मोदी-शाह का एंटी इनकबेंसी से निपटने और चुनाव जीतने का नया फार्मूला...
अभी मप्र में छह और सांसदों को विधानसभा चुनाव लडवा सकती भाजपा
भोपाल । मध्यप्रदेश में एंटी इंकम्बेंसी से निपटते हुए भारतीय जनता पार्टी हर कीमत पर विधानसभा चुनाव जीतना चाहती है। इसके लिए मोदी-शाह के टिकट के नए फार्मूले के तहत पार्टी प्रदेश में खासतौर से उन सांसदों को विधानसभा चुनाव में उतारने का मन बना चुकी है, जो दो या दो बार से ज्यादा समय से लोकसभा चुनाव जीत रहे हैं। भाजपा सूत्रों के अनुसार मध्यप्रदेश में तीन केंद्रीय मंत्रियों सहित सात सांसदों के बाद पार्टी दो केंद्रीय मंत्रियों सहित छह सांसदों को और विधानसभा चुनाव के मैदान में उतार सकती है।
हम बता दें 2018 के विधानसभा चुनाव के कुछ ही महीनों बाद 2019 में हुए लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने मध्यप्रदेश में 29 में से 28 लोकसभा सीटों पर एकतरफा जीत हासिल की थी। पार्टी सूत्रों के अनुसार भाजपा दो केंद्रीय मंत्रियों सहित छह सांसदों को मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव में उम्मीदवार बनाए जाने पर विचार कर रही है। इनमें केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया, वीरेंद्र कुमार खटिक के अलावा राजगढ़ सांसद रोडमल नागर, मंदसौर सांसद सुधीर गुप्ता, उज्जैन से अनिल फिरोजिया और खजुराहो सांसद वीडी शर्मा (भाजपा प्रदेश अध्यक्ष) को भी विधानसभा चुनाव लड़ाने पर पार्टी विचार कर रही है।
सांसदों को विधानसभा लड़ाना चाहती है भाजपा
भाजपा सूत्रों के अनुसार सांसदों को विधानसभा चुनाव लड़ाने के पीछे पार्टी की मंशा प्रदेश में ज्यादा से ज्यादा सीटें जीतना तो है ही, इसके साथ पार्टी सांसदों को अपने जिले की बाकी विधानसभा सीटों को जिताने की जिम्मेदारी सौंपना चाहती हैं। इसके अलावा पार्टी का सांसदों को विधानसभा लड़ाने के पीछे मकसद पार्टी के भीतर भीतरघात और डैमेज को कंट्रोल करना है।
छग-राजस्थान में भी इसी फार्मूले पर टिकट
पार्टी सूत्रों के अनुसार मोदी-शाह के टिकट के नए फार्मूले के तहत भाजपा छत्तीसगढ़ और राजस्थान में भी दो या दो बार से ज्यादा समय से लोकसभा चुनाव जीत रहे सांसदों, खासतौर से जो मोदी सरकार में मंत्री हैं, को भी विधानसभा चुनाव में उतार सकती है।
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