के लिए भटक रहे थे, उन्हें इंसाफ भी मिल गया है। बता दें कि ये मिल 12 दिसंबर 1991 को बंद हो गई थी और इसके बाद मजदूरों ने अपने हक के लिए अदालत का रास्ता अपनाया था।
हाईकोर्ट में इस केस में लगभग 32 साल के लंबे संघर्ष के बाद इसी माह दिसंबर में इंदौर हाईकोर्ट खंडपीठ ने हाउसिंग बोर्ड को मुआवजे की राशि मजदूरों को देने का आदेश दिया था। इसके बाद अब सरकार ने उनकी राशि जारी कर दी है और इससे संबंधित फाइल पर मुख्यमंत्री ने अपने हस्ताक्षर कर दिए है। इसी के साथ मजदूरों का सालों लंबा संघर्ष समाप्त हो गया और उन्हें उनकी हक की राशि मिलने का रास्ता साफ हो गया है।
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