अमित शाह से मिलने के लिए राज्यपाल रवाना...
पश्चिम बंगाल में पंचायत चुनाव को लेकर विरोध-प्रदर्शन हुआ हिंसक !
पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सी.वी. आनंद बोस रविवार को नयी दिल्ली के लिए रवाना हुए, जहां पहुंचकर उनके केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मिलने और राज्य में पंचायत चुनाव के दौरान हुई हिंसा पर एक रिपोर्ट सौंपने की संभावना है. पूर्व मेदिनीपुर जिले में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के कार्यकर्ताओं ने नंदकुमार में हल्दिया-मेचेदा राज्य राजमार्ग को अवरुद्ध कर दिया और आरोप लगाया कि श्रीकृष्णपुर हाई स्कूल में मतगणना केंद्र पर मतपेटियों के साथ छेड़छाड़ की जा रही है. पश्चिम बंगाल में विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने रविवार को आरोप लगाया कि राज्य में पंचायत चुनावों के दौरान केंद्रीय बलों को ‘जानबूझकर’ तैनात नहीं किया गया. इसपर, सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) ने कहा कि इस बात की कोई गारंटी नहीं थी कि यदि केंद्रीय बलों को तैनात किया जाता, तो हिंसा नहीं होती.
भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष दिलीप घोष ने कहा कि यदि संवेदनशील स्थानों पर केंद्रीय (सशस्त्र पुलिस) बलों को तैनात किया जाता, तो इतनी हिंसा नहीं होती तथा लोगों ने बिना किसी भय के स्वतंत्र रूप से अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया होता. उन्होंने कहा, ‘‘केंद्रीय बलों को जानबूझकर संवेदनशील क्षेत्रों में तैनात नहीं किया गया.’’ घोष ने आरोप लगाया कि मतदान केंद्रों पर केंद्रीय बलों को तैनात करने के बजाय उनसे राजमार्गों की गश्ती करवायी गयी, या उन्हें थानों में रखा गया. उन्होंने दावा किया, ‘‘जहां कहीं उन्हें तैनात भी किया गया, वहां हिंसा और मतपत्रों की लूट के बाद ऐसा किया गया.’उन्होंने कहा, ‘‘कलकत्ता उच्च न्यायालय ने उन्हें सभी मतदान केंद्रों पर तैनात करने का आदेश दिया था, लेकिन ऐसा नहीं किया गया.’’ इस पर, राज्य में सत्तारूढ़ टीएमसी ने कहा कि इस बात की कोई गारंटी नहीं थी कि यदि केंद्रीय बलों को तैनात किया जाता तो हिंसा नहीं होती.
पार्टी के प्रवक्ता कुणाल घोष ने आरोप लगाया कि 2021 के विधानसभा चुनाव के दौरान कूच बिहार में केंद्रीय बलों की गोलीबारी में चार लोगों की जान चली गयी थी. उन्होंने कहा कि पंचायत चुनाव में 61,000 मतदान केंद्रों पर मतदान हुआ तथा हिंसा सिर्फ करीब 60 मतदान केंद्रों पर हुई तथा उनमें से आठ पर ही गंभीर घटनाएं हुईं. उन्होंने कहा, ‘‘ ज्यादातर मामलों में, हिंसा में तृणमूल कार्यकर्ताओं की ही मौत हुई.’’अधिकारियों ने बताया कि शनिवार को पश्चिम बंगाल में त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों में हुई हिंसा में 18 लोगों की मौत हुई है. इससे पहले तमलुक में भाजपा की युवा शाखा के नेता तमस डिंडा ने कहा, ‘‘हमें तड़के तीन बजे सूचना मिली कि मतपेटियां बदली जा रही हैं. हम केंद्रीय बलों की सुरक्षा में क्षेत्र के सभी मतदान केंद्र पर पुनर्मतदान के अलावा मतदान केंद्रों पर ही मतों की गिनती कराने की मांग कर रहे हैं.’’
नंदकुमार थाने के प्रभारी अधिकारी मनोज कुमार झा ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि मामला बढ़ने पर पुलिस ने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज किया. शनिवार को मतदान के दौरान हुई हिंसा के विरोध में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने मालदा के रथबाड़ी इलाके में राष्ट्रीय राजमार्ग-12 को अवरुद्ध कर दिया.कांग्रेस के नेता एवं सांसद अबू हासेम खान चौधरी ने कहा, ‘‘शनिवार को हुई हिंसा के विरोध में हम सड़कों पर उतरे हैं. हम इसके खिलाफ अदालत भी जाएंगे.’’ मालदा के हरिश्चंद्रपुर इलाके के बस्ता गांव में शनिवार रात करीब 10 बजे कुछ बदमाशों ने राज्य मंत्री तजमुल हुसैन की कार में तोड़फोड़ की. पथराव के दौरान एक पुलिस वाहन में भी तोड़फोड़ की गई. हमले में एक पुलिसकर्मी घायल हो गया. पुलिस ने बताया कि ऐसा संदेह है कि इस घटना के पीछे बिहार के बदमाशों का हाथ है और जांच जारी है.
उत्तर दिनाजपुर में दो कार में आग लगा दी गई और एक सरकारी बस सहित कई वाहनों में तोड़फोड़ की गई, जिससे चाकुलिया थाना क्षेत्र में विरोध-प्रदर्शन हिंसक हो गया. घटना सुबह रामपुर-चाकुलिया रोड और राष्ट्रीय राजमार्ग-31 पर हुई. प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि वे डराने-धमकाने के कारण मतदान के दौरान वोट नहीं डाल पाए और प्रशासन से बार-बार अपील करने का भी कोई फायदा नहीं हुआ.कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने मुर्शिदाबाद जिले के बेलडांगा में इसी तरह का विरोध-प्रदर्शन किया. कार्यकर्ताओं ने आरोप लगाया गया कि सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के समर्थक मतदाताओं को डराने-धमकाने और चुनाव के दौरान फर्जी मतदान कराने में शामिल थे. उत्तर-24 परगना के अमदंगा में आईएसएफ (इंडियन सेक्युलर फ्रंट) और तृणमूल कांग्रेस के समर्थकों के बीच झड़प की खबर है.
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