वर्तमान सरकार ने जगरानी देवी की प्रतिमा लगाने से रोक दिया था...
आखिरकार 71 साल बाद चंद्रशेखर आजाद की मां जगरानी देवी को झांसी में मिला सम्मान
झांसी। चंद्रशेखर आजाद की माता जगरानी देवी को आखिरकार 71 साल बाद झांसी में सम्मान मिल गया। जगरानी देवी की प्रतिमा को झांसी के उसी मुक्तिधाम में स्थापित किया गया, जहां उनका अंतिम संस्कार हुआ था। सन 1951 में जगरानी देवी का देहांत हो गया था। क्रांतिकारी सदाशिव मलकापुर और मास्टर रुद्र नारायण ने उनका अंतिम संस्कार किया था। इसके बाद क्रांतिकारियों ने मुक्तिधाम में जगरानी की प्रतिमा लगाने की कोशिश की थी। लेकिन, प्रशासन ने उस समय अनुमति नहीं दी। आजाद की मां की दुखभरी कहानीः मूर्ति तक न लगने दी कांग्रेस ने
चंद्रशेखर आजाद का झांसी से खास नाता रहा है। स्वतंत्रता संग्राम के दौरान चंद्रशेखर आजाद झांसी के पास ही अज्ञातवास में रहे थे। तब उनकी माता जगरानी देवी भी आजाद के साथ रहती थीं। क्रांतिकारी रुद्रनारायण और मलकापुर उनका ख्याल रखते थे। चंद्रशेखर आजाद की शहादत के बाद भी वे यहीं पर रहती रहीं। 1951 में उनका देहांत हुआ। तब बड़ागांव गेट बाहर स्थित मुक्तिधाम में उनका अंतिम संस्कार किया गया।
तब वर्तमान सरकार ने जगरानी देवी की प्रतिमा लगाने से रोक दिया था। जो लोग प्रयास कर रहे थे उन पर लाठीचार्ज भी किया गया। 71 साल बाद झांसी के लोगों ने जगरानी देवी को उनका सम्मान दिलाया है। मूर्ति अब लगा दी गई है। मूर्ति का अनावरण झांसी के महापौर बिहारी लाल आर्य और पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रदीप जैन ने किया। महापौर आर्य ने कहा कि जगरानी देवी सिर्फ चंद्रशेखर आजाद ही नहीं पूरे भारत की माता थीं। उन्हें भारत माता की संज्ञा देनी चाहिए। युवा पीढ़ी को चंद्रशेखर आजाद और जगरानी देवी से प्रेरणा लेनी चाहिए।
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