G News 24 :MPCCI द्वारा ROC ऑफिस को यथावत्‌ ग्वालियर में ही बनाए रखने की पुरजोर मांग

 ROC OFFICE को ग्वालियर से इन्दौर शिफ्ट किए जाने के कथित प्रयासों का विरोध !

MPCCI द्वारा  ROC ऑफिस को यथावत्‌ ग्वालियर में ही बनाए रखने की पुरजोर मांग 

ग्वालियर । म. प्र. चेम्बर ऑफ कॉमर्स एण्ड इण्डस्ट्री” ग्वालियर को सूत्रों से यह ज्ञात होने पर कि ग्वालियर में स्वतंत्रता प्राप्ति के पूर्व से संचालित भारत सरकार के ROC Office (म. प्र.) को इन्दौर में शिफ्ट किए जाने के कथित प्रयास किए जा रहे हैं । इस पर आज MPCCI द्वारा कड़ा कदम उठाते हुए, केन्द्रीय कार्पोरेट मामलों की मंत्री-माननीया श्रीमती निर्मला सीतारमण को पत्र लिखकर, उक्त ऑफिस को यथावत्‌ ग्वालियर में ही बनाए रखने की पुरजोर माँग की गई है ।

अध्यक्ष-डॉ. प्रवीण अग्रवाल, संयुक्त अध्यक्ष-हेमन्त गुप्ता, उपाध्यक्ष-डॉ. राकेश अग्रवाल, मानसेवी सचिव-दीपक अग्रवाल, मानसेवी संयुक्त सचिव-पवन कुमार अग्रवाल एवं कोषाध्यक्ष-संदीप नारायण अग्रवाल ने प्रेस को जारी विज्ञप्ति में अवगत कराया है कि ग्वालियर में कई वर्षों से संचालित ROC Office (म. प्र.) ने इन्दौर में स्वयं की भूमि क्रय करने की अनुमति माँगी है, जिस पर कार्पोरेट मंत्रालय के सचिव ने अनुमति प्रदान कर दी है ।पदाधिकारियों ने इस पर कड़ी आपत्ति व्यक्त करते हुए, आज प्रेषित किए गए पत्र में उल्लेख किया है कि ग्वालियर में स्वतंत्रता के पूर्व से स्थापित एवं संचालित ROC Office को ग्वालियर से इंदौर स्थानान्तरित करने की प्रक्रिया जो कि कार्पोरेट मामलों के मंत्रालय, नई दिल्ली में चल रही है, जबकि उपरोक्त ऑफिस आजादी से पहले तत्कालीन सिंधिया राजवंश के द्वारा ग्वालियर में स्थापित करवाया गया और बाद में इस कार्यालय को इस गौरवशाली संस्था (म. प्र. चेम्बर ऑफ कॉमर्स एण्ड इण्डस्ट्री) के भवन में ही काफी वर्षों तक संचालित किया गया, लेकिन बदलते समय एवं आवश्‍यकता के अनुसार इस ऑफिस को जयेन्द्रगंज, लश्‍कर-ग्वालियर में स्थित ‘संजय कॉम्पलेक्स’ में स्वयं के भवन में कुछ वर्ष पूर्व शिफ्ट किया गया है । यहाँ विशेष उल्लेखनीय बात यह है कि शासकीय कार्यालय किराए के भवन में जहाँ स्थापित एवं संचालित होते हैं, उससे सरकार के ऊपर आर्थिक भार पड़ता है, लेकिन ग्वालियर में स्थापित ROC Office वर्तमान में स्वयं के भवन में संचालित है, जिसकी वजह से किराए के रूप में भारत सरकार के ऊपर आर्थिक भार नहीं पड़ रहा है ।

MPCCI द्वारा प्रेषित पत्र में यह भी उल्लेखित किया गया है कि चूंकि ग्वालियर के अंदर यह कार्यालय आजादी के पूर्व से संचालित है । इसलिए यह ग्वालियर की पहचान बन गया है, जो तत्समय के शासक सिंधिया राजवंश की दूरगामी सोच को प्रदर्शित करने वाला केन्द्र सरकार का एक अति महत्वपूर्ण कार्यालय है और एक राज्य में यह ऑफिस केवल एक ही होता है । इसलिए केन्द्रीय कार्पोरेट मामलों के मंत्रालय द्वारा इसे इन्दौर में स्थानान्तरित किए जाने की मंशा का चेम्बर ऑफ कॉमर्स पुरजोर विरोध करता है ।इसी के साथ चेम्बर ऑफ कॉमर्स द्वारा पत्र में यह भी उल्लेख किया गया है कि आपके मंत्रालय द्वारा नेशनल कं. लॉ ट्रिब्यूनल का कार्यालय इंदौर में स्थापित किया गया है, जो वहाँ पर किराए के भवन में संचालित हो रहा है, जिससे सरकार के ऊपर एक बड़ा आर्थिक भार पड़ रहा है । यह कार्यालय जब म. प्र. में प्रारम्भ करने का निर्णय हुआ था, तब यह ग्वालियर में ही स्थापित किया जाना प्रस्तावित था क्योंकि ग्वालियर के ‘आरओसी ऑफिस’ का भवन जो कि स्वयं का है और इसकी तीसरी मंजिल पर लगभग 6 हजार वर्गफीट से अधिक का क्षेत्रफल रिक्त पड़ा हुआ है । निर्णायक मण्डल ने शायद सरकार के इस अतिरिक्त आर्थिक भार को नजर अंदाज करते हुए अपनी सुविधा की दृष्टि से इंदौर ले जाने का निर्णय लिया, जो उचित नहीं है, यदि यह ऑफिस ग्वालियर लाने का निर्णय लिया जाता है, तो इन्दौर में यह कार्यालय जो कि मात्र 1500 वर्गफीट में चल रहा है, उससे बड़ी जगह जो कि ग्वालियर में रिक्त है, उसमें संचालित हो सकेगा एवं सरकार को भी अतिरिक्त आर्थिक भार से मुक्ति मिलेगी ।

MPCCI द्वारा लिखे गए पत्र में इन्दौर के अंदर ही लिक्विडेटर कार्यालय, जिसे OL Office के नाम से जाना जाता है और इसमें भी ROC Office से संबंधित अधिकारी या तो पदस्थ हैं अथवा उनके पास अतिरिक्त प्रभार होता है । इस ऑफिस का भवन भी किराए के भवन में संचालित हो रहा है, जिसका क्षेत्रफल मात्र 500 वर्गफीट है । यहाँ विशेष बात यह है कि सरकार ने अपनी पॉलिसी में परिवर्तन करते हुए निजी क्षेत्र की मान्यता प्राप्त एजेंसी को अधिकृत करते हुए लिक्विडेटर नियुक्त करना प्रारम्भ किया है, जिसके परिणाम स्वरूप इस कार्यालय में 02 अंकों में भी केस लंबित नहीं हैं । इस प्रकार से यह कार्यालय भारत सरकार के ऊपर स्पष्ट रूप से सफेद हाथी की तरह है और इसका आर्थिक भार सरकार के ऊपर पड़ रहा है ।

MPCCI द्वारा पत्र के माध्यम से यह भी अवगत कराया गया है कि भारत सरकार द्वारा ग्वालियर को कनेक्टिविटी के क्षेत्र में प्रमुखता पर रखा गया है और ग्वालियर के सपूत माननीय केन्द्रीय नागर विमानन मंत्री, श्रीमंत ज्योतिरादित्य जी सिंधिया एवं केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री-माननीय श्री नरेन्द्र सिंह तोमर, भारत सरकार में केबिनेट मंत्री हैं, जिनके प्रयासों से ग्वालियर से लगभग प्रत्येक जिले के लिए बेहतर कनेक्टिविटी वर्तमान में उपलब्ध है । ग्वालियर में नवीन एयरपोर्ट का निर्माण तीव्र गति के साथ किया जा रहा है, जो कि शीघ्र ही पूर्ण होने वाला है । लगभग साढ़े 500 करोड़ रुपये की लागत से ग्वालियर रेलवे स्टेशन के आधुनिकीकरण का कार्य प्रारम्भ हो चुका है, जो कि निर्माण के पश्‍चात्‌ अन्तर्राष्ट्रीय स्तर का रेलवे स्टेशन होगा ।

MPCCI द्वारा पत्र में पुरजोर माँग की गई है कि उपरोक्त सभी परिस्थितियों एवं बदलते हुए ग्वालियर की स्थिति में यदि आजादी से पूर्व स्थापित ROC Office को यहाँ से स्थानान्तरित किया जाता है, तो यह ग्वालियर के व्यापार एवं उद्योग जगत्‌ के लिए उचित नहीं होगा, बल्कि ग्वालियर की जो पहचान है, उसे धूमिल करने का प्रयास होगा । इसलिए यह कार्यालय शिफ्ट करने का प्रयास अथवा इस प्रकार का विचार किया जा रहा हो, तो उसे तत्काल पूर्ण विराम दिया जाए एवं इन्दौर में संचालित हो रहे नेशनल कं. लॉ ट्रिब्यूनल कार्यालय एवं OL Office जो कि लगभग 2 हजार वर्गफीट में चल रहे हैं, उन्हें भी ग्वालियर में स्थापित ROC Office में शिफ्ट किया जाए, ताकि भारत सरकार पर भवन के किराए के रूप में पड़ रहा आर्थिक भार कम हो सके ।

संस्था के पदाधिकारियों ने पत्र में सकारात्मक सहयोग की आशा व्यक्त की है तथा उम्मीद व्यक्त की है कि इसके परिणाम भी सकारात्मक होने चाहिए क्योंकि यह कार्यालय प्रदेश में ग्वालियर की पहचान बन चुका है और इसे बनाए रखने के लिए चेम्बर ऑफ कॉमर्स जैसी 118 वर्ष पुरानी संस्था को आंदोलन के मार्ग पर नहीं जाना पड़े । यह उत्तरदायित्व भी केन्द्रीय मंत्री का है । अतएव ROC Office को ग्वालियर में यथावत्‌ बनाए रखने हेतु संबंधित अधिकारियों को स्पष्ट दिशा-निर्देश जारी करने की पुनः माँग करते हुए, तत्संबंध में केन्द्रीय नागर विमानन मंत्री  ज्योतिरादित्य सिंधिया, केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर एवं सांसद,  विवेक नारायण शेजवलकर को भी MPCCI ने पत्र प्रेषित कर, माननीया केन्द्रीय कार्पोरेट मामलों की मंत्री महोदया से चर्चा करने की अपील की है, ताकि ROC Office यथावत्‌ ग्वालियर में संचलित बना रहे ।

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