खुले आसमान और पानी में तैरते हुए रंगमंच बैजाताल पर ...
प्रख्यात गायकमोहम्मद रफी की सुरीली आवाज में संजय धूपर ने गाए फ़िल्मी गीत
ग्वालियर। खुले आसमान और पानी में तैरते हुए रंगमंच बैजाताल पर वर्ल्ड रिकॉर्ड धारक संजय धूपर ने सयानी और वैशाली धूपर के साथसुमधुर आवाज में प्रख्यात गायक स्वंर्गीय मोहम्मद रफी की आवाज में गाये गये गीत हूबइू आवाज में गाये। यह कार्यक्रम प्रायोजित नहीं होता बल्कि प्रत्येक की रविवार की शाम लगभग 6.30 से प्रारंभ होकर रात 10 बजे लगातार चलता है। इस दौरान श्रोतागण अपनी फरमाईश प्रस्तुत करने के आग्रह पर गीत प्रस्तुत करते हैं।
यह कार्यक्रम अनवरत् पिछले 3 वर्षो से प्रति रविवार को आयोजित किया जाता है। आपको बता दें कि जब गीत गाये जा रहे होते हैं इस बीच वहां के आसपास सड़के से निकलने वाले वाहन चालक भी रूक जाते हैं। संजय धूपर का शो ग्वालियर म्यूजिक सिटी बनाने की दिशा में एक सार्थक कदम साबित होगा।
- संजय धूपर, सयानी और वैशाली द्वारा गाये गीत
- आज मौसम है बड़ा बेईमान है बड़ा
- परदेसियों से न अखिया लड़ाना
- आजा तुझको पुकारे मेरे गीत रे
- ये मेरा प्रेम पत्र पढ़ कर नाराज़ न होना
- मेरे दोस्त किस्सा ये क्या हो गया
- कौन है जो सपनो में आया
- लाखो है निगाह मैं ज़िन्दगी के राह में
- बाहो में तेरी मस्ती के घेरे (युगल) – वैशाली
- चुरा लिया है तुमने जो दिल को – (युगल) – वैशाली
- ढल गया दिन हो गयी शाम – (युगल) – वैशाली
- जाने कहा मेरा जिगर गया जी – (युगल) – वैशाली
- जा रे जा हरजाई – एकल – वैशाली
- सजना है मुझे सजना के लिए – एकल – वैशाली
- तू मेरे सामने मैं तेरे सामने – (युगल) – वैशाली
- ओह रे ताल मिले – संजय
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