G News 24 :संस्कार व कर्तव्यबोध से होगा भारत का स्वर्णिम भविष्य

  ज्ञान प्रबोधनी व्याख्यान माला ..

संस्कार व कर्तव्यबोध से होगा भारत का स्वर्णिम भविष्य

ग्वालियर। भारत का भविष्य बनाने से पहले खुद का भविष्य बनाएं। बच्चों को शिक्षा के साथ संस्कार भी दें, क्योंकि संस्कार के बिना शिक्षा का कोई महत्व नहीं है। सिर्फ बच्चों की पढ़ाई पर ध्यान देने वाले माता-पिता आज करोड़ों के मकान में एकाकी जीवन जीने को मजबूर हैं और उनके बच्चे विदेश में लाखों रुपए कमाने में व्यस्त हैं। यही नहीं पढ़ लिखकर नौकरी हासिल करने वाले कई लोग समाज व देश हित की चिंता न कर भ्रष्टाचार कर रहे हैं। भारत के स्वर्णिम भविष्य के लिए संस्कार और  कर्तव्यबोध का होना बहुत जरूरी है।

यह बात कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता विश्वविद्यालय रायपुर के कुलपति बल्देव भाई शर्मा ने नई सडक़ स्थित राष्ट्रोत्थान न्यास भवन के तराणेकर सभागार में आयोजित ज्ञान प्रबोधनी व्याख्यानमाला के दूसरे दिन मुख्य वक्ता की आसंदी से कही। कार्यक्रम की अध्यक्षता अजाक्स के प्रांत अध्यक्ष मुकेश मौर्य ने की। इस अवसर पर न्यास के अध्यक्ष डॉ.राजेन्द्र बांदिल भी मंचासीन रहे। राष्ट्रोत्थान न्यास ग्वालियर के तत्वावधान में भविष्य का भारत विषय पर व्याख्यान देते हुए मुख्य वक्ता बल्देव भाई ने कहा कि बच्चों को सिर्फ पढ़ाएं ही नहीं उन्हें अच्छा इंसान भी बनाएं। 

बच्चों को यातायात नियमों का पालन, दूसरे की बेटियों पर कुदृष्टि न डालें, सभी के प्रति अच्छा व्यवहार करने की सीख दें। संविधान में भी लोगों के कर्तव्य बताए गए हैं। उन्होंने कहा कि आज दुनिया भारत को आशा भरी नजरों से देख रही है। यह भारत का पुनरोत्थान का काल है। भारतीयों के जागरूक होने से ही विश्व में खुशहाली और शांति संभव है। इसका एक उदाहरण कोरोना महामारी का दौर भी है। इस दौरान भारत ने वसुधैव कुटुंबकम की भावना से अन्य देशों का भी सहयोग किया। उन्होंने कहा कि भारतीय संस्कृति का उद्देश्य विश्व की आर्थिक शक्ति बनना नहीं बल्कि दैवीय शक्ति हासिल करना है। भारतीय पूरी धरती को अपनी मां समझता है। 

हमारे खिलाड़ी जब चीन में कबड्डी खेलने जाते हैं तो वहां की धरती को प्रणाम करके ही विरोधी खिलाडिय़ों को चुनौती देने जाता है। मुख्य वक्ता ने भगवान श्रीराम एवं भरत का उदाहरण देते हुए कहा कि हम अपनी मांगों के प्रति ही सचेत न रहें बल्कि समाज और राष्ट्र के प्रति अपने दायित्व का भी निर्वहन करें। कार्यक्रम के प्रारंभ में राष्ट्रोत्थान न्यास की गतिविधियों की जानकारी श्याम प्रजापति ने दी। व्यक्तिगत गीत नरेन्द्र कौरव ने प्रस्तुत किया। कार्यक्रम का समापन सुश्री पारुल बांदिल द्वारा प्रस्तुत वंदेमातरम गीत के साथ हुआ। कार्यक्रम का संचालन लोकेन्द्र भदौरिया एवं आभार डॉ.कुमार संजीव ने व्यक्त किया। 

गुलामी की मानसिकता से उबरें

मुख्य वक्ता बल्देव भाई ने कहा कि भारत का इतिहास स्वर्णिम रहा है। हमारे  देश की सीमाएं अफगानिस्तान तक थीं। इसके बाद भी कुछ लोग सोचते हैं कि हम तो वर्षों तक गुलाम रहे हैं। आज हमें अपनी गुलामी की मानसिकता से उबरने की जरूरत है। साथ ही सम्यक भाव से एकजुटता की जरूरत है। तभी भारत का भविष्य उज्जवल होगा। 

दुनिया में भारत सर्वोच्च शिखर की ओर:मौर्य

कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए मुकेश मौर्य ने कहा कि भारत आज विश्व में सर्वोच्च शिखर की ओर अग्रसर है। भारत में हर क्षेत्र में चहुंमुखी विकास हो रहा है। हाल ही में चन्द्रयान के सफल प्रक्षेपण से भी भारत का दुनिया में मान बढ़ा है। आर्थिक क्षेत्र में भी स्थिरता आ रही है।

आज प्रेरणापुंज जीजाबाई पर होगा व्याख्यान

राष्ट्रोत्थान न्यास के अध्यक्ष डॉ.राजेन्द्र बांदिल ने बताया कि दो अक्टूबर को सायं 5:30 बजे नई सडक़ स्थित राष्ट्रोत्थान न्यास के तराणेकर सभागार में प्रेरणापुंज जीजाबाई विषय पर व्याख्यान होगा। मुख्य वक्ता राष्ट्रसेविका समिति पश्चिम बंगाल की बौद्धिक प्रमुख मैत्रेयी शिरोलकर होंगी। उन्होंने प्रबुद्ध लोगों से कार्यक्रम में भाग लेने का आग्रह किया है।

Reactions

Post a Comment

0 Comments