G.NEWS 24 : शिवपुरी में कांग्रेस उम्मीदवार से परेशान तो वहीं भाजपा उम्मीदवार के लिए परेशान !

हाई प्रोफाइल शिवपुरी बनी भाजपा-कांग्रेस के गले की हड्डी...

शिवपुरी में कांग्रेस उम्मीदवार से परेशान तो वहीं भाजपा उम्मीदवार के लिए परेशान !

भोपाल। सिंधियाराज घराने से प्रभावित हाईप्रोफाइल शिवपुरी विधानसभा सीट शिवराज सरकार में मंत्री यशोधरा राजे के विधानसभा चुनाव नहीं लडऩे के ऐलान से ऐसी उलझी कि, भाजपा और कांग्रेस दोनों के लिए गले की हड्डी बन गई है। भाजपा इस सीट पर किसे लड़ाएं और किसे नहीं इसको लेकर उलझी हुई है, तो कांग्रेस उम्मीदवार को तय करने के बाद भी बगावत के उठ रहे स्वरों से परेशान है। कांग्रेस उम्मीदवार बदलने पर भी विचार कर रही है। हम बता दें कि शिवपुरी 1990 के बाद से भाजपा की संस्थापक राजमाता सिंधिया की राजनीतिक कर्मभूमि रही है। यशोधरा राजे को राजमाता सिंधिया के राजनीतिक उत्तराधिकारी के रूप में देखा जाता है। वे यहां से चार बार विधायक रह चुकी हैं। यहां से वे 1998 में पहली बार विधायक बनीं थी। 

इसके बाद 2003, 2013 और 2018 में यशोधरा शिवपुरी से विधायक रहीं। इस कारण उनका शिवपुरी क्षेत्र के लोगों से खास भावनात्मक लगाव रहा है। यही वजह है कि यशोधरा के शिवपुरी से विधानसभा न लडऩे के फैसले से भाजपा परेशान है। स्थानीय लोग यशोधरा की अस्वस्थता के बाद भी उनको दोबारा चुनाव लड़ाने की मांग कर रहे हैं। उधर, भाजपा में यशोधरा की जगह श्रीमंत ज्योतिरादित्य सिंधिया के शिवपुरी से चुनाव लडऩे की चर्चाएं चल पड़ी हैं। हालांकि श्रीमंत सिंधिया स्वयं विधानसभा चुनाव लडऩे को लेकर असमंजस में हैं। ऐसे में भाजपा इस चिंतन में है कि, आखिर यशोधरा की जगह शिवपुरी में किसे चुनाव मैदान में उतारा जाए?

कांग्रेस में टिकट तय, पर बगावत के हालात

हालांकि, ब्राम्हण-बनिया बाहुल्य शिवपुरी विधानसभा सीट से कांग्रेस ने अपने दिग्गज नेता एवं पिछोर से छह बार से विधायक केपी सिंह को चुनाव मैदान में उतार दिया है। लेकिन जब से कोलारस से भाजपा से तीन बार विधायक रहे वीरेंद्र रघुवंशी कांग्रेस में आए हैं, वे इस सीट पर पुरजोर दावेदारी कर रहे हैं। केपी सिंह को शिवपुरी से टिकट देने को लेकर वीरेंद्र रघुवंशी और रघुवंशी समाज के लोग भोपाल आकर कमलनाथ के समक्ष विरोध भी दर्ज करा चुके हैं। वीरेंद्र को लेकर कमलनाथ-दिग्विजय के मतभेद भी सामने आ चुके हैं। इसके बाद सेे कांग्रेस टेंशन में है कि कहीं कि शिवपुरी को जीतने के चक्कर में अभेद्य किला किला पिछोर भी हाथ से न चला जाए।

कांग्रेस बदल सकती है कि शिवपुरी उम्मीदवार केपी को

कांग्रेस सूत्रों के अनुसार भाजपा से कांग्रेस में आए दो बार के विधायक वीरेंद्र रघुवंशी की दावेदारी और विरोध प्रदर्शन के बाद कांग्रेस शिवपुरी उम्मीदवार बदल सकती है। माना जा रहा है कि कांग्रेस केपी सिंह की सीट बदलकर उन्हें अपनी परंपरागत सीट पिछोर भेजी सकती है। वीरेंद्र रघुवंशी को शिवपुरी में भाजपा के सामने चुनाव मैदान में उतार सकती है। कहा जा रहा है कि कांग्रेस के लिए शिवपुरी में वीरेंद्र रघुवंशी ही ऐसे उम्मीदवार हो सकते हैं, जो भाजपा को कड़ी टक्कर दे सकते हैं।

शिवपुरी का राजनीतिक गणित

शिवपुरी सीट पर शुरू से सिंधिया राजघराने का असर रहा है। यहां जातिगत समीकरण खास मायने नहीं रखते हैं। शिवपुरी विधानसभा में बनिया-ब्राह्मण रघुवंशी और आदिवासी वोटर्स का बाहुल्य है। जिसमें करीब 50 हजार बनिया, 25 हजार ब्राह्मण, और करीब 40 हजार आदिवासी समुदाय से आते हैं।

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