G News 24 : पूर्व पीएम की बहनों, रिश्तेदारों को घोषित किया जाएगा भगोड़ा

 कमांडर हाउस मामले में पाक कोर्ट ने इमरान खान पर गिराई ग़ाज !

पूर्व पीएम की बहनों, रिश्तेदारों को घोषित किया जाएगा भगोड़ा 

इस समय गर्दिश में चल रहे हैं इमरान खान के सितारे, कभी उनको कोर्ट से राहत मिलती है। तो कभी किसी और मामले में उन पर ​गाज गिर जाती है। सोमवार को वकील के मर्डर केस में जहां उन्हें सुप्रीम कोर्ट से राहत मिली, वहीं पाकिस्तान की इस्लामाबाद हाईकोर्ट ने उन्हें झटका दे दिया है। दरअसल, पाकिस्तान की एक अदालत ने यहां ऐतिहासिक कोर कमांडर हाउस पर हमले से जुड़े एक मामले में पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की दो बहनों तथा एक रिश्तेदार को भगोड़ा घोषित करने की प्रक्रिया सोमवार को शुरू की। खान को मई में कथित भ्रष्टाचार मामले में गिरफ्तार किए जाने के बाद यह हमला किया गया था।

19 लोगों  को भगोड़ा घोषित करने की प्रक्रिया शुरू

इस्लामाबाद हाईकोर्ट से 9 मई को पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) प्रमुख खान की गिरफ्तारी के बाद पार्टी समर्थकों की भीड़ ने जिन्ना हाउस के नाम से पहचाने जाने वाले कोर कमांडर हाउस में तोड़फोड़ की थी और उसे आग लगा दी थी। अदालत के एक अधिकारी ने सुनवाई के बाद कहा, ‘लाहौर की आतंकवाद-रोधी अदालत (एटीसी) ने पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की दो बहनों- अलीमा खान और डॉ.उज्मा तथा उनके रिश्तेदार हसन नियाजी तथा पीटीआई के 19 अन्य नेताओं को भगोड़ा अपराधी घोषित करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। वे लाहौर कोर कमांडर हाउस पर हमले में कथित संलिप्तता के मामले में लगातार अदालत की सुनवाई में भाग नहीं ले रहे थे।’

अगली सुनवाई पर उपस्थित रहने का आदेश

एटीसी ने 16 अगस्त को अखबारों में एक विज्ञापन जारी करने का आदेश देते हुए कहा कि आरोपी अगली सुनवाई पर अदालत में उपस्थित रहें, अन्यथा उन्हें भगोड़ा अपराधी घोषित कर दिया जाएगा। पीटीआई के जिन नेताओं पर भगोड़ा अपराधी घोषित होने की तलवार लटक रही हैं, उनमें सीनेटर आजम स्वाति और पूर्व मंत्री मुराद सईद, अली अमीन गांदापुर, फारुख हबीब, मियां असलम और हम्माद अजहर शामिल हैं। 

9 मई को इमरान की गिरफ्तारी के बाद हुए थे हिंसक प्रदर्शन

पाकिस्तान में 9 मई को भ्रष्टाचार के एक मामले में अर्द्धसैन्य रेंजर्स द्वारा खान (70) की गिरफ्तारी के बाद सरकार-विरोधी अभूतपूर्व प्रदर्शन हुए थे। खान को बाद में जमानत पर रिहा कर दिया गया था। प्रदर्शनों के दौरान रावलपिंडी में सैन्य मुख्यालय समेत कई सैन्य प्रतिष्ठानों और सरकारी इमारतों में तोड़फोड़ की गई या उनमें आग लगा दी गई। पुलिस तथा अन्य सुरक्षा एजेंसियों के 100 से अधिक वाहनों को आग के हवाले कर दिया गया था। 

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