ऑटो-टेंपो वाले,दुकानदार,1 या 2 सिक्का ग्राहहक से नहीं ले रहे हैं लेकिन और शासन मौन है
कार्रवाई के अभाव में दम तोड़ते "सिक्के"
ग्वालियर l नोटों को प्रिंट कराने का काम भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा किया जाता है जबकि सिक्के वित्त मंत्रालय के द्वारा बनवाए जाते हैं। सिक्का अधिनियम 2011 जम्मू कश्मीर सहित पूरे भारत में लागू है। भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा जारी किए गए 1,2 ,5 और दस के सिक्के वैध मुद्रा है। यदि कोई व्यक्ति किसी भी सिक्के जो चलन में है उन्हें लेने से मना करता है तो उसके खिलाफ मामला दर्ज कराया जा सकता है। भारतीय मुद्रा अधिनियम और आईपीसी की धारा के तहत कार्यवाही होगी। मामले की शिकायत रिजर्व बैंक में भी की जा सकती है।
आप को सुनके हैरानी होगी कि मध्य प्रदेश के चंबल संभाग में ऑटो-टेंपो वाले,छोटे दुकानदार,1 या 2 सिक्का ग्राहहक से नहीं ले रहे हैं लेकिन और शासन मौन है l देश के अधिकतर क्षेत्र में ये सिक्के चलन में है लेकिन मध्य प्रदेश के चंबल संभाग में ऑटो-टेंपो वाले,छोटे दुकानदार,1 या 2 सिक्का ग्राहहक से नहीं ले रहे हैं लेकिन और शासन मौन है एक मोनोपॉली के तहत सिक्कों को बाहर किया जा रहा है यहां ये भारतीय मुद्रा नहीं चलती है। यहाँ के बड़े व्यापारियों,छोटे व्यापारियों और फुटकर दुकानदारों ने एक व दो के सिक्कों को चलन से बाहर कर दिया है। जबकि जम्मू कश्मीर से लेकर इसका खामियाजा आमजन को सेवा के बदले ज्यादा भुगतान करके उठाना पड़ रहा है क्योंकि ये कम पैसे लेते नहीं हैं और शेष बचे पैसे लौटते नहीं है l तक यह सिक्के चलन मे है।यह एक वैध मुद्रा है। सिक्कों को चलन को लेकर आय दिन दुकानदारों और ग्राहकों मे विवाद होता रहता है। इतना ही नहीं ज़िलें की कुछ राष्ट्रीय कृत बैंके भी सिक्के जमा करने से मना कर देती है। कार्रवाई के अभाव में व्यापरी और दुकानदार तानाशाह बने हुए है। अगर जम्मेदारों के द्वारा इनके खिलाफ कार्रवाई की जाए तो इनकी तानाशही खत्म हो जाए।
सिक्के ना लेने वाले का बनाये वीडियो
अगर कोई दुकानदार या व्यापारी एवं ऑटो रिक्शा सहित कोई भी व्यक्ति सिक्का लेने से मना करता है तो उसका वीडियो बनाकर आप नजदीकी थाने में उसके खिलाफ मामला दर्ज करवा सकते हैं। पुलिस को आपकी शिकायत पर संबंधित के खिलाफ मामला दर्ज करना ही पड़ेगा।
सिक्के ना लेने पर सजा और जुर्माना
सिक्के अधिनियम 2011 की धारा छह के तहत रिजर्व बैंक द्वारा जारी किए गए सिक्के भुगतान के लिए कैद मुद्रा है। भारतीय दंड संहिता धारा 489 ए से 489 ई के तहत नोट या सिक्के का जाली मुद्रण या जाली नोट और सिक्के चलाना एवं सही सिक्के लेने से इनकार करना अपराध है। इन धाराओं के तहत किसी विधिक न्यायालय द्वारा आर्थिक जुर्माना और कारावास या दोनों का प्रावधान है।
अफवाह फैलाने पर भी सजा
अगर कोई व्यक्ति सही शक्तियों को नकली बताकर या सिक्के बंद हो गए ऐसी अफवाह फैलाते हैं तो उनके खिलाफ भी सजा का आंकड़ा प्रावधान है। आरबीआई के नियम के अलावा आईपीसी धारा 505 के तहत मामला दर्ज किया जाता है। इसमें अधिकतम 3 साल की सजा और जुर्माने का प्रावधान है। जबकि सिक्के को गलाने पर 7 साल की सजा हो सकती है।
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