पिता पिता लीलाधर विश्वकर्मा की याचिका कोर्ट ने की खारिज ...
प्रियांश विश्वकर्मा के मकान पर भी चलेगा बुलडोजर !
जबलपुर। मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने प्रियांशु विश्वकर्मा के पिता लीलाधर विश्वकर्मा की याचिका को खारिज कर दिया है. अब भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता प्रियांश विश्वकर्मा के घर पर बुलडोजर चलेगा. दरअसल प्रियांशु विश्वकर्मा पर आरोप है कि उसने वेदिका ठाकुर नाम की लड़की को गोली मारी है. कुछ दिनों के इलाज के बाद वेदिका की मौत हो गई. जबलपुर के गंगा नगर इलाके में रहने वाले प्रियांश विश्वकर्मा पर आरोप है कि उसने अपनी गर्लफ्रेंड वेदिका ठाकुर को अपने ही ऑफिस में गोली मारी और इस घटना के सबूत को नष्ट करके वेदिका को अस्पताल में भर्ती कर कर भाग गया.
खुद को बीजेपी कार्यकर्ता बताता था प्रियांश
इस घटना के बाद प्रियांश विश्वकर्मा को पुलिस तलाश थी, लेकिन वह कुछ दिनों तक फरार रहा. इस बीच वेदिका ठाकुर जबलपुर की एक निजी अस्पताल में जिंदगी और मौत के बीच झूलती रही और अंततः उसकी मौत हो गई, लेकिन मौत से पूर्व वेदिका अपने बयान में गोली चलने के लिए प्रियांशु विश्वकर्मा पर आरोप लगाए. इसके बाद पुलिस ने प्रियांश विश्वकर्मा को गिरफ्तार किया और धारा 302 के तहत उसके खिलाफ मामला दर्ज किया गया है.प्रियांश विश्वकर्मा खुद को बीजेपी का सदस्य बताता था,उसने अपने ऑफिस के बाहर बड़े-बड़े होर्डिंग्स लगाए हुए थे, जिसमें वह खुद को बीजेपी का कार्यकर्ता लिखता था, लेकिन जैसे ही यह घटना घटी, भारतीय जनता पार्टी के जबलपुर के नेताओं ने उससे अपना नाता तोड़ लिया.
घर तोड़ने का नोटिस जारी !
बीजेपी नेताओं का कहना था कि वह बीजेपी से जुड़ा हुआ नहीं था. जबलपुर कांग्रेस ने इस मुद्दे पर राज्य सरकार को घेरते हुए प्रियांशु विश्वकर्मा के घर को तोड़ने के लिए बुलडोजर रैली निकाली. इस सांकेतिक रैली के बाद जबलपुर के नगर निगम के अधिकारियों ने प्रियांश विश्वकर्मा के गंगानगर स्थित घर को तोड़ने के लिए एक नोटिस जारी किया. जिसमें यह लिखा गया था कि गंगानगर का प्रियांश विश्वकर्मा का घर जो उसके पिता लीलाधर विश्वकर्मा के नाम से है. इसमें नगर निगम की स्वीकृति नहीं ली गई है और यह निर्माण गैरकानूनी है, इसलिए इसे तोड़ा जाए, लेकिन इसके पहले कि नगर निगम कार्रवाई कर पाता लीलाधर विश्वकर्मा ने मध्य प्रदेश हाई कोर्ट में याचिका दाखिल कर दी. आज याचिका की सुनवाई के बाद कोर्ट ने नगर निगम के पक्ष को मजबूत मानते हुए प्रियांश विश्वकर्मा के घर को अवैध करार दिया. अब नगर निगम को प्रियांश विश्वकर्मा के घर को तोड़ने की कार्रवाई करने की छूट मिल गई है।
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