बीजेपी की दूसरी लिस्ट के मायने !
केंद्रीय मंत्रियों और सांसदों को विधानसभा चुनाव के टिकट देना दर्शाता है कि बीजेपी कुछ भाँप चुकी है।
मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी के सभी सर्वे और सभी सियासी समीकरण अभी तक बीजेपी की हार की भविष्यवाणी तो कर रहे थे लेकिन सबके मन में एक संशय ज़रूर था कि शायद बीजेपी अंतिम क्षणों में कोई करिश्मा कर जाय, लेकिन बीजेपी के प्रत्याशियों की दूसरी सूची ने यह बता दिया कि मध्यप्रदेश में बीजेपी के लिए सत्ता पाना इस बार आसान नहीं है।
मध्यप्रदेश के विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने केंद्रीय मंत्रियों और सांसदों को विधानसभा चुनाव में प्रत्याशी बनाकर यह साबित कर दिया है कि बीजेपी के लिए सत्ता पाना इस बार आसान नहीं है। किसी भी राज्य के चुनाव में ऐसा पहली बार हो रहा है जब 18 साल तक शासन करने वाला सत्तारूढ़ दल इतना बेवस और हतास सा लग रहा है। जनता बीजेपी को इस रूप में देखकर अपनी ताक़त से गद्गद है।
बीजेपी की दूसरी सूची में एक बात और भी दिख रही है कि 28 विधायकों को लेकर कांग्रेस सरकार गिराने के बदले अपने लिए दिल्ली में एक बंगला, राज्यसभा की सीट और मंत्री पद हासिल करने वाले ज्योतिरादित्य सिंधिया के लिए भी अब भारतीय राजनीति में लगभग कोई स्थान नहीं बचा है। तो क्या अब मध्य प्रदेश की जनता को अपनी जीत और बीजेपी की करारी हार का एहसास हो चुका है। बीजेपी ने प्रत्याशियों की जो सूची जारी की है वो बीजेपी के आत्म समर्पण के सिवा कुछ नहीं है। इतना ही नहीं भविष्य तो उन सांसदों और केंद्रीय मंत्रियों का भी दांव पर लग गया है जो विधान सभा का चुनाव लड़ रहे है। क्योंकि अगर वे चुनाव हारते हैं तो समझो उनका राजनैनिक कॅरिअर ख़त्म ! और अगर जीत गए तो वर्तमान मुख्यमंत्री शिवराज सिंह की कुर्सी खतरे में आ सकती है।
अब यह निश्चित तौर पर ऐसा कहा जा सकता है कि 2023 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी यदि 80 सीटों का आंकड़ा भी पार कर ले तो भी उसके लिए बहुत बेहतर स्थिति कही जाएगी। यह चुनाव मध्यप्रदेश की जनता की सबसे बड़ी जीत और बीजेपी की सबसे बड़ी हार के रूप में भारतीय राजनीति में याद रखा जायेगा।
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