पाकिस्तान ने फिर की नापाक हरकत...
सीमा-सचिन से खपा पाकिस्तानियों ने तोड़ दिया हिंदुओं का 150 साल पुराना मंदिर
पाकिस्तान भले ही भूख और गरीबी की भारी मार झेल रहा है, लेकिन वह अपनी नापाक हरकतों से बाज नहीं आ रहा। वह अपने देश के अल्पसंख्यक हिंदुओं और उनकी आस्था पर चोट पहुंचाने का कोई मौका नहीं छोड़ता। पाकिस्तान में हिंदुओं का जबरदस्त उत्पीड़न जारी है। यह बात पाकिस्तान की ही तमाम मीडिया रिपोर्टों में सामने आती रहती है। अब एक बार फिर पाकिस्तान ने अल्पसंख्यक हिंदुओं को निशाना बनाया है। दरअसल पाकिस्तान ने हिंदुओं के 150 साल पुराने मंदिर पर क्रूरता और नफरत का बुलडोजर चला दिया है। अपने आराध्य का मंदिर ध्वस्त होने के बाद से हिंदु दुखी और दहशत में हैं।
यह घटना पाकिस्तान के सिंध प्रांत की राजधानी कराची में हुई है, जहां करीब 150 साल पुराने एक हिंदू मंदिर को पुराना और खतरनाक ढांचा बताते हुए ध्वस्त कर दिया गया है। मंदिर ध्वस्त किये जाने के बाद इलाके में रहने वाले हिंदू समुदाय की आस्था को घहरा आघात पहुंचा है। कराची के सोल्जर बाजार में स्थित मरी माता मंदिर को शुक्रवार देर रात भारी पुलिस बल की मौजूदगी में बुलडोजर की मदद से ढहा दिया गया। क्षेत्र में हिंदू मंदिरों की देखभाल करने वाले रामनाथ मिश्रा महाराज ने कहा, ‘‘उन्होंने (अधिकारियों ने) देर रात मंदिर को गिरा दिया और हमें इसकी कोई जानकारी नहीं थी कि ऐसा होने वाला है।’’ मिश्रा ने कहा कि अधिकारियों ने मंदिर के बाहरी दीवारों और मुख्य द्वार को बरकरार रखा, लेकिन उन्होंने अंदर की पूरी संरचना को ध्वस्त कर दिया। उन्होंने कहा कि मंदिर करीब 150 साल पहले बनाया गया था और कहा जाता था कि मंदिर के प्रांगण में खजाना दबा हुआ था। उन्होंने कहा कि मंदिर 400 से 500 वर्ग गज क्षेत्र में बना था और वर्षों से मंदिर की भूमि को हड़पने का प्रयास किया जा रहा था
मंदिर को तोड़ने के लिए पाकिस्तानी अधिकारियों ने रची साजिश
हिंदुओं के इतने पुराने मंदिर को तोड़ने के लिए पाकिस्तानी अधिकारियों ने साजिश रची। अधिकारियों ने अपनी मंशा के मुताबिक इस मंदिर को खतरनाक संरचना घोषित कर दिया और उसके बाद इसे तोड़ने का फैसला लिया गया। स्थानीय थाने के एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि मंदिर को ध्वस्त कर दिया गया। अधिकारी ने कहा कि मंदिर प्रबंधन ने भारी मन से देवी-देवताओं की प्रतिमाओं को एक छोटे कमरे में स्थानांतरित कर दिया। हिंदू समुदाय के स्थानीय नेता रमेश ने कहा कि मंदिर प्रबंधन पिछले कुछ समय से परिसर खाली करने के दबाव में था, क्योंकि मंदिर के जमीन को जाली दस्तावेजों के आधार पर एक ‘डेवलपर’ को बेच दिया गया था। उन्होंने कहा कि ‘डेवलपर’ मंदिर जमीन पर एक व्यावसायिक इमारत बनाना चाहता है।
हिंदू समुदाय ने पाकिस्तान-हिंदू परिषद, सिंध के मुख्यमंत्री सैयद मुराद अली शाह और सिंध पुलिस के महानिरीक्षक से तत्काल मामले का संज्ञान लेने की अपील की है। कराची में कई प्राचीन हिंदू मंदिर है। पाकिस्तान में हिंदू सबसे बड़ा अल्पसंख्यक समुदाय है। पाकिस्तान में हिंदुओं की सबसे अधिक आबादी सिंध प्रांत में रहती है और मुस्लिम निवासियों के साथ संस्कृति, परंपरा और भाषा साझा करती है।
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