किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जायेगी...
छात्र-छात्राओं के सुरक्षा के पुख्ता प्रबंधन हों : कलेक्टर
ग्वालियर। शहर व जिले में संचालित सभी शालाओं और कोचिंग सेंटरों में बच्चों की सुरक्षा को लेकर किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जायेगी। सभी स्थानों पर बच्चों की सुरक्षा के सभी इंतजाम चाक-चौबंद रखे जाएँ। कलेक्टर अक्षय कुमार सिंह ने शनिवार को बाल भवन में स्कूल संचालकों, कोचिंग संचालकों, बस ऑपरेटरों की संयुक्त बैठक में यह निर्देश दिए हैं। बाल भवन में आयोजित बैठक में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक राजेश चंदेल सहित राजस्व विभाग के अनुविभागीय अधिकारी राजस्व, पुलिस विभाग के एडशिनल एसपी, नगर निगम के अपर आयुक्त एवं आरटीओ, फायर ब्रिगेड के साथ ही स्कूल संचालक, कोचिंग सेंटर संचालक और बस ऑपरेटर भी शामिल थे।
कलेक्टर श्री सिंह ने स्पष्ट रूप से कहा है कि सभी स्थानों पर फायर सेफ्टी, लिफ्ट व विद्युत सुरक्षा, सीसीटीव्ही कैमरे आदि की पुख्ता व्यवस्था रहे। सभी संस्थानों में चैकलिस्ट तैयार कर 15 अगस्त तक निर्धारित मानकों के अनुसार सभी व्यवस्थायें पूर्ण की जाएँ। निर्देशों का पालन न करने वाली संस्थाओं के विरूद्ध दण्डात्मक कार्रवाई की जायेगी। कलेक्टर श्री सिंह ने यह भी कहा कि हर कोचिंग संस्थान में सुरक्षा व्यवस्था के साथ-साथ बच्चों के बैठने, पेयजल व शौचालय की भी बेहतर व्यवस्था होना चाहिए।
कोचिंग संस्थान में प्रवेश व निकास के अलग-अलग दरवाजे भी हों। एडिशनल एसपी ऋषिकेश मीणा ने बैठक में कहा कि शहर में संचालित सभी कोचिंग संस्थानों और उन मार्गों पर सुरक्षा के लिहाज से संयुक्त मॉंक ड्रिल की जाए, जहां कोचिंग संस्थान संचालित हैं। नगर निगम, होमगार्ड, विद्युत व पुलिस के अधिकारी संयुक्त रूप से माँक ड्रिल कर यह देखें कि आपात स्थिति में कोचिंग संस्थानों तक कैसे मदद पहुँचाई जा सकती है, और बच्चों को कैसे सुरक्षित निकाला जा सकता है।
इस दौरान इस बात को खास तौर पर देखें कि कोचिंग संस्थानों तक फायर ब्रिगेड पहुँचने में कोई अडचन तो नहीं है। उन्होंने कोचिंग संचालकों से कहा कि वे अपने संस्थान में रस्सा, नसैनी व टॉर्च इत्यादि अवश्य रखें। साथ ही स्टाफ व बच्चों को फायर उपकरणों के उपयोग और अग्नि दुर्घटना के समय सुरक्षित बच निकलने का प्रशिक्षण भी दिलाएँ। बैठक में फायर अधिकारियों के मोबाइल फोन नम्बर भी कोचिंग संचालकों को दिए गए। जीएसटी के अधिकारियों ने कोचिंग संचालकों से कहा कि जो संस्थान जीएसटी के दायरे में आते हैं वे परेशानी से बचने के लिए निर्धारित शुल्क अवश्य जमा करें। नगर निगम के अधिकारियों ने कहा कि कोचिंग संचालक सभी प्रकार की अनुमतियां अवश्य ले लें।
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