मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना में अपात्रों को ...
नेताओं के चहेतों को तीर्थयात्री बनाकर योजनाओं का दिया गया लाभ
छिंदवाड़ा । मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना के नाम पर अपात्रों को लाभ देने के कई मामले सामने आ रहे हैं जिसमें अधिकतर नाम कलेक्ट्रेट और नगर निगम में पदस्थ बाबूओं के रिश्तेदारों तथा परिचितों के हैं , इसके अलावा नेताओं के चहेतों को भी तीर्थयात्री बनाकर अपात्र यात्रियों को योजनाओं का लाभ दिया गया है यदि मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना की सूची देखी जाए तो इसमें इंकम टैक्स पटाने वाले अधिकतर नाम शामिल हैं। जिसमें करोड़पति और लखपति लोगों के नाम भी इस सूची में शुमार है, लेकिन नियमों को तांक पर रखकर यह सूची तैयार की गई है,िजसके चलते आवेदन देने के बावजूद भी पात्र गरीब हितग्राहियों को मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना का लाभ नहीं मिल पाया है।
आवेदन में पारदर्शिता नहीं
मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना के आवेदन छंटनी करने में पारदर्शिता नहीं होने की बात सामने आ रही है। कलेक्ट्रेट के कक्ष क्रमांक 36 में इस योजना को लेकर हितगाहियों की सूचियां तैयार होती है। सूत्रों की मानें तो पूरा खेल यहीं पर हो रहा है, जिसमें चहेतों के नाम जोड़कर अन्य आवेदकों के नाम हटाए गए हैं।
ठंडे बस्ते में गया मामला
मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना को लेकर 30 सितंबर को कामाख्या तीर्थ जाने के लिए 65 लोगों की सूची तैयार की गई है, इस सूची में कई अपात्रों के नाम जोड़ दिए गए हैं, जबकि जमीनी स्तर पर जिन्हें योजनाओं का वाकई में लाभ मिलना चाहिए था, उनके आवेदन रिजेक्ट हो गए हैं। कुल मिलाकर लखपति, करोड़पति सहित राजनीतिक और प्रशासनिक रसूख रखने वाले लोग ही अधिकतर तीर्थ यात्री बन रहे हैं।
अनुरक्षक को लेकर भी उठ रहे सवाल
मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना में नियम के मुताबिक तीर्थ यात्रियों के साथ एक अनुरक्षक को भेजा जाता है जो तीर्थ यात्रियों की कुशलता के संबंध में जिला प्रशासन को अवगत कराते हैं। इस सूची में भी जो नाम शामिल किया गया है,उसे लेकर भी अफवाहों का बाजार गर्म है। बताया जाता है कि, पर्यवेक्षक अथवा अनुरक्ष के लिए तहसीलदार या उनके समकक्ष अधिकारी की ड्यूटी लगाई जाती है लेकिन यहां पर भृत्य की ड्यूटी लगाई जाने की बात कही जा रही है।
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