इन्हें कैसे समझाएंगे नरेंद्र सिंह तोमर...
गेम चेंजर होंगे अनूप,नारायण,समीक्षा और प्रांशु के समर्थक
ग्वालियर। मध्यप्रदेश चुनाव प्रबंधन समिति के अध्यक्ष और मध्यप्रदेश मुरैना सांसद के एवं केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने चुनावों की कमान अपने हाथ में संभाल ली है। लेकिन दक्षिण विधानसभा सीट को लेकर भाजपा में दावेदारों की लंबी सूची देखकर और संभावित टकराव को टालने के लिए आज होने जा रहा है। ये इस बात का प्रमाण है। दक्षिण विधानसभा का कार्यकर्ता सम्मेलन यहां विशेष रूप से केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर उपस्थित रहेंगे और कार्यकर्ताओं को पार्टी की रीति नीति से अवगत कराएंगे।
इस सम्मेलन की एक महत्वपूर्ण घटना यह भी होने जा रही है कि इसमें टिकट के दो प्रबल दावेदार पूर्व मंत्री नारायण सिंह कुशवाहा और फायर ब्रांड नेता पूर्व मंत्री अनूप मिश्रा भी इसमें उपस्थित रहेंगे जैसी की जानकारी मिल रही है इन दोनों नेताओं को पार्टी ने अपनी बात रखने का समय भी देने का कार्यक्रम बनाया है । इनके अलावा इस सम्मेलन में टिकट की तीसरी प्रबल दावेदार पूर्व महापौर समीक्षा गुप्ता भी शामिल होंगी लेकिन सर्वाधिक नजर किसी पर रहेगी तो वह है पार्टी के दो दिग्गज अनूप मिश्रा और नारायण सिंह कुशवाहा जैसा की सर्वविदित है कि नारायण सिंह कुशवाहा और अनूप मिश्रा दोनों ही नेता इस विधानसभा से चुनाव लड़ने की इच्छा सार्वजनिक रूप से जाहिर कर चुके हैं। अनूप मिश्रा मीडिया के सामने साफ तौर पर यह कह चुके हैं वह दक्षिण विधानसभा से चुनाव लड़ने का मन बना चुके हैं इसके पीछे उन्होंने यह भी स्पष्ट किया है की क्षेत्र की जनता ने उनसे मिलकर यहां से चुनाव लड़ने की बात कही है और क्षेत्र की जनता जो चाहेगी वही करेंगे।
यहां बताना उपयुक्त होगा की इस विधानसभा से नारायण सिंह कुशवाहा लगातार चार बार चुनाव जीत चुके हैं और अनूप मिश्रा ने भी यहां से कांग्रेस के दिग्गज नेता भगवान सिंह यादव को पटखनी दी थी। पिछले चुनाव की बात करें तो यहां से भारतीय जनता पार्टी को बगावत का सामना करना पड़ा था और टिकट ना मिलने के कारण पूर्व महापौर समीक्षा गुप्ता बागी होकर चुनाव मैदान में जा कूदी थीं। इसका परिणाम यह हुआ था कि यहां से कांग्रेस के प्रवीण पाठक चुनाव जीत गए थे और भाजपा को अपनी यह परंपरागत सीट गंवानी पड़ी थी।
हालांकि बाद में समीक्षा गुप्ता ने अपनी घर वापसी कर ली थी और इस बार फिर से वे दक्षिण विधानसभा से चुनाव लड़ने का मन बना रही हैं। इसके अलावा संगठन पर मजबूत पकड़ रखने वाले ग्वालियर के सांसद विवेक शेजवलकर के पुत्र प्रांशु शेजवलकर को भी इस विधानसभा से चुनाव की दौड़ में शामिल माना जा रहा है। ऐसा इसलिए क्योंकि उनके शुभचिंतकों का मानना है कि लगभग 75 वर्ष की उम्र पार कर चुके विवेक शेजवलकर का चुनावी सफर अब विराम की ओर होने की वजह से वे चाहते हैं कि उनके राजनीतिक वारिस के रूप में पुत्र प्रांशु की उपस्थिति दर्ज हो।
चूंकि शेजवलकर परिवार की न केवल भाजपा बल्कि आरएसएस संगठन पर भी खासी पकड़ है अतः प्रांशु की दावेदारी को हल्के में नहीं लिया जा सकता। हालांकि विवेक शेजवलकर ने खुले रूप में अभी तक प्रांशु के बारे में कुछ नहीं बोला है । भाजपा जिलाध्यक्ष अभय चौधरी और पूर्व राज्यपाल कप्तान सिंह सोलंकी के पुत्र राजेश सोलंकी भी इसी विधानसभा क्षेत्र के वाशिंदे हैं और चुनावी राजनीति में बेहद रुचि लेते देखे जा रहे हैं।
उधर दक्षिण विधानसभा में पार्टी के नेटवर्क और कार्यकर्ताओं की स्थिति की बात की जाए तो यह इलाका राजनीतिक रूप से भाजपा का मजबूत गढ़ कहा सकता है लेकिन इसके साथ ही पिछले चुनाव में आपसी कलह के कारण बीजेपी हार गई थी इस बार भी पार्टी के सामने सबसे बड़ी चुनौती पिछले विधानसभा चुनाव के दौरान निर्मित हुई स्थिति उन्हें पुनः निर्मित ना हो इस बात को टालना है । पार्टी के सामने एक अन्य बड़ी चुनौती तवज्जो न मिलने के कारण घर बैठे तमाम कार्यकर्ताओं को सक्रिय करने की भी है इस दृष्टि से केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर की भूमिका महत्वपूर्ण कही जा सकती है यही कारण है उन्होंने इस विधानसभा की कमान संभाल ली है।
0 Comments