25 लाख परिवारों को निमंत्रण देने जाएंगे स्वयंसेवक...
रामलला की प्राण प्रतिष्ठा का निमंत्रण देने निकाली अक्षत कलश यात्रा
ग्वालियर। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के आव्हान पर अयोध्या में 22 जनवरी 2024 को होने वाले रामलला के प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम का निमंत्रण देने के लिए गुरुवार को लश्कर जिले में अक्षत कलश यात्रा निकाली गई। जिसका जगह-जगह पुष्पवर्षा कर स्वागत किया गया। श्री रामलला प्राण प्रतिष्ठा उत्सव के तहत यह कलश यात्रा गुरुवार को सुबह 9 बजे गुढ़ा गुढ़ी नाके के पास रामजानकी मंदिर (प्री सैनिक स्कूल के सामने) से प्रारम्भ हुई। जो बेटी बचाओ चौराहा, रॉक्सी टॉकीज, महाराज बाड़ा, जनकगंज, हनुमान चौराहा, जीवाजीगंज, सेंट्रल जेल, रामदास घाटी, शिंदे की छावनी, फूलबाग गुरुद्वारा, नदी गेट, इंदरगंज, दाल बाजार, नया बजार से होते हुए कंपू स्थित वाल्मीकि मंदिर पर पहुंची। इसके बाद मंदिर में कलश की स्थापना की गई।
इस अवसर पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ग्वालियर के विभाग संघचालक विजय गुप्ता, लश्कर जिला संघचालक प्रहलाद सबनानी, डॉ.सुनील पाठक, लश्कर जिला कार्यवाह द्वारका गुर्जर, विश्व हिंदू परिषद के प्रांत उपाध्यक्ष पप्पू वर्मा, वसंत गोडयाले, उदल सिंह, राजू गोस्वामी सहित अन्य हिंदू संगठनों के सैकड़ों कार्यकर्ता उपस्थित रहे।
लश्कर जिला संघचालक प्रहलाद सबनानी ने कहा कि 22 जनवरी 2024 को अयोध्या में श्री रामलला की मूर्ति की स्थापना होगी। इसी को लेकर देशभर में 25 लाख से ज्यादा हिंदू परिवारों को निमंत्रण देने के लिए संघ के स्वयंसेवक जाएंगे। उन्होंने बताया कि ग्वालियर में एक लाख से अधिक परिवारों को निमंत्रण दिया जाएगा। इसके लिए ग्वालियर एवं लश्कर जिले में अक्षत कलश (पीले चावल) आ चुके हैं। उन्होंने कहा कि हम भगवान श्रीराम के 14 वर्ष बाद अयोध्या लौटने की खुशी में दीपावली मनाते हंै। किन्तु आगामी 22 जनवरी 2024 को वह दूसरी दीपावली होगी।
जब श्रीराम 500 वर्षों के बाद भारत की स्वतंत्रता के अमृत वेला में अपने जन्म स्थान पर भव्य कार्यक्रम के साथ लौटेंगे। इसलिए यह आवश्यक है कि विश्व का समस्त हिन्दू समाज इस प्राण प्रतिष्ठा समारोह में प्रत्यक्ष शामिल हो। सभी राम भक्तों को उस दिन अयोध्या नहीं बुलाया जा सकता, इसलिए हिन्दू अपने मोहल्लों या गांव के मंदिर को ही अयोध्या मानकर वहां एक एकत्रित होकर विजय महामंत्र का जाप करें। इसी को लेकर आगामी दिनों में अक्षत (पीले चावल) के माध्यम से सभी हिन्दू परिवारों में जाकर सम्पर्क किया जाएगा।
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