राजनैतिक पार्टियों ने अपने फायदे लिए दलित और आदिवासियों को बनाया हुआ मोहरा !
कुर्सी की चाहत में दलित और आदिवासी को फुटबॉल समझ किये जा रहे है या कहें करवाए जा रहे हैं हमले !
भोपाल। प्रदेश में अचानक से लित और आदिवासियों पर हमले बड़ गए है l ये हमले कौन और क्यों कर रहा है या करवा रहा है l ये देखने वाली बात है लेकिन एक बात तो तय है कि इसके पीछे राजनीती जरूर है तभी तो मध्यप्रदेश विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष डॉक्टर गोविंद सिंह दलित, आदिवासी पर अत्याचार की एक के बाद एक सामने आ रही घटनाओं पर शिवराज सरकार पर निशाना साधते हुए कह रहे है कि अब तो मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को नैतिकता के आधार पर इस्तीफा दे देना चाहिए। उन्होंने कहा सत्ताधारी दल के नेता और कार्यकर्ता सत्ता के मद में चूर हैं और अत्याचार करने पर आमादा हैं।
विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष डाॅ. गोविंद सिंह ने कहा है कि सीधी जिले के कुबरी में आदिवासी युवक दशमत रावत के ऊपर पेशाब करने का मामला ठंडा भी नहीं हुआ, इस बीच विदिशा जिले के नटेरन थाने के दुपरिया गांव में भाजपा के नेताओं द्वारा छेड़ छाड़़ करने पर जिस रक्षा गोस्वामी ने दो माह पूर्व आत्महत्या कर ली थी, मृतका के सुसाइड नोट के बाद भी आरोपियों पर प्रकरण कायम न किये जाने एवं आरोपियों की धमकी से त्रस्त होकर 7 जुलाई को मृतका के पिता ने भी अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली। इससे पहले 6 जुलाई की रात्रि में उज्जैन जिले के महाकाल थाना क्षेत्र के नागतलाई-कुत्ता बाबड़ी क्षेत्र में पूजा नामक गर्भवती युवती जोकि थाने में अपने पति को देखने गई थी वहां मौजूद उपनिरीक्षक गोपाल सिंह ने उसे चांटे मारे एवं अपशब्द कहकर थाने से धक्का देकर भगा दिया।
एक अन्य घटना का जिक्र करते हुए उन्होंने बताया पुलिस रेंज शहडोल के अनूपपुर जिले के पुष्पराजगढ़ की युवती के साथ सामूहिक दुष्कृत्य किया गया था। जिसकी शिकायत थाने से लेकर पुलिस अधीक्षक तक किये जाने के बाद भी प्रकरण दर्ज नहीं किया गया बल्कि पुलिस मामला रफा-दफा करने के लिए फरियादी पर दबाव बना रही थी। इससे आहत होकर पीड़ित महिला ने आत्महत्या कर ली। अनूपपुर जिले में ही असत्य प्रकरण में पुलिस की प्रताड़ना से तंग होकर एक पुजारी ने फांसी लगाकर जीवन लीला समाप्त कर ली। इंदौर जिले के खुडैल में 6 जुलाई को ही 12 वर्षीय नाबालिग आदिवासी छात्रा के साथ सामूहिक दुष्कर्म किया गया।
डॉ सिंह ने कहा कि बीते रोज गुना जिले के बम्होरी विधानसभा के धरनावदा थाना अंतर्गत ग्राम सुहाया में पंचायत चुनाव के दौरान वोट के बदले नोट देने के बाद भी चुनाव हारने पर एक आदिवासी महिला से जबरन पैसे वसूलने पर आदिवासी महिला लक्ष्मी बाई को आत्महत्या करने को मजबूर होना पड़ा। डॉ सिंह ने कहा कि इसी तरह ग्वालियर में तलवे चटवाने की घटना सामने आई है।भाजपा सरकार में पुलिस व प्रशासन इतने निरंकुश हो गए हैं कि घटना के बाद कायमी भी नही कर रहे हैं। ये तो निर्लज्जता की पराकाष्ठा है। आदिवासी एवं अनुसूचित जाति वर्ग के लोग प्रदेश की बिगड़ती कानून व्यवस्था त्रस्त है। जबकि माननीय मुख्यमंत्री जी अपना इवेंट कार्यक्रम कराकर प्रदेश की जनता का ध्यान हटाने का कार्य कर रहे हैं।
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