G.NEWS 24 : भारत-अमेरिका के बीच "टू-प्लस-टू वार्ता" आज

दोनों देशों के रक्षा और विदेश संबंधों को देंगे नया मुकाम...

भारत-अमेरिका के बीच "टू-प्लस-टू वार्ता" आज

अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन भारत-अमेरिका ‘‘टू प्लस टू’’ विदेश और रक्षा मंत्री स्तरीय वार्ता में भाग लेने के लिए बृहस्पतिवार रात दिल्ली पहुंचे। ‘टू प्लस टू’ संवाद आज शुक्रवार को होगा। अमेरिकी रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन पहले ही दिल्ली पहुंच चुके हैं। वार्ता में भारतीय पक्ष का नेतृत्व रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और विदेश मंत्री एस.जयशंकर करेंगे। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने ‘एक्स’ पर कहा, ‘‘पांचवीं भारत-अमेरिका ‘टू प्लस टू’ मंत्रिस्तरीय वार्ता की सह-अध्यक्षता करने के लिए नई दिल्ली पहुंचने पर अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन का हार्दिक स्वागत है।’’ यह वार्ता भारत और अमेरिका के रक्षा व विदेश संबंधों को नया मुकाम देने के लिए होने जा रही है। इससे भारत के चीन और पाकिस्तान जैसे दुश्मन खुद को असुरक्षित महसूस करने लगे हैं। 

अमेरिका अब भारत का स्ट्रैटेजिक पार्टनर बन गया है। ऐसे में दोनों देशों के संबंधों में लगातार गहराई और मजबूती देखने को मिल रही है। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन और भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दोनों देशों के मजबूत संबंधों पर बहुत फोकस किया है। अमेरिका के एक पूर्व वरिष्ठ रक्षा अधिकारी ने बुधवार को कहा कि अमेरिका-भारत के रक्षा संबंध ‘सही दिशा’ में हैं और यह ‘2 प्लस 2’ विदेश और रक्षा मंत्री स्तरीय वार्ता इस बात का एक बड़ा उदाहरण है कि दोनों पक्षों ने इसे और आगे बढ़ाने पर कितना महत्व दिया है। भारत और अमेरिका आज यहां ‘2 प्लस 2’ विदेश और रक्षा मंत्री स्तरीय वार्ता के अगले संस्करण में अपने तेजी से बढ़ते रणनीतिक रिश्तों की व्यापक समीक्षा करेंगे। 

दक्षिण एशिया और दक्षिण पूर्व एशिया के लिए अमेरिका के पूर्व उप सहायक रक्षा सचिव जोसेफ एच फेल्टर ने कहा, ‘‘अमेरिका-भारत संबंधों से अधिक महत्वपूर्ण कोई संबंध नहीं है और पिछले कुछ समय से ये रक्षा संबंध व्यापक अमेरिक-भारत रिश्तों के वास्तविक संचालक रहे हैं।’’ उन्होंने कहा, 2016 के बाद से जब भारत को एक प्रमुख रक्षा भागीदार के रूप में नामित किया गया, हम आज 20 अरब अमेरिक डॉलर से अधिक के रक्षा व्यापार का सफर तय कर चुके हैं, जबकि 2008 में भारत के साथ रक्षा व्यापार बिल्कुल शून्य था। इसलिए, अमेरिका-भारत रक्षा संबंध वास्तव में सही दिशा में है और यह ‘2 प्लस 2’ इस बात का एक बड़ा उदाहरण है कि हमारे दोनों पक्षों ने इसे आगे बढ़ाने के लिए कितना महत्व दिया है।’’

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