G.NEWS 24 : इंदिरा गांधी पुण्यतिथि एवं सरदार वल्लभ भाई पटेल की जयंती पर कांग्रेस ने किया नमन

इंदिरा गांधी एवं सरदार वल्लभ भाई पटेल को कांग्रेस ने पुष्पांजलि अर्पित की...

इंदिरा गांधी पुण्यतिथि एवं सरदार वल्लभ भाई पटेल की जयंती पर कांग्रेस ने किया नमन

ग्वालियर। पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की पुण्यतिथि एवं भारत के प्रथम गृह मंत्री लोहपुरूष सरदार वल्लभ भाई पटेल की जयंती के अवसर पर मंगलवार को छत्री बाजार स्थित लेडिस पार्क पर पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की प्रतिमा एवं सरदार वल्लभ भाई पटेल को कांगे्रस ने पुष्पांजलि अर्पित की। इस मौके पर शहर जिला कांग्रेसअध्यक्ष देवेन्द्र शर्मा, चन्द्रमोहन नागोरी, आनंद शर्मा, महाराज सिंह पटेल, राजेश भदौरिया सहित कांगे्रस के पदाधिकारी एवं कार्यकर्ता उपस्थित थे। 

इस मौके पर चन्द्रमोहन नागोरी ने कहा कि देश की पहली और इकलौती महिला प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की 31 अक्टूबर को पुण्यतिथि मनाई जाती है। इंदिरा गांधी को आधुनिक भारत के इतिहास में सबसे सशक्त महिलाओं में गिना जाता है। वह महिलाओं के लिए प्रेरणास्रोत हैं। 11 वर्ष की आयु में इंदिरा ने ब्रिटिश शासन के खिलाफ बच्चों की वानर सेना बनाई। शुरुआती समय में राजनीति में औपचारिक रूप से शामिल हुई और पिता जवाहर लाल नेहरू के कार्य में उनका हाथ बटाती रहीं। बाद में पिता के निधन के बाद कांग्रेस पार्टी की बागडोर संभाली। 

उन्हें देश की पहली महिला प्रधानमंत्री बनने का मौका मिला, तो अपने कार्यकाल में उन्होंने कई बड़े और दमदार फैसले लिए। उनके फैसले विवादित भी रहे और देश के विकास में अहम भी बने। 1966 में, इंदिरा गांधी भारत की पहली महिला प्रधान मंत्री बनीं और उनके कार्यकाल को कई महत्वपूर्ण उपलब्धियों से चिह्नित किया गया। 1971 के भारत-पाक युद्ध के दौरान उनका नेतृत्व, जिसके कारण बांग्लादेश का निर्माण हुआ, भारत की संप्रभुता को बनाए रखने की उनकी प्रतिबद्धता का एक ज्वलंत उदाहरण बना हुआ है। 

उन्होंने अपनी नीतियों और हरित क्रांति जैसी पहलों के माध्यम से आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, जिससे कृषि उत्पादकता में उल्लेखनीय वृद्धि हुई। वंचितों के कल्याण के प्रति इंदिरा गांधी का समर्पण और सामाजिक न्याय के प्रति उनकी प्रतिबद्धता उनकी विभिन्न नीतियों और पहलों से स्पष्ट थी। बैंकों का राष्ट्रीयकरण, गरीबी-विरोधी कार्यक्रमों का कार्यान्वयन और शिक्षा को बढ़ावा देना देश की प्रगति में उनके योगदानों में से एक था।

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