GR मेडीकल कॉलेज के दो प्रोफेसर जिनमे से एक आर्थोपैडिक विभाग के एचओडी और दूसरे एनेस्थिसिया विभाग प्रमुख हैं ...
GR मेडीकल कॉलेज के डॉक्टर हैं तो सरकारी लेकिन कर रहे हैं निजी हॉस्पीटल की ब्रांडिग !
ग्वालियर । आज एक तस्वीर और के साथ एक खबर सामने आई है उससे तो लगता है कि कुछ डॉक्टर कागजों पर नौकरी तो सरकारी करते है लेकिन मेहनत कहीं और ही कर रहे है वो फाईव स्टार हॉस्पीटल चलाने में व्यस्त है। जब ऐसा करने वाले बेहद सीनियर डॉक्टर जो जीआर मेडीकल कॉलेज के डीन भी रह चुके हो तो अब क्या ही कहा जाए। यूं तो ग्वालियर के जयारोग्य अस्पताल समूह में अक्सर स्वास्थ्य सेवाओं में लापरवाही और बदइंतजामी की खबरें सुर्खियां बना करती है यहां के कई वरिष्ठ चिकित्सक इसके लिए भी अक्सर एक दूसरे पर आरोप मढ़ा करते है।
लेकिन 8 अगस्त 2023 को ग्वालियर के शिवपुरी लिंक रोड स्थित एक निजी अस्पताल लिंक हॉस्पीटल में पत्रकारवार्ता का आयोजन किया जाता है इस पत्रकारवार्ता में हॉस्पीटल में विश्वस्तरीय इमरजेंसी विभाग के शुभारंभ की जानकारी दी जाती है बताया जाता है कि ये जो हॉस्पीटल शुरू होने वाला इमरजेंसी मेडीसिन विभाग, इंडो-यूके हेल्थकेयर एलायंस का पहला मुख्य केंद्र है।
हॉस्पीटल के संबंध में और भी अन्य जानकारियां पत्रकारों को देने के लिए चार चिकित्सक हॉस्पीटल की ब्रांडिग करने वाले बैनर के सामने बैठे थे। बेहद ताज्जुब की बात है कि उनमें से दो वर्तमान में ग्वालियर के जीआर मेडीकल कॉलेज में प्रोफेसर है ये दो प्रोफेसर हैं डॉ. आर्थोपेडिक विभाग के समीर गुप्ता और एनेस्थिसिया विभाग के डॉ. जितेंद्र अग्रवाल।
डॉ. समीर गुप्ता तो जीआर मेडीकल कॉलेज के डीन भी रह चुके है और वर्तमान में आर्थोपैडिक विभाग के एचओडी है। और जीआरएमसी के बेहद सीनियर डॉक्टर है। सरकारी मेडीकल कॉलेज में नौकरी के दौरान निजी अस्पताल में बैठकर पत्रकारवार्ता लेना और पत्रकारों को उस अस्पताल की खूबियां गिनाना म.प्र. शासन के चिकित्सा शिक्षा विभाग के कौनसे नियम में है। ये काफी अचंभे की बात है। डॉ समीर गुप्ता ने तो इस संबंध में इलेक्ट्रॉनिक और डिजीटल मीडिया को इंटरव्यू तक दिए है।
डॉक्टर समीर गुप्ता और डॉ जितेंद्र अग्रवाल के इस हॉस्पीटल के प्रति इस लगाव और समर्पण को देखकर लगता है कि वो जीआरएमसी के विधार्थियों और जयारोग्य अस्पताल समूह के मरीजों को अपना बहूमूल्य समय कितनी मुश्किल से दे पाते होंगें। या फिर दोनों जगह सांमजस्य बिठाने में उन्हे कितनी मशक्कत करनी पड़ती होगी।
इनका कहना है
अगर जीआर मेडीकल कॉलेज के डॉक्टर्स द्वारा इस तरह निजी अस्पताल में पत्रकारवार्ता ली गई है और उस हॉस्पीटल की ब्रांडिग की गई है तो ये काफी गलत है। और नियमविरूद्ध है। कोई भी सरकारी चिकित्सक इस तरह नही कर सकता। जहां तक एक्शन लेने की बात है तो ये मेरे अधिकार क्षेत्र से बाहर है
- डॉ अक्षय निगम, डीन,GR मेडिकल कॉलेज, ग्वालियर
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