शर्म करो विडिओ और रील बनाने वालों !
एक्सीडेंट के बाद तड़पता रहा पीयूष और आप बनाते रहे विडिओ
भारत में सड़क हादसों में घायल हुए लोगों के लिए गुजरते हुए राहगीरों का जो व्यवहार है वह तो और भी परेशान करने वाला है. ऐसा इसलिए क्योंकि लोग घायल को अस्पताल नहीं पहुंचाते बल्कि सिर्फ वीडियो बनाते हैं.सुप्रीम कोर्ट के लाख समझाने के बाद भी लोग घायलों की मदद करने आगे नहीं आते हैं बल्कि विडिओ बनाने में लग जाते है जबकि इन्हे सबसे पहले घायल की मदद करना चाहिए।
वायरल होने की चाहत ने इंसान को शायद पत्थर दिल कर दिया है. कैसी भी घटना हो, उसके मन में पहले यही आता है कि वीडियो कैसे लूं और सोशल मीडिया पर लाइक्स और फॉलोअर्स कैसे बढ़ाऊं. दिल्ली में ऐसा ही कुछ फिल्ममेकर पीयूष पाल के साथ हुआ. एक बाइक से टकराने की वजह से उनका एक्सीडेंट हो गया. करीब आधे घंटे तक वह सड़क पर पड़े तड़पते रहे. उनकी बॉडी से लगातार खून बहता रहा, लेकिन किसी ने मदद का हाथ नहीं बढ़ाया. हद तो तब हो गई जब वहां खड़े लोग वीडियो बनाते रहे. फोटो खींचते रहे लेकिन घायल पीयूष को उनमें से किसी ने हॉस्पिटल नहीं पहुंचाया. इसके चलते पीयूष की जान चली गई.
मदद तो की नहीं मोबाइल-लैपटॉप भी चुरा लिया
हां, पीयूष पाल के साथ दिल्ली में हुई ये घटना बिल्कुल सच है. बीते गुरुवार को आउटर रिंग रोड पर रात करीब 9 बजकर 45 मिनट पर पीयूष पाल हादसे का शिकार हो गए थे. सड़क पर जख्मी हालत में वह करीब आधे घंटे तक पड़े रहे. हालांकि, बाद में वहां पंकज जैन आए और पीयूष को अस्पताल पहुंचाने में मदद की. लेकिन ज्यादा खून बह जाने की वजह से उनकी जान नहीं बच पाई. जांच में पता चला कि मौके पर खड़े लोगों ने मदद तो की नहीं लेकिन चोर पीयूष का फोन और लैपटॉप चुरा ले गए. सड़क हादसे के आंकड़े भारत में डराने वाले हैं. आइए इनके बारे में जानते हैं.
दिल दहला देंगे सड़क हादसों के आंकड़े
- देश में होने वाले सड़क हादसों के बारे में केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्रालय ने जो आंकड़े जारी किए हैं वो दिल दहलाने वाले हैं. सड़क हादसों के ये आंकड़े 2022 के हैं.
- - 2022 में पूरे देश में 1 लाख 68 हजार से ज्यादा लोगों ने सड़क हादसों में जान गंवा दी.
- - आंकड़ों की मानें तो देश में 71 प्रतिशत जानलेवा हादसे तेज रफ्तार की वजह से हुए.
- - साल 2022 में ओवर स्पीडिंग की वजह से होने वाले हादसों में 1 लाख 20 हजार लोग मारे गए.
- - हर 10 में से 7 लोगों की मौत की वजह ओवर स्पीडिंग यानी तेज रफ्तार रही.
- - वहीं, नशे में ड्राइविंग की वजह से 2022 4 हजार 200 लोगों की मौत हुई.
- - केंद्र सरकार की ओर जारी आंकड़ों के मुताबिक, 2022 में रॉन्ग साइड ड्राइविंग ने 9 हजार से ज्यादा लोगों की जान ले ली.
- - जबकि मोबाइल फोन इस्तेमाल करने की वजह से हुए हादसों में 3,400 लोगों ने दम तोड़ दिया.
- - सड़क हादसों में जान गंवाने वालों में सबसे ज्यादा दोपहिया सवार थे. 2022 में 75 हजार दोपहिया सवार सड़क हादसों में मारे गए.
- - हैरान करने वाली बात ये है कि इनमें से 50 हजार से ज्यादा वो लोग थे जिन्होंने हेलमेट नहीं लगा रखा था.
- - सड़क हादसों में जान गंवाने वालों में करीब 33 हजार पैदल चलने वाले भी शामिल हैं.
- - वहीं, कार एक्सीडेंट में 2022 में करीब 21 हजार लोगों ने दम तोड़ दिया.
- - इनमें करीब 17 हजार ऐसे लोग शामिल हैं जिन्होंने सीट बेल्ट नहीं लगा रखी थी.
- - सड़क हादसों के लिए सबसे असुरक्षित शहरों की बात करें तो देश की राजधानी पहले नंबर पर है, जहां 2022 में 1,461 लोगों की मौत सड़क हादसों में हुई.
- - असुरक्षित शहरों की लिस्ट में दूसरा नंबर बेंगलुरु का है, जहां 2022 में 772 लोगों ने दम तोड़ दिया.
- - हादसों के आधार पर देश का तीसरा सबसे असुरक्षित शहर जयपुर है, जहां 765 लोगों की मौत हुई.
0 Comments