सुनो वकील गवाहों की फोटो लेकर मुझे भेज देना...
पेशी के दौरान दिखा मुख्तार अंसारी ने गवाह को दी धमकी !
लखनऊ। सुनो वकील...गवाहों की फोटो लेकर मुझे भेज देना. मुख्तार अंसारी वर्चुअल पेशी के दौरान इस हेकड़ी के साथ उस वक्त धमकी दे रहा है, जब उसे छह मामलों में सजा हो चुकी है. उसका एक बेटा और बहू जेल में है. पत्नी मोस्टवांटेड की लिस्ट में है और एक बेटा फरारी काट रहा है. मुख्तार अंसारी ने गवाह को धमकी उस वक्त दी है, जब उसके आठ गुर्गों को मार गिराया गया है. 200 गुर्गे जेल में हैं और छह अरब से भी अधिक की संपत्ति जब्त हो चुकी है. ऐसे में सवाल उठता है कि योगी सरकार में निस्तानबूत हो चुके साम्राज्य के बाद भी मुख्तार अंसारी डरा हुआ क्यों नहीं है.पूर्व डीजीपी एके जैन कहते हैं कि मुख्तार अंसारी में ये हेकड़ी आना महज उसकी आदत का हिस्सा नहीं है. बल्कि इसका कारण अब भी सिस्टम में उसकी आवभगत करने वाले हैं. मुख्तार जेल में बंद है बावजूद इसके अधिकारी कर्मचारी उसके गुर्गों के रूप में काम कर रहे हैं.
ऐसे में उसका अभी दिमाग सातवें आसमान पर है. उसे लगता है कि सरकार और पुलिस उसे जेल में रखने के अलावा और क्या कष्ट दे सकती है. ऐसे में उसे अब भी किसी का डर नहीं सता रहा है. यही स्थिति अतीक अहमद की थी. जब उसे गुजरात से प्रयागराज रिमांड पर लाया गया था और वह उन पुलिस अधिकारियों के नाम पूछने लगा था. जिन्होंने उसके बेटे असद का एनकाउंटर किया था. जैन कहते हैं कि सरकार को मुख्तार पर और भी सख्ती करनी होगी. क्योंकि यदि एक गैंग का सरगना ही इतनी हेकड़ी दिखाएगा तो उसके गुर्गों का मनोबल और मजबूत होगा. वरिष्ठ पत्रकार ज्ञानेंद्र शुक्ला कहते हैं कि ऐसे ही नहीं हाईकोर्ट ने मुख्तार अंसारी के गैंग को खूंखार गैंग नहीं बताया था. मुख्तार अंसारी ने जिस तरह वर्चुअल कोर्ट में गवाह को धमकाया वह बताने के लिए काफी है कि मुख्तार अंसारी का नेक्सस अभी भी काम कर रहा है जो उसे ताकत दे रहा है. यह तो महज सरकारी दावा है कि मुख्तार के साम्राज्य को निस्तानाबूत कर दिया गया है.
बल्कि इसकी सचाई एक दिन पहले हुई कार्रवाई बयां कर रही है जब बांदा जेल में तैनात रहे जेलर वीरेंद्र कुमार वर्मा को मुख्तार की आवभगत करने के आरोप में निलंबित कर दिया गया. ऐसे में सरकार और पुलिस के सामने इस बात की चुनौती है कि वह इस बात का पता लगाए कि मुख्तार की हिम्मत का सोर्स क्या है. उत्तर प्रदेश में योगी सरकार बनते ही बांदा जेल में बंद माफिया मुख्तार अंसारी के साम्राज्य को ढहा दिया है. साल 2005 से देश की अलग अलग जेलों में बंद मुख्तार अंसारी के खिलाफ उत्तर प्रदेश में 61 मुकदमें दर्ज हैं. पहला मुकदमा 1978 में गाजीपुर के सैदपुर थाने में दर्ज हुआ था. दर्ज मुकदमों में 20 ऐसे केस है जो कोर्ट में विचाराधीन है. अब तक 6 मामलों में माफिया को सजा सुनाई जा चुकी है. माफिया के सहयोगियों व उसके गुर्गों पर हुई कार्रवाई की बात करें तो अब तक 288 गुर्गों पर यूपी पुलिस कार्रवाई कर चुकी है. जिसमें कुल 155 मुकदमें भी दर्ज किए गए हैं.
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