G News 24 :दिव्यांगजनों के लिये 170 करोड़ रूपये की लागत से बना स्टेडियम बनकर तैयार

 15 अगस्त से पहले हो सकता है हैंडओवर !

दिव्यांगजनों के लिये 170 करोड़ रूपये की लागत से बना स्टेडियम बनकर तैयार 


ग्वालियर l  एबीवी ट्रिपल आईटीएम के सामने दिव्यांगजनों के लिये 170 करोड़ रूपये की लागत से पहला खेल केन्द्र (स्टेडियम) बनकर तैयार हैं। जिसमें दिव्यांग खिलाड़ी न सिर्फ खेलों का हुनर सीखेंगे बल्कि पढ़ाई भी कर सकेंगे। देशभर के दिव्यांगजनों के लिये लगभग 170 करोड़ रूपये की लागत से खेलगांव सेंटर फॉर डिसेबिलिटी (सीडीएस) बनकर तैयार हो गया है देश के दिव्यांग खिलाडि़यों के लिये ग्वालियर में नई राह खुलने जा रही है। राजस्थान की कंपनी हाईटेक कॉम्पीटेट बिल्डर्स प्रा. लि के प्रोजेक्ट इंचार्ज सागर गुप्ता ने बताया है कि इसका निर्माण 22 हेक्टर एरिया समय सीमा 2 वर्ष की गयी है इसलिये इसे 15 अगस्त तक केन्द्र सरकार को हैंडओवर करना होगा। सामाजिक न्याय और अधिकारिता विभाग की देखरेख में सीपीडब्ल्यूडी विभाग के एसडीओ एसआर सिरोठिया के सुपरविजन में तैयार किया गया है।

दर्शकों के बैठने की क्षमता

आउटडोर स्टेडियम में खेल आयोजन के दौरान में 6 हजार 500 लोगों, इनडोर स्टेडियम में भी 1.5 हजार दर्शकों स्वीमिंग पुल के पास भी 500 दर्शकों की बैठने की व्यवस्था की गयी है। 

छात्रावास में 400 लोग ठहर सकेंगे

इसमें छात्रावास भी बनकर भी तैयार हो गया है प्रोजेक्ट इंचार्ज सागर गुप्ता के अनुसार हॉस्टल में 200 गर्ल्स और 200 बॉयज के ठहरने की व्यवस्था की गयी है। उनकी शिक्षा के साथ स्पेशल ट्रेनिंग भी विभाग की देखरेख में होगी। स्टेडियम में प्रतिभावान दिव्यांग खिलाडि़यों को राष्ट्रीय अंर्तराष्ट्रीय स्पर्धाओं के लिये तैयार किया जायेगा। इसके अलावा अब शहर में भी पैराऑलपिंक जैसे बड़े आयोजन के रास्ते खुलेंगे। खेल केन्द्र स्टेडियम में देश भर के दिव्यांग बच्चों को उनकी योग्यता और मैरिट के आधार पर प्रवेश दिया जायेगा।

ये  खेल केन्द्र में होंगे खास

आउटडोर एथलेक्टिस स्टेडियम, इनडोर स्पोर्ट्स कॉम्पलेक्स, बेसमेंट पार्किंग सुविधा, 2 स्वींमिंग पूल, एक कवर और एक आउटडोर, क्लास रूम के साथ हाईपरफामेंस सेंटर, एथलीट्स के लिये छात्रावास, स्पोर्ट्स एकेडमिक एंड रिसर्च, चिकित्सा सुविधा और प्रशासनिक ब्लॉक हैं।

इन खेलों की ट्रेनिंग मिलेगी

  • इनडोर- बैडमिंटन, बॉस्केटबॉल, टेबिल टेनिस, वॉलीबॉल, जूडो, ताइक्वांडो, तलवारबाजी और रग्बी।
  • अनुकूचित खेल इनडोर- बोस्किया, गोलबॉल, फुटबॉल 5ए साइड, पैराडांस स्पोर्ट्स व लिफ्टिंग। 
  • एकीकृत खेल(आउटडोर)- एथलेटिक्स, तीरंदाजी, फुटबॉल 7ए साइड और टेनिस।
  • स्वींमिंग (इनडोर और आउटडोर)
  • कोच की भर्ती और रोजगार के अवसर बढ़ेंगे

खेलकेन्द्र, स्टेडियम के बाद अलग-अलग खेलों में विभिन्न कोचेस की भर्ती होगी। इससे खेल के क्षेत्र में रोजगार के अवसर बढेंगे। जो लोग स्पेशल डिग्री के साथ किसी खेल में विशेषज्ञ हैं। उन्हें यहां पर नौकरी का मौका मिलेगा। स्थानीय स्तर की प्रतिभाओं को बतौर प्रैक्टिकल भी खेल की नयी विधाओं और तकनीकों का सीखने का अवसर मिलेगा।

खेल केन्द्र बनकर तैयार, नाम फायनल होना है

खेल केन्द्र स्टेडियम का निर्माण कार्य लगभग पूरा हो चुका है। इनमें खेलों के लिये उपकरणों की खरीदारी जैम के माध्यम से की जा रही है। खेल केन्द्र स्टेडियम का फिलहाल नाम तय नहीं हुआ है। इस पर बड़े स्तर पर विचार चल रहा है। जल्द नाम भी तय हो जायेगा। 15 अगस्त खेल केन्द्र स्टेडियम संबंेधित विभाग को हैंडओवर करने की तैयारी चल रही है- श्रीराम सिरोठिया, EE, सीपीडब्ल्यूडी, ग्वालियर

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