चुनाव आयोग से की शिकायत...
बीजेपी ने की भिंड के अटेर के 16 मतदान केंद्रों पर पुनर्मतदान की मांग
भोपाल। एमपी विधानसभा के लिए 17 नवंबर को वोटिंग हो चुकी है और अब प्रत्याशियों को नतीजे का इंतजार है. इस बीच चुनाव आयोग से शिकायतों का सिलसिला भी शुरू हो गया है. बीजेपी ने चुनाव आयोग में शिकायत की है पीठासीन अधिकारियों ने उनकी मांग का समाधान नहीं किया.ऐसे में भिंड जिले के अटेर में 16 मतदान केन्द्रों पर पुनर्मतदान कराया जाए.
पुनर्मतदान की मांग : भारतीय जनता पार्टी ने मुख्य चुनाव आयुक्त नई दिल्ली को भिंड जिले की अटेर विधानसभा क्षेत्र के 16 मतदान केंद्रों पर पुनर्मतदान कराए जाने की मांग की है.भाजपा के एक प्रतिनिधि मंडल ने इस संबंध में मध्यप्रदेश के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी को ज्ञापन सौंपा है. भिंड जिले के अटेर से भाजपा प्रत्याशी डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ने यह मांग की है.
कौन से हैं 16 मतदान केन्द्र :भाजपा के एक प्रतिनिधि मंडल ने मध्यप्रदेश के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी को सौंपे ज्ञापन में कहा है कि 17 नवंबर को मध्यप्रदेश विधानसभा के मतदान संपन्न हुए हैं. भिंड जिले के अटेर विधानसभा क्षेत्र के मतदान केंद्र क्रमांक 11,12 खडित, 17, 41 निवारी, 48 बड़पुरा, 49 बड़पुरी, 55, 67, 69, 70, 71 किशुपुरा, 103 मनेपुरा, 169 पीथमपुरा, 170, 171, 211 बीसलपुरा में पदस्थ पीठासीन अधिकारियों व उनके दल द्वारा कांग्रेस कार्यकर्ताओं के साथ मिलीभगत कर चुनाव प्रक्रिया को प्रभावित किया गया.
शिकायत में क्या कहा : शिकायत में कहा गया कि इन 16 मतदान केंद्रों पर बूथ कैप्चरिंग की घटना हुई. जिसकी शिकायत भाजपा कार्यकर्ताओं ने तत्काल चुनाव आयोग को की थी पर कार्रवाई नहीं हुई. इन शिकायतों को संबंधित मतदान केंद्रों के पीठासीन अधिकारियों ने भी नहीं सुना और आम मतदाता को मतदान केंद्र के बाहर ही हतोत्साहित कर मत प्रयोग करने से वंचित रखा. एक मतदान केंद्र में मतदाता ने एक से अधिक बार अपना मत ईवीएम में दर्ज कराया गया, जिसका वीडियो भी है.
कई मतदान केंद्रों पर पीठासीन अधिकारियों को भी प्रभाव में रखकर कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने बूथ कैप्चरिंग की है. कई मतदान केंद्रों पर पुलिस बल की कमी रही, शिकायत पर उचित कार्रवाई नहीं की गई. ऐसी स्थिति में सभी 16 मतदान केंद्रों के मतदान को शून्य घोषित कर पुनर्मतदान के लिए अधिसूचना जारी की जाए. यह कार्य लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 128, 129, 135 (क) के अंतर्गत आपराधिक कृत्य है व संज्ञेय अपराध की श्रेणी में आता है.
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