G.NEWS 24 : विद्यार्थियों को एस्ट्रोनॉमी क्लब द्वारा दी गयी चंद्र ग्रहण की खगोलीय घटना की जानकारी

शासकीय उत्कृष्ट विद्यालय मुरार ग्वालियर में...

विद्यार्थियों को एस्ट्रोनॉमी क्लब द्वारा दी गयी चंद्र ग्रहण की खगोलीय घटना की जानकारी

ग्वालियर। शासकीय उत्कृष्ट विद्यालय मुरार ग्वालियर के विपनेट क्लब विज्ञान बाल जन ग्रुप एवं द मिल्की वे एक्सीलेंस एस्ट्रोनॉमर्स क्लब कोऑर्डिनेटर एवं खगोल विज्ञान संचारक डॉ. दीप्ति गौड़ ने 28-29 अक्टूबर की मध्य रात्रि को चन्द्र ग्रहण के पूर्व विद्यार्थियों को चंद्र ग्रहण की खगोलीय घटना के विषय में जानकारी दी गई वैज्ञानिक रूप से किसी भी ग्रहण को खगोलीय घटना माना जाता है,उन्होंने बताया कि अंतरिक्ष में होने वाली खगोलीय घटना के कारण ही चंद्रग्रहण  और सूर्य ग्रहण होते हैं। 

इनमें कुछ घटनाएं कई साल बाद होती है इनको लेकर समाज में अंधविश्वास भी व्याप्त है लेकिन इसके पीछे विज्ञान का तर्क है क्लब  ने ग्लोब के माध्यम से विद्यार्थियों को बताया कि चंद्रग्रहण पूर्णिमा के दिन पड़ता है तथा यह एक खगोलीय घटना है इसमें पृथ्वी की छाया चंद्रमा पर पड़ती है तो चंद्रग्रहण होता है इसके अलावा जब सूर्य और पृथ्वी के बीच में चंद्रमा आ जाता है तो सूर्य ग्रहण पड़ता है जो अमावस्या को पड़ता है । कभी-कभी यह ग्रहण आंशिक रूप से भी पडते हैं। 

इस दौरान अंधविश्वास से जुड़ी कई बातों पर चर्चा हुई और छात्रों के सवालों के जवाब भी उन्होंने दिए। इस अवसर पर विद्यालय के प्राचार्य प्रबुद्ध गर्ग एवं समस्त स्टाफ सदस्य एवं बड़ी संख्या में विद्यार्थी उपस्थित रहे। विद्यार्थी चंद्र  ग्रहण को देखने के प्रति काफी उत्सुक नज़र आये क्योंकि इसे खुली आँखों से देखा जा सकता है। डॉ.  दीप्ति ने बताया कि चंद्र ग्रहण दुनिया भर के लोगों को आकर्षित करता रहा है। 

आधुनिक खगोलविद और वैज्ञानिक उत्सुकता से उनका अध्ययन और विश्लेषण करते हैं, ताकि हम पृथ्वी-चंद्रमा प्रणाली के बारे में अधिक जानकारी प्राप्त कर सके। साल का दूसरा और आखिरी चंद्र ग्रहण 28 अक्टूबर, 2023 को लगने वाला है और यह भारत और कई अन्य देशों में दिखाई देगा। भारत के अलावा पश्चिमी प्रशांत महासागर, ऑस्ट्रेलिया, एशिया, यूरोप, अफ्रीका, पूर्वी दक्षिण अमेरिका, उत्तरपूर्वी उत्तरी अमेरिका, अटलांटिक महासागर, हिंद महासागर और दक्षिण प्रशांत महासागर में भी देखा जा सकेगा।

इस चंद्र ग्रहण पर शरद पूर्णिमा का संयोग भी बनने जा रहा है. चंद्र ग्रहण मेष राशि और अश्विनी नक्षत्र में लगने जा रहा है..यह चंद्र ग्रहण भारत में भी दिखाई देगा । जिसकी अवधि 1 घंटे 16 मिनट तक है.

चंद्र ग्रहण का समय - 

चंद्र ग्रहण 28/29 अक्टूबर को रात्रि 01 बजकर 06 मिनट से शुरू होगा और देर रात्रि 02 बजकर 22 मिनट पर समाप्त होगा। कुल मिलाकर 1 घंटे और 16 मिनट का चंद्र ग्रहण लगेगा। वहीं उपच्छाया से पहला चंद्र स्पर्श रात 11:32 पर है। चंद्र ग्रहण का मुख्य चरण यानी अम्ब्रा स्टेज या गहरी छाया 29 अक्टूबर की रात 1 बजकर 6 मिनट से शुरू होकर 2 बजकर 22 मिनट पर समाप्त होगा, जिसकी अवधि 1 घंटा 16 मिनट रहेगी.. अमरिकी स्पेस एजेंसी नासा के अनुसार, अगला चंद्र ग्रहण 25 मार्च 2024 को होगा। परंतु तब ये भारत मे दिखाई नही देगा ।

क्या है आंशिक चंद्र ग्रहण

आंशिक चंद्र ग्रहण में चंद्रमा के केवल एक हिस्से पर ही छाया पड़ती है। पूर्ण चंद्रग्रहण में संपूर्ण चंद्रमा पर छाया पड़ती है। वहीं, उपछाया चंद्र ग्रहण में चंद्रमा पृथ्वी की छाया की उपछाया से होकर गुजरता है, जो कम अंधेरा वाला क्षेत्र होता है।

नासा के अनुसार, आंशिक चंद्र ग्रहण : “सूर्य, पृथ्वी और चंद्रमा के अपूर्ण संरेखण के परिणामस्वरूप चंद्रमा पृथ्वी की छाया के केवल एक भाग से होकर गुजरता है। छाया बढ़ती है और फिर चंद्रमा को पूरी तरह से ढके बिना ही घट जाती है।”

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