श्रद्धालुओं ने धूमधाम से मनाया गुरु पूर्णिमा का पर्व...
शिष्यों ने अपने आध्यात्मिक गुरुओं के पास पहुंचकर लियाआशीर्वाद
ग्वालियर। सोमवार को गुरु पूर्णिमा मनाई गई। सोमवार सुबह से मंदिरों में भीड़ लगी रही। मथुरा-वृंदावन के साथ ही गिर्राजजी जाने वाले श्रद्धालुओं के चलते स्टेशन पर भीड़ का आलम देखते ही बन रहा था। हजारों की संख्या में श्रद्धालु ग्वालियर से ट्रेन पकडक़र मथुरा जा रहे थें। गुरु पूर्णिमा पर शहर के मंदिरों में देव पूजन किया गया, वहीं शिष्यों ने अपने आध्यात्मिक गुरुओं के पास पहुंचकर आशीर्वाद लिया। सोमवार को गुरु पूर्णिमा के अवसर पर शहर के सनातन धर्म मंदिर, साई बाबा मंदिर, लक्ष्मीनारायण मंदिर, बालाजी मंदिर, गंगादास की बड़ी शाला, अण्णा महाराज के मठ में आयोजन किए गए। इन मंदिरों में दिनभर श्रद्धालु पहुंचे, देव आराधना के साथ ही गुरुओं का आशीर्वाद भी लिया। शहर के जिला न्यायालय तथा मुरार स्थित गिर्राज मंदिरों में गुरु पूर्णिमा के अवसर पर दिनभर श्रद्धालुओं की भीड़ रही। इंदरगंज के नजदीक स्थित गिर्राज मंदिर पर श्रद्धालुओं की भीड़ से ट्रैफिक जाम होता रहा, जिसे व्यवस्थित करने पुलिस को काफी मशक्कत करना पड़ी।
मुरार गिर्राज मंदिर में गिर्राज भक्त मंडल के पदाधिकारियों ने भंडारे में प्रसाद वितरित किया। श्री दादाजी धाम धर्मपुरी मंदिर में गुरु पूर्णिमा उत्सव महामंडलेश्वर स्वामी रामेश्वरनंद दादाजी महाराज के सानिग्ध में मनाया गया। सुबह 8 बजे से भक्तों ने धर्मपुरी मंदिर में एकत्रित होकर गुरुदेव भगवान को चंदन तिलक लगाकर पूजन किया, पुष्प माला पहनाकर आरती की। भक्तों ने श्रीसदगुरु महिमा के भजन गाए, पूज्य संत दादाजी महाराज ने आशीर्वाचन में गुरु महिमा का सत्संग सुनाते हुए कहा कहा कि संपूर्ण सृष्टि में केवल सद्गुरु ही हमें सभी कर्म बंधन से मुक्त कर परमात्मा से मिला सकते हैं। श्रीलक्ष्मी नारायण मंदिर जनकगंज में गुरु पूर्णिमा पर भगवान लक्ष्मी नारायण का सुबह 6 बजे अभिषेक कर विशेष शृंगार मंदिर के पुजारी राघवेश लघाटे ने किया। शाम 4 बजे से ही भक्त आना शुरू हो गए।
देश के अलग-अलग स्थानों से आए श्रद्धालु और शिष्यों ने प्रभु श्रीलक्ष्मी नारायण के दर्शन कर बाबा महाराज की चरण पादुकाओं का पूजन कर अपना व्रत खोला। इसके पहले उनको गुरुजी की को प्रिय चाय पिलाई गई। गुरु पूर्णिमा का महत्व सबसे ज्यादा शिष्य और गुरुओं के बीच संबंध का है। इस दिन शिष्य अपने गुरुओं के घर पहुंचकर उनको माला पहनाकर उनसे आशीर्वाद लेते हैं। गुरु अपने शिष्यों को आशीर्वाद देते हैं। यही कारण है कि इस दिन गिर्राजजी की परीक्रमा का भी बहुत महत्व है। सोमवार को सुबह से गुरुओं का पूजन हुआ है। शिष्य गुरुओं के पास पहुंचे और पुष्प माला पहनाकर उनका आशीर्वाद लिया। सोमवार सुबह 7 बजे से ही शहर में भंडारे शुरू हो गए हैं। मंदिरों के आसपास ही भंडारे लगाए गए हैं।
इसके अलावा शहर की सडक़ों पर जगह-जगह भंडारे के आयोजन किए गए। कोई गुुरु के नाम से तो कोई श्रीकृष्ण के नाम से भंडारा कर रहा था। प्रसाद ग्रहण करने वालों को दोने व प्लेट डस्टबिन में डालने के लिए कहा जा रहा है। सांई बाबा मंदिर विकास नगर में छप्पन भोग लगा । फूल बंगला सजाया गया। सुबह कांगड़ा आरती फिर 5 बजे बाबा का रुद्राभिषेक किया गया। सवा क्विंटल दूध से मंगल स्नान कराया। शाम को भजन संध्या हुई। सनातन धर्म मंदिर में गुरु पूर्णिमा पर भगवान श्रीचक्रधर का आचार्य स्वरूप में शृंगार किया गया। भक्तगणों ने कृष्णम वन्दे जगद्गुरुं के भाव से भगवान चक्रधर व श्रीकृष्ण का चरण पूजन मुख्य पुजारी पण्डित रमाकान्त शास्त्री के आचार्यत्व में किया।
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