22 जुलाई से पंजीयन की तैयारी, 4000 से अधिक सीटों पर होंगे प्रवेश...
प्रदेश में पहली बार इस वर्ष एमबीबीएस काउंसलिंग में शामिल होंगे 25 कॉलेज
भोपाल। एमबीबीएस में प्रवेश के इच्छुक विद्यार्थियों के लिए अच्छी खबर है। प्रदेश में पहली बार इस वर्ष 25 मेडिकल कालेजों की चार हजार से अधिक एमबीबीएस सीटों पर प्रवेश होंगे। प्रदेश के सरकारी और निजी मेडिकल कालेजों में एमबीबीएस में प्रवेश के लिए काउंसलिंग प्रक्रिया 22 जुलाई से पंजीयन के साथ शुरू करने की तैयारी है। आल इंडिया कोटे की सीटों के लिए पंजीयन 20 जुलाई से होगा। अभी तक जिन कालेजों की मान्यता राष्ट्रीय आयुर्विज्ञान आयोग (एनएमसी) से मिली है उसमें 14 सरकारी और 11 निजी शामिल हैं। सरकारी कालेजों में इस वर्ष से सतना में प्रवेश शुरू किया जा रहा है। यहां एमबीबीएस की 150 सीटें हैं। इन्हें मिलाकर सरकारी कालेजों में अब 2268 सीट हो गई हैं। काउंसलिंग शुरू होने के पहले सीटों में वृद्धि हो सकती है।
पिछले बार नौ निजी कालेज काउंसलिंग में शामिल हुए थे, जबकि इस बार 11 हैं। चिकित्सा शिक्षा संचालनालय के अधिकारियों ने बताया कि 25 जुलाई के पहले काउंसलिंग शुरू कर दी जाएगी। प्रवेश नियमों में मात्र एक बदलाव किया गया है। सरकारी विद्यालय से पढ़ाई करने वाले विद्यार्थियों की अलग मेरिट बनेगी। इनके लिए हर श्रेणी में पांच प्रतिशत सीटें आरक्षित की जाएंगी। अधिकारियों ने बताया के अगले वर्ष से छह और सरकारी मेडिकल कालेजों में प्रवेश शुरू होने की उम्मीद है। इनमें मंदसौर, नीमच, राजगढ़, श्योपुर, सिंगरौली और मंडला शामिल हैं। इनकी मान्यता के लिए इस वर्ष के अंत तक एनएमसी को आवेदन किया जाएगा।
राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी ने इस इस बार राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (नीट-यूजी) 2023 का आयोजन देश भर के मेडिकल, डेटल, आयुष और नर्सिंग शिक्षा संस्थानों में संचालित होने वाले स्नातक स्तरीय पाठ्यक्रमों में इस साल दाखिले के लिए किया था, जिसके नतीजे 13 जून को घोषित होने के एक माह बाद उम्मीदवारों को इन कोर्सेस में दाखिले के लिए काउंसलिंग की प्रक्रिया शुरू होने का इंतजार है। केंद्रीय विश्विविद्यालयों (DU, BHU, AMU, जामिया), ESIC के कॉलेजों, एएफएमसी, पुणे और विभिन्न राज्यों के मेडिकल कॉलेजों की मेडिकल/डेंटल (MBBS/BDS) कोर्सेस की 15 फीसदी ऑल इंडिया कोटा (AIQ) सीटों के लिए काउंसलिंग का आयोजन केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की मेडिकल काउंसलिंग कमेटी (एमसीसी) द्वारा किया जाएगा।
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