प्रेस्टीज प्रबंधन एवं शोध संस्थान...
‘‘स्पंदन-2023’’ का भव्य शुभारंभ
ग्वालियर। प्रतियोगिता मंे जीतना ही सबकुछ नहीं होता अपितु प्रतियोगिता में प्रतिभागिता सबसे अधिक महत्वपूर्ण पहलू है जिसके लिये हम सभी को बलिष्ठ होने की प्रमुख आवश्यकता है जो कि समय को सही तरीके से मैनेज करने से ही संभव है। यह बात मुख्य अतिथि के रूप में डाॅ. ए.के. निगम, डीन एण्ड हेड गजराराजा मेडीकल काॅलेज, ग्वालियर ने प्रेस्टीज प्रबंधन एवं शोध संस्थान, ग्वालियर के प्रांगण में आयोजित वार्षिक महोत्सव ‘‘स्पंदन-2023’’ के उद्घाटन सत्र के दौरान छात्र/छात्राओं को संबोधित करते हुए कही, साथ ही उन्होने बताया कि षिक्षा संग संस्कार विद्यार्थियो में यदि प्रेषित किये जाए तो निश्चित ही वे भविष्य में समाज एवं राष्ट्र के लिये अमूल्य योगदान दे पाने में सफल होंगे।
किसी भी शिक्षण संस्थान के लिये विद्यार्थियों हेतु बेहतर शिक्षा का वातावरण उपलब्ध कराने के साथ-साथ आज यह भी अनिवार्य है कि वे विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास हेतु अवसर प्रदान करें जिसके लिये उन्हे उन अवसरों को व्यावहारिक जीवन में आत्मसात करने हेतु प्रोत्साहित करें। प्रेस्टीज प्रबंधन संस्थान, ग्वालियर उन सभी षिक्षण संस्थाओ में अग्रणी स्थान रखता है जो विद्यार्थियो को आज भी भारतीय पारंपरिक शिक्षण व्यवस्था के साथ-साथ शिक्षा जगत में हुए परिवर्तनो के माध्यम से आधुनिक शिक्षण पद्धतियो द्वारा शिक्षा उपलब्ध करा रहे है।
श्री निगम ने प्रेस्टीज प्रबंधन एवं शोध संस्थान, ग्वालियर की प्रषंसा करते हुए कहा कि ‘‘स्पंदन-2023’’ शैक्षणिक एवं सांस्कृतिक कार्यक्रमों का एक ऐसा संगम है जिसमें प्रतिभागिता देकर छात्र/छात्राएं अपने सर्वांगीण विकास के बल पर जीवन में आगे बढ़ने का अपना मार्ग प्रशस्त कर सकते है।
‘‘स्पंदन-2023’’ के उद्घाटन सत्र में सम्मानीय अतिथि के रूप में पधारे अंकुर महेश्वरी, मैनेजिंग डायरेक्टर, माॅर्डनग्रुप ने अपने उद्बोधन में कहा कि प्रेस्टीज प्रबंधन एवं शोध संस्थान, ग्वालियर को मध्य भारत में प्रबंधन, काॅमर्स, आई.टी. एवं लाॅ के क्षेत्र में षिक्षा जगत में श्रेष्ठ स्थान हासिल है और संस्थान द्वारा विद्यार्थियों के चहुॅंमुखी विकास के लिए किये जा रहे निरंतर प्रयासो के बल पर यह संस्थान छात्र/छात्राओ के लिए वर्तमान में षिक्षण हेतु सर्वश्रेष्ठ विकल्प बन चुका है।
आज संस्थान के प्रांगण में जो वातावरण में देख रहा हूॅं निश्चित तौर पर छात्र/छात्राओं को स्वावलंबि बनाने की दिशा में स्पंदन महोत्सव मील का पत्थर साबित होगा, जो कि वर्तमान समय के युवाओं को स्वावलंबि बनाने की आवश्यकता को पूरा करता है। मैं प्रेस्टीज प्रबंधन एवं शोध संस्थान, ग्वालियर के छात्र/छात्राओ की ऊर्जा, उनका कार्य को लेकर समर्पण, निर्णयन क्षमता, टीम भावना एवं आज के आधुनिक समय में भारतीय परंपराओ के निर्वहन की भावना तथा संस्थान मे पधारे अतिथियों के आदर सत्कार एवं स्वागत करने के तरीके से अत्यन्त अभिभूत हूॅं और साथ ही उन्हें ‘‘स्पंदन-2023’’ के सफल आयोजन के लिए शुभकामनाएं देता हूॅं।
‘‘स्पंदन-2023’’ के उद्घाटन सत्र में प्रेस्टीज प्रबंधन एवं शोध संस्थान, ग्वालियर के निदेषक डाॅं. निशांत जोशी ने अपने स्वागत संबोधन में कहा कि प्रेस्टीज प्रबंधन एवं शोध संस्थान, ग्वालियर सदैव ही छात्रों के सर्वांगीण विकास के लिये प्रयासरत रहा है और इसी उद्देश्य को पूर्ण करने में संस्थान का वार्षिक महोत्सव ‘‘स्पंदन’’ प्रतिवर्ष प्रेस्टीज प्रबंधन एवं शोध संस्थान, ग्वालियर के प्रांगण में मनाया जाता है। ‘‘स्पंदन’’ का आयोजन इसके अर्थ (हृदय की धड़कन) के अनुरूप ही विद्यार्थियों के उत्साहवर्धन एवं उनमे छिपी हुई प्रतिभाओं को निखारने के उद्देश्य से प्रेस्टीज प्रबंधन संस्थान, ग्वालियर द्वारा किया जाता है।
इस महोत्सव के दौरान समूचा माहौल आनंदमय एवं स्फूर्तिदायक बन जाता है। डाॅं. जोशी ने बताया कि प्रेस्टीज प्रबंधन संस्थान, ग्वालियर अपने वार्षिक महोत्सव स्पंदन का प्रतिवर्ष राष्ट्रीय स्तर पर आयोजन करता रहा है जिसके पीछे संस्थान का मुख्य उद्देष्य देष के अन्य प्रतिष्ठित संस्थानों से छात्र/छात्राओं को प्रतिभागिता के माध्यम से प्रेस्टीज प्रबंधन एवं शोध संस्थान, ग्वालियर में आंमत्रित करना जिससे संस्थान के छात्र/छात्राओं का देष के अन्य षिक्षण संस्थाओं के छात्र/छात्राओं के साथ परिचय हो सके।
कार्यक्रम की अगली कड़ी में स्पंदन-2023 के समन्वयक डाॅ. गौरव जायसवाल ने कार्यक्रम की विस्तृत जानकारी देते हुये कहा कि ‘‘स्पंदन-2023’’ के दौरान करीब 4730 से अधिक विद्यार्थियों ने भाग लिया जिसमें से नेशनल 1500 छात्र/छात्राऐं प्रतिभागी रहे। उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि ‘‘स्पंदन-2023’’ के दौरान कुल 16 प्रतिस्पर्धाओं का आयोजन किया जायेगा एवं स्पंदन-2023 का आयोजन छात्र/छात्राओं द्वारा ही किया जा रहा है, जिससे उन्हे इवेंट मैनेजमेंट के क्षेत्र में महारथ हासिल हो सके।
0 Comments