दिल्ली की सबसे डरावनी जगह में से एक ...
हॉन्टेड "पीर गायब" पर्यटकों को खूब भा रही ये लोकेशन
नई दिल्ली। अगर आपको भूत प्रेत की कहानियां सुनने में दिलचस्पी है। डरावने रास्ते पसंद हैं तो वीकेंड पर आपका फिरोजशाह कोटला स्मारक जाना फायदेमंद हो सकता है। स्मारक की हर शनिवार और रविवार की हॉन्टेड वॉक में आपको अलग तरह का अनुभव होगा। खूनी दरवाजे से स्मारक के अंदर के अशोक स्तंभ के करीब तीन किमी के रास्ते में आपकी चाहतें पूरी हो जाएंगी। दिलचस्प यह कि दो सप्ताह पहले शुरू हुई इस वॉक को दिल्लीवाले पसंद भी कर रहे हैं।
अधिकारियों की मानें तो अभी तक 200 लोगों ने इस डरावने रास्ते का लुत्फ उठाया है। स्मारक में पथरीले मार्ग से गुजरकर रास्ता तय करना पड़ता है। सड़क के बीच स्थित खूनी दरवाजे के पास पेड़ व झाड़ियां हैं। इसी रास्ते से होकर कंटीली झाड़ियों के बीच में यह स्मारक है। पर्यटकों को दूर से ही यह स्मारक भूतिया होने की अनुभव कराता है। कहा जाता है कि रात में यहां चीखने और रोने की आवाजें आती हैं।
सुल्तान फिरोज शाह तुगलक ने सन 1354 में इस स्मारक को अपने शिकारगाह के लिए बनवाया था। फिरोज शाह के समकालीन इतिहासकार शम्स सिराज अफीफ ने लिखा है कि नगर की इमारतें उत्तरी रिज पर फिरोज शाह द्वारा बनवाए गए महल व शिकारगाह (जो वर्तमान में पीर गायब के नाम से जानी जाती है) तक फैली है। इसमें लाल कोट पत्थर का इस्तेमाल किया गया है। दिल्ली टूरिज्म टूरिज्म ट्रांसपोर्टेशन डेवलपमेंट कॉरपोरेशन ने यहां हुई घटनाओं के चलते इसे हॉन्टेड हाउस माना है। हालांकि, स्मारक में लोगों ने जगह-जगह दिए व अगरबत्ती जलाए हुए नजर आते हैं। यह जगह सुनसान है। लोगों का मनाना है कि यहां से शाम के समय डरावनी आवाजें सुनाई आती हैं।
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