विभाग द्वारा संचालित स्कूलों में 50 हजार से अधिक शिक्षकों के पद खाली !
मध्य प्रदेश में सीएम राइज स्कूलों में भी रखे जाएंगे अतिथि शिक्षक !
भोपाल। मध्य प्रदेश के सीएम राइज स्कूलों में भी शिक्षकों का टोटा है। यही कारण है कि इन स्कूलों में भी अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति की जाएगी। जनजातीय कार्य विभाग ने इस संबंध में निर्देश जारी किए हैं। अतिथि शिक्षकाें की नियुक्ति गेस्ट टीचर मैनेजमेंट प्रणाली (जीएफएमएस) से करने का प्रविधान है। विभाग ने जहां पोर्टल से नियुक्ति में समस्या आ रही है, वहां के लिए विभाग के जिला संयोजक की देखरेख में समिति बना दी है, जो नियुक्ति की प्रक्रिया पूरी करेगी। ये वही स्कूल हैं, जिनमें विश्व स्तरीय सुविधाएं देने का दावा किया जा रहा है।
50 हजार से अधिक शिक्षकों के पद खाली
स्कूल शिक्षा और जनजातीय कार्य विभाग द्वारा संचालित स्कूलों में 50 हजार से अधिक शिक्षकों के पद खाली हैं। दोनों ही विभाग सीएम राइज स्कूलों का भी संचालन करते हैं। जिनमें शिक्षकों की पदों को नहीं भर पा रहे हैं।
प्रमुख विषयों के शिक्षकाें के 10 पद खाली
जानकार बताते हैं कि मंडला जिले के चिरईडोंगरी सीएम राइज स्कूल में अंग्रेजी, रसायन शास्त्र, भौतिक शास्त्र, जीव विज्ञान सहित प्रमुख विषयों के शिक्षकाें के 10 पद खाली हैं। यह तो केवल वानिकी है। अब तक पढ़ाई शुरू कराने वाले लगभग सभी सीएम राइज स्कूलों में ऐसे ही हालात हैं।
अतिथि शिक्षकों के भरोसे पढ़ाई
जिनमें वर्तमान शैक्षणिक सत्र (2023-24) में भी अतिथि शिक्षकों के भरोसे पढ़ाई रहेगी। हालांकि स्कूल शिक्षा विभाग ने स्कूलों में शिक्षकों के रिक्त पदों की सूचना अभी तक सार्वजनिक नहीं की है, जबकि अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति इसी माह में की जानी थी।
भवन बनाने में व्यस्त है विभाग
सरकार विश्व स्तरीय सुविधाओं से लैस स्कूल बना रही है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान खुद मंच से स्कूलों की प्रशंसा कर रहे हैं और स्कूल शिक्षा विभाग के अधिकारियों का जोर भवन निर्माण पर है, यदि अधिकारियों की चिंता होती, तो सीएम राइज जैसे स्कूलों में सत्र प्रारंभ होने से पहले अनुभवी शिक्षकों की व्यवस्था की जा सकती थी।
दूरदराज के गांवों में वर्षों से पदस्थ नियमित शिक्षक इन स्कूलों में आना चाहते हैं, उन्हें लाकर ग्रामीण क्षेत्रों में अतिथि शिक्षक रखे जा सकते थे, इससे गांव के पढ़े-लिखे लोगों को स्थानीय स्तर पर रोजगार भी मिल जाता और गांव में ही होने के कारण वे ठीक से पढ़ाते भी।
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